कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ कामत साहू शिक्षक

कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ कामत साहू शिक्षक
कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ कामत साहू शिक्षक

कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ कामत साहू शिक्षक

*विकट विपदा का दंगल है,*

*कुंठा,शोक,भय अमंगल है।*

*छूटे मित्र और प्रियजन है,*

*उनको कभी ना वापस पाऊँ,*

*फिर कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ।।*

*दुनिया भर मे मची खलबली,*

*अरे वो निर्दयी दुष्ट बाहुबली।*

*चारो ओऱ हाहाकार मची है,*

*इस चीत्कार को मिटा ना पाऊँ।*

*फिर कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ।।*

*सता रही जीवन की चिंता*

*कैदी सा बेदर्दी में बीता।*

*अपनो से हुआ दोयम व्यवहार,*

*इसको कैसे मैं भूल जाऊँ।।*

*फिर कैसे शक्ति पर्व मनाऊँ।।*

*आदिशक्ति माँ जगदम्बा से संकट को दूर करने के लिए प्रार्थना के साथ*

 *के पी साहू* *गुण्डरदेही*