वैश्विक महामारी कोविड 19 के नियंत्रण हेतु जारी प्रोटोकॉल के उल्लंघन व कर्तव्य के प्रति उदासीन कर्मचारी पर अनुशासनात्मक करने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री को लिखा पत्र

वैश्विक महामारी कोविड 19 के नियंत्रण हेतु जारी प्रोटोकॉल के उल्लंघन व कर्तव्य के प्रति उदासीन कर्मचारी पर अनुशासनात्मक करने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री को लिखा पत्र
वैश्विक महामारी कोविड 19 के नियंत्रण हेतु जारी प्रोटोकॉल के उल्लंघन व कर्तव्य के प्रति उदासीन कर्मचारी पर अनुशासनात्मक करने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री को लिखा पत्र

वैश्विक महामारी कोविड 19 के नियंत्रण हेतु जारी प्रोटोकॉल के उल्लंघन व कर्तव्य के प्रति उदासीन कर्मचारी पर अनुशासनात्मक करने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री को लिखा पत्र

दुर्ग जिले के तेज तर्रार युवा नेताओं में शुमार रहे पर्यावरणविद् किशोर कुमार भारद्वाज जोकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के कुलपति सचिवालय में सलाहकार सह प्र. जनसंपर्क अधिकारी के पद पर पदस्थ है,कार्यालय में छात्रों सहित व्हीआईपी नागरिकों का आगमन होते रहता है जिनके सुरक्षा के लिहाज से वे आज दिनांक 24/03/2021 दोपहर 02:30 बजे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (यू पी एच सी) टंकी मरोदा भिलाई में कोविड-19 संक्रमण जांच हेतु सैम्पल देने गए थे। वहां की महिला नर्स द्वारा परीक्षण हेतु नमूना संग्रह देने के लिए अगले दिन आने का बात बोला गया तथा अन्य कहीं चालू जांच केंद्र के बारे में पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया गया तत्पश्चात तत्काल भारद्वाज ने अपने मोबाइल से सीएमओ दुर्ग डॉ.गंभीर सिंह को उनके मोबाइल नंबर 7748078892 पर घटना क्रम का सूचना दिया। सीएमओ दुर्ग द्वारा नर्स से फोन पर बात कराने बोले जाने पर मोबाइल स्पीकर में डाल कर आगे किया गया तो नर्स बात करने से बच रही थी, सीएमओ द्वारा नाम पुछने पर वह अपना नाम भी नहीं बताई बाद में नर्स सीएमओ से बात की और सीएमओ द्वारा सेम्पल लेने के स्पष्ट निर्देश को ताक में रख कर गोल मोल जवाब नर्स द्वारा दिया गया , कि स्टाफ नहीं है मैं अकेली हूं,फिर पीपीई कीट पहनना पड़ेगा आदि। फिर सीएमओ द्वारा मोबाइल बंद किए जाने पर नर्स ने भारद्वाज के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए बोला गया कि आपको जहाँ शिकायत करना है करें नमूना आज नहीं लूंगी आना है तो कल आएं। ड्यूटी पर तैनात नर्स के उक्त सभी कृत्य को शासन द्वारा महामारी नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम को कमजोर करने के साथ कर्मचारी के अनुशासन हीनता हैं बताते हुए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है कि इस प्रकार कर्मचारियों के व्यवहार से आम लोग शासन के कार्यक्रम में सहयोग करने से बचते हैं और इसके खामियाजा के रूप में दिन प्रतिदिन संक्रमित व्यक्ति की संख्या बढ़ रही है। दोषी कर्मचारी ड्यूटी नर्स पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जावे जिससे भविष्य में कोई भी कर्मचारी अपनी कर्तव्य के प्रति लापरवाही ना बरते और शासन के कार्यक्रम का क्रियान्वयन शत् प्रतिशत है सके ।