जिला दण्डाधिकारी  कुलदीप शर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022: संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु आदेश जारी

जिला दण्डाधिकारी  कुलदीप शर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022: संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु आदेश जारी
जिला दण्डाधिकारी  कुलदीप शर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022: संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु आदेश जारी

 

जिला दण्डाधिकारी  कुलदीप शर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022: संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु आदेश जारी

बालोद :- जिला दण्डाधिकारी कुलदीप शर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022 यथा- जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन 09 जनवरी 2023 को बालोद जिला में संपन्न होने जा रहा है।

     इस दौरान राजस्व जिला बालोद के ग्रामीण क्षेत्रों यथा-विकासखण्ड-बालोद के जनपद पंचायत क्षेत्र क्र. 11 (मुजगहन, करहीभदर, सांकरा (क.), हथौद), ग्राम पंचायत मुल्लेगुड़ा, सिवनी, मटिया, नर्रा, विकासखण्ड- गुरुर के ग्राम पंचायत भोथली, सोरर, विकासखण्ड-गुण्डरदेही के ग्राम पंचायत डुण्डेरा, रेंहची कोंगनी, विकासखण्ड- डौण्डीलोहारा के ग्राम पंचायत परसाडीह (ज) सिवनी, राघोनवागांव, खपरी, कोसमी, विकासखण्ड-डौण्डी के ग्राम पंचायत धोतिमटोला में विभिन्न राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय व अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते हैं, बैनर लगाये जाते हैं, पोस्टर चिपकाये जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झण्डियां लगाई जाती है,

        जिसके कारण शासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। इस संबंध में शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1994 पारित किया गया है।

     इस अधिनियम की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।

      छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1994 की धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश दिया जाता है कि चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा आदेश की पैरा 01 में उल्लेखित ग्रामीण क्षेत्रों के सीमा क्षेत्रों के अंतर्गत किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झण्डियां लगाई जाती है अथवा ऐसे पोस्टर एवं बैनर लगाकर शासकीय संपत्तियों को विकृत किया जाता है, तो ऐसे पोस्टर एव बैनर हटाने के लिए चुनावी नारे मिटाने के लिए अनुभाग एवं तहसील स्तर पर ‘लोक संपत्ति सुरक्षा दस्ता‘ तत्काल प्रभाव से लगाया जाए। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग स्थानीय निकाय के कर्मचारी पदस्थ रहेंगे।

       यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी संपत्ति को बिना उसके स्वामी के लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक सुरक्षा दस्ता निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत जॉच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे।

 अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी लोक संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा शिकायत की जांच कर तथ्य सही पाये जाने पर लोक सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे।

अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी उपरोक्त के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में भेजेंगे।

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद