संवरने से पहले उजड़ गया प्रर्यावरण पार्कक्या हाल है Cgnewsplus24 पर

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संवरने से पहले उजड़ गया प्रर्यावरण पार्कक्या हाल है Cgnewsplus24 पर

संवरने से पहले उजड़ गया प्रर्यावरण पार्क देखिये क्या हाल है Cgnewsplus24 पर

*बालोद- जिला मुख्यालय के पानाबरस डिपो में 22 हैक्टेयर में बनाए गए* पर्यावरण पार्क उद्धाटन के पहले ही कबाड़ होकर झाड़ियों में तब्दील हो गया है। प्रर्यावरण पार्क का निर्माण तीन साल से अधूरा है, लेकिन यह बिना उपयोग के ही उजड़ गया है। लाखों के झूले, एडवेंचर,ट्रैक निर्माण,वॉच पार्क,वन औषधि प्लांट सहित अन्य सामग्री टूट गई है। वन विभाग ने पर्यावरण पार्क के नाम पर एक करोड़ 29 लाख खर्च कर डाले है। इस तरह संवरने से पहले पार्क उजड़ गया। वन विभाग ने इन तीन वर्षों में सिर्फ एक बड़ा स्वागत द्वार ही बना है। वह भी जर्जर होने की स्थिति में है। पार्क के बारे में वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एडवेंचर पार्क पहले बना था जो प्रर्यावरण में तब्दील होने और बायो डायवसिर्टी पार्क में डेवलप करने की बाते कही जा रही हैं। *संवरने से पहले उजड़ गया प्रर्यावरण पार्क* 

जिला मुख्यालय के पानाबरस डिपो में बनाए गए पर्यावरण पार्क का निर्माण तीन साल से अधूरा है, लेकिन यह बिना उपयोग के ही उजड़ गया। वन विभाग ने पर्यावरण पार्क के नाम पर एक करोड़ 29 लाख खर्च कर डाले है। इस तरह संवरने से पहले पार्क उजड़ गया। वन विभाग ने इन तीन वर्षों में सिर्फ एक बड़ा स्वागत द्वार ही बना है।पार्क में लगाए गए झूले व अन्य सामग्री उद्धाटन के पहले हो गई कबाड़*

*जानकारी के पर्यावरण पार्क की स्वीकृति* 2016-17 में मिली थी, जिसके लिए दो किस्तों में राशि जारी की गई। पर्यावरण पार्क के निर्माण में लगभग 1 करोड़ 29 लाख खर्च कर डाले है। पार्क बना नहीं है। यहां झूला, एडवेंचर, ट्रेक निर्माण,वॉच टॉवर सभी लगा दिए। इनका उपयोग से पहले यह सामान सड़ चुका है। पार्क का पूरा एरिया में झाड़ी उग गई हैं जिसके कारण उक्त पार्क जर्जर होने लगी हैं।वन विभाग ने पर्यावरण पार्क बनाने के नाम पर करोड़ों खर्च किया है। पाना बरस डिपो के लगभग 22 हेक्टेयर जमीन को चिन्हांकित लगभग एक करोड़ 26 लाख से विभिन्न कार्य कराए हैं। अब यह पार्क जर्जर हो गया है।

*अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया प्रर्यावरण पार्क*

 जिला मुख्यालय में पर्यावरण पार्क बनाने का उद्देश्य लोगों को सुकून के पल देना था। लोगों को घूमने-फिरने एवं आराम करने की अच्छी जगह मिल सके। बच्चों के खेलने के लिए अच्छा माहौल मिल जाए। लेकिन यह पर्यावरण पार्क अधिकारियों की लापरवाही की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। *औषधि वाटिका का पता नहीं,केवल लगा नेम प्लेट*

 इस पर्यावरण पार्क में ट्रैक, शौचालय, फेंसिंग बनाया गया है। लोगों को दुर्लभ औषधियों के बारे में जानकारी देने औषधि वाटिका बनाया गया है, लेकिन औषधि वाटिका में रोपे गए औषधि पौधे का ही पता नहीं है। केवल अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लगाए पौधे के पास नाम अंकित वाला नेम प्लेट ही लगा है। हालांकि अभी भी कुछ कार्य वन विभाग कर रहा है।

*प्रोजेक्ट रिपोर्ट में जो खामियां हैं, उसे दूर करने का किया जाएगा प्रयास*

मयंक पांडेय वन मंडलाधिकारी बालोद

बायो डायवसिर्टी पार्क बनेगा तो इसका उपयोग नही रहेगा,एडवेंचर पार्क बना था जो प्रर्यावरण पार्क में तब्दील हो रहा है, फिलहाल उसे रोका गया है।प्रोजेक्ट रिपोर्ट में जो खामियां हैं उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।बायो डायवसिटी पार्क में डेवलप किया जा रहा है।

                    अरुण उपाध्याय

                         जिलाध्यक्ष

छत्तीसगढ़ जनरिस्ट वेलफेयर यनियन बालोद