भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा आज जाएंगे अपनी मौसी के घर, यहाँ जानें क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा? जानिए आगे खबर में
भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा आज जाएंगे अपनी मौसी के घर, यहाँ जानें क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा? जानिए आगे खबर में
हर साल 'जगन्नाथ रथ यात्रा' धूमधाम से निकाली जाती है जिसमें शामिल होने देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं. जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है. यह वैष्णव मंदिर श्रीहरि के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है. पूरे साल इनकी पूजा मंदिर के गर्भगृह में होती है, लेकिन आषाढ़ माह में तीन किलोमीटर की अलौकिक रथ यात्रा के जरिए इन्हें गुंडिचा मंदिर लाया जाता है.
रथ यात्रा का महत्व हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं. रथ यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती हैं. सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है. इस साल जगन्नाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और इसका समापन 12 जुलाई को होगा.
हेमसागर यादव महासमुंद
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