आश्चर्य की बात है कि जल संग्रहण क्षेत्र डेम व हर साल यहां के नालों में आने वाली बाढ़ को देखते हुए पूरे संसाधन आप तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं जानिए आगे खबर में

आश्चर्य की बात है कि जल संग्रहण क्षेत्र डेम व हर साल यहां के नालों में आने वाली बाढ़ को देखते हुए पूरे संसाधन आप तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं जानिए आगे खबर में
आश्चर्य की बात है कि जल संग्रहण क्षेत्र डेम व हर साल यहां के नालों में आने वाली बाढ़ को देखते हुए पूरे संसाधन आप तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं जानिए आगे खबर में

आश्चर्य की बात है कि जल संग्रहण क्षेत्र डेम व हर साल यहां के नालों में आने वाली बाढ़ को देखते हुए पूरे संसाधन आप तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं जानिए आगे खबर में 

बालोद- जिला मुख्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई। आश्चर्य की बात है कि जल संग्रहण क्षेत्र डेम व हर साल यहां के नालों में आने वाली बाढ़ को देखते हुए पूरे संसाधन अब तक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। हालांकि नगर सेना बाढ़ नियंत्रण विभाग दावा कर रहा है कि प्राथमिक स्तर पर राहत बचाव कार्य के लिए पर्याप्त संसाधन है। बड़े रूप में बाढ़ आपदा बचाव व राहत कार्य के लिए दुर्ग की एसडीआरएफ की टीम पर निर्भर रहना पड़ेगा। बीते माह नगर सेना की टीम ने बाढ़ आपदा का पूर्वाभ्यास तांदुला जलाशय में किया। विभाग ने कहा कि बाढ़ आपदा राहत बचाव के लिए हमारी टीम तैयार है, लेकिन विपरीत परिस्थिति बनी तो संसाधनों की कमी से जूझेंगे पड़ेंगे। 

बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित 

नगर सेना की टीम ने तांदुला जलाशय में किया बाढ़ का आपदा का पूर्वाभ्यास तांदुला जलाशय में आपदा से निबटने का अभ्यास किया गया। मानसून ने प्रदेश में दस्तक दे दी है। जोरदार बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे में आपदा से निबटने के लिए प्रशासन ने तैयारी की है। बचाव दल में नगर सैनिकों के साथ गोताखोर भी तैनात किए गए हैं। नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे अधिकारी-कर्मचारी रहेंगे। नगर सेनानी विभाग के मुताबिक वर्तमान में कम संसाधन हैं, लेकिन बेहतर कार्य कर रहे हैं। उसके बाद भी टीम को और बेहतर बनाने नगर सेना ने राज्य व जिला प्रशासन से राहत व बचाव कार्य के लिए और उपकरण मांगें हैं। 

सभी साधन हो तो तुंरत होगा रेस्क्यू 

लोगों व विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि हमारे पास प्राथमिक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पर्याप्त साधन है। बड़ी घटना घट जाए तो दुर्ग की टीम का इंतजार करते हैं। पूरी सुविधा जिले को मिल जाए तो गंभीर केस में भी तत्काल रेस्क्यू शुरू किया जा सकता है। 

रबर मोटर बोट का है बड़ा उपयोग 

जिला सेनानी कार्यालय में दो मोटर बोट उपलब्ध है। इसमें दो रबर बोट विथ इंजन शामिल है। वहीं दो नाव भी है। नगर सैनिक राहत व बचाव कार्य में इन बोटों का उपयोग करेंगे। रबर बोट को किसी भी वाहन में अटैच कर ले जाया जा सकता है। इस बोट से नदी-नाले, जलाशय में भी रेस्क्यू किया जा सकेगा। नगर सेना के मुताबिक बीते माह उच्च अधिकारियों की टीम ने बालोद आकर मोटर बोट की जांच की और पूर्वाभ्यास कराया। 

बाढ़ आपदा से निपटने हमारी टीम तैयार

 

जिला सेनानी दिनेश रावटे ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से बचने व बचाव राहत कार्य के लिए उपकरण है। कुछ उपकरण और चाहिए। हमने उपकरणों की मांग शासन व जिला प्रशासन से की है। बाढ़ आपदा से निबटने हमारी टीम तैयार है। इस साल दो बार पूर्वाभ्यास भी कर चुके हैं। 

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