ग्राम में स्वामी विवेकानंद तकीनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में "अभियंता दिवस" का आयोजन हुआ। 

ग्राम में स्वामी विवेकानंद तकीनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में
ग्राम में स्वामी विवेकानंद तकीनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में

ग्राम में स्वामी विवेकानंद तकीनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में "अभियंता दिवस" का आयोजन हुआ। 

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकीनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में "अभियंता दिवस" का आयोजन हुआ।   

सवर्प्रथम कार्यक्रम की शुरुआत यु टी डी के विश्वेश्वरैया भवन में विश्वविद्यालय के आदरणीय कुलसचिव डॉ के के वर्मा एवं यु टी डी के निदेशक डॉ पी के घोष ने सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या जी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया एवं दीप जलाकर आगे कार्यक्रम की शुरुआत की।  कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ शर्मिष्ठा बैनर्जी द्वारा मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या जी  के  जीवनी को विस्तारपूर्वक बताया एवं उनके द्वारा किये गए विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यो की चर्चा की।   यु टी डी  पी एच् डी के शोधार्थियों द्वारा सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या जी के महत्वपूर्ण कार्यो को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया गया। 

इसके पश्चात यु टी डी के निदेशक डॉ पी के घोष ने माननीय कुलपति डॉ एम् के वर्मा के सन्देश को सभी श्रोताओ के समक्ष अभिव्यक्त किया।  आगे अपने उद्बोधन में डॉ घोष ने विश्वेश्वरय्या के विभिन्न कार्यो को बताया ,जैसे एक बार कुछ भारतीयों को अमेरिका में कुछ फैक्टरियों की कार्यप्रणाली देखने के लिए भेजा गया। फैक्टरी के एक ऑफीसर ने एक विशेष मशीन की तरफ इशारा करते हुए कहा, "अगर आप इस मशीन के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको इसे 75 फुट ऊंची सीढ़ी पर चढ़कर देखना होगा"।

भारतीयों का प्रतिनिधित्व कर रहे सबसे उम्रदराज व्यक्ति ने कहा, "ठीक है, हम अभी चढ़ते हैं"। यह कहकर वह व्यक्ति तेजी से सीढ़ी पर चढ़ने के लिए आगे बढ़ा। ज्यादातर लोग सीढ़ी की ऊंचाई से डर कर पीछे हट गए तथा कुछ उस व्यक्ति के साथ हो लिए। शीघ्र ही मशीन का निरीक्षण करने के बाद वह शख्स नीचे उतर आया। केवल तीन अन्य लोगों ने ही उस कार्य को अंजाम दिया। यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि डॉ॰ एम.विश्वेश्वरैया थे जो कि सर एमवी के नाम से भी विख्यात थे। वह किसी भी कार्य को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करने में विश्वास करते थ।  

डॉ घोष ने  सभी अभियंताओं को प्रतिज्ञा पढ़ने को कहा एवं उनके जैसा आदर्श स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।  इसके बाद डॉ आर ब्रजेश ने अपने इंजीनरिंग के समय के पलों को साझा किये।  प्रोफेसर आर एन पटेल ने सभी को अभियंता दिवस की शुभकामनाये दी एवं सभी को सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या के आदर्शो पर चलने के लिए प्रेरित किया।  अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ नचिकेत तापस द्वारा दिया गया।  मंच का संचालन डॉ शर्मिष्ठा बैनर्जी द्वारा किया । 

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