संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा कमरछठ का व्रत, पसहर चावल से महकी घरों की रसोई
संतान की दीर्घायु के लिए माताओं ने रखा कमरछठ का व्रत, पसहर चावल से महकी घरों की रसोई
बालोद//अर्जुन्दा//प्रदेशभर में आज हलषष्ठी की पूजा की जा रही है. इसे लेकर माताओं में काफी उत्साह दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में हलषष्ठी पर्व को कमरछठ के रुप में जाना जाता है. नगर अर्जुन्दा में भी माताओं ने अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए हलषष्ठी का व्रत रख पूजा-अर्चना की.
इस दिन माताएं संतानों की लंबी आयु के लिए सुबह से लेकर रात तक निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत में भगवान शंकर जी की अराधना की जाती है. पूजा के लिए विशेष रुप से भैंस के दूध का ही उपयोग किया जाता है. लाई, नारियल और विशेष प्रकार के चावल से प्रसाद बनाया जाता है.
पसहर चावल का महत्व
इस दिन पसहर चावल का भोग लगाया जाता है और इसे ही प्रसाद (फलाहार) के रूप में ग्रहण किया जाता है. यह चावल मार्केट में 150 से लेकर 250 रुपये किलो तक बिक रहा है. इस चावल के उत्पादन में काफी मेहनत लगती है. लिहाजा इसकी कीमत भी ज्यादा होती है. पसहर चावल का अर्थ यह है कि जिसे हल से ना उगाकर जंगल झाड़ियों मेड या दूसरी जगह से जुटाया जाए, इसे जुटाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. हरछठ का व्रत इस चावल के बिना पूरा नहीं होता.
हलषष्ठी के त्यौहार में नगर अर्जुन्दा में कई श्रद्धालु भैंस का दूध, दही, घी बाँटकर लोगोँ की समस्याओं का हल निकालते हैं यह नेक कार्य नगर अर्जुन्दा के सफल व्यवसायी ...नगर के बस स्टैंड स्थित पिंटू राठी (नन्द मिष्ठान भंडार),वेद सोनकर (सोनकर फल भंडार) द्वारा किया जाता है जिससे नगर के साथ साथ आसपास के लोग भी आते हैं।
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