पिंगुआ कमेटी को शिक्षक संवर्ग के वेतन विसंगति,प्राचार्य पदोन्नति एवं तृतीय समयमान पर दस्तावेज सहित पक्ष रखा गया है- शिक्षक फेडरेशन

पिंगुआ कमेटी को शिक्षक संवर्ग के वेतन विसंगति,प्राचार्य पदोन्नति एवं तृतीय समयमान पर दस्तावेज सहित पक्ष रखा गया है- शिक्षक फेडरेशन
पिंगुआ कमेटी को शिक्षक संवर्ग के वेतन विसंगति,प्राचार्य पदोन्नति एवं तृतीय समयमान पर दस्तावेज सहित पक्ष रखा गया है- शिक्षक फेडरेशन

पिंगुआ कमेटी को शिक्षक संवर्ग के वेतन विसंगति,प्राचार्य पदोन्नति एवं तृतीय समयमान पर दस्तावेज सहित पक्ष रखा गया है- शिक्षक फेडरेशन

छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन बालोद के जिला अध्यक्ष राधेश्याम साहू ने बताया कि प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने पिंगुआ कमेटी के समक्ष शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षक संवर्गों के वेतन विसंगति,प्राचार्य पदोन्नति एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त हुए शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति मुद्दे पर दस्तावेज सहित पक्ष रखा है।

उन्होंने बताया कि केंद्र एवं राज्य के शिक्षकों का वेतनमान चौथे वेतन आयोग के अनुशंसा अनुसार एक समान था। लेकिन केंद्रीय वेतन आयोग के पाँचवे, छठवे एवं सातवे वेतनमान में शिक्षक संवर्ग क्रमशः सहायक शिक्षक,उच्च वर्ग शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य के वेतनमान की अनुशंसा को दरकिनार करते हुए मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में वेतन पुनरीक्षण नियम 1998,2009 एवं 2016 लागू किया गया। इन पुनरीक्षित वेतनमानों में सभी कर्मचारी- अधिकारी संवर्ग को केंद्र के समान वेतनमान स्वीकृत हुआ। लेकिन *शिक्षक संवर्ग को केन्द्र के समान वेतनमान स्वीकृत नहीं करने का बड़ा खेला हुआ* ।जिसके कारण आर्थिक नुकसान के साथ अनेक विसंगति उत्पन्न हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी विभागों में कार्यरत कुल कर्मचारी-अधिकारी की संख्या में 50 % से अधिक संख्या शिक्षक संवर्ग की है। जोकि छत्तीसगढ़ राज्य के कोने-कोने में कार्यरत हैं। शिक्षकों की संख्या बहुतायत है।अनेक संगठनों के अधिकांश प्रमुख पदाधिकारी एवं सदस्य शिक्षक हैं। लेकिन शिक्षकों की संख्या बल एकजुट नहीं होने के कारण शिक्षकों का शोषण सभी मामलों में रहा है। उनका कहना है कि *शिक्षकों को अपने हक के लिए एकजुट होना होगा*।

उन्होंने बताया कि प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने वेतन विसंगति का तथ्यात्मक दस्तावेज चार्ट सहित पिंगुआ कमेटी को सौंपकर शिक्षक संवर्ग को केन्द्र के समान वेतनमान स्वीकृति की अनुशंसा करने का पक्ष रखा है।

उन्होंने बताया कि कमेटी को अवगत कराया गया है कि सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को आज पर्यन्त तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ है। जबकि शासन के समस्त कर्मचारी-अधिकारी संवर्गों को तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ शासनादेश 8/8/2018 के द्वारा मिल रहा है। फेडरेशन के लगातार ज्ञापन एवं *नियाय पाती अभियान* के बाद संचालनालय से विभाग को संभावित वार्षिक व्ययभार युक्त प्रस्ताव 31/10/2020 को भेजा गया है। जिसपर विभाग मौन है।

उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीनस्थ शासकीय इंजिनीरिंग महाविद्यालयों एवं पॉलीटेक्निक संस्थाओं में कार्यरत अलिपिकीय पदों के वेतन विसंगति निराकरण का पक्ष कमेटी के समक्ष पक्ष, अध्यक्ष अरुण ध्रुवे के प्रस्ताव अनुसार रखा गया है।जोकि ब्रह्मस्वरूप समिति के अनुशंसा अनुसार कुशल सहायक,कुशल परिचारक, विद्दुतकार,प्लम्बर, फिटर, ट्रेसर,बायलर अटेंडेंट, इंजन ड्राइवर तथा अटेंडेंट पद का वेतनमान 3050-4590(ग्रेड पे 1900,लेवल-4) के स्थान पर 4000-6000(ग्रेड पे 2400, लेवल-6) करने,कर्मशाला निर्देशक,कनिष्ठ निर्देशकेवम प्रयोगशाला तकनीशियन पद का वेतनमान 4500-7000 ग्रेड पे 2800,लेवल-7 के स्थान पर 5000-8000,ग्रेड पे 4200, लेवल-8 करने तथा तकनीकी सहायक पद का वेतनमान अन्य तकनीकी संस्थाओं के समान 4500-7000,ग्रेड पे 2800, लेवल-7 के स्थान पर 5500-9000,ग्रेड पे 4300,लेवल- 9 करने तथा मानचित्रकार का वेतनमान 5000-8000,ग्रेड पे 4200,लेवल-8 के स्थान पर अन्य विभागों के समान 5500-9000,ग्रेड पे 4300,लेवल-9 करने का पक्ष रखा गया है।तकनीकी शिक्षा विभाग के भर्ती पदोन्नति नियम एवं सेटअप में उल्लेखित पदों में एकरूपता लाने का पक्ष रखा गया है। व्यावसायिक पाठ्यक्रम के व्याख्याताओं को समयमान वेतन एवं पदोन्नति का पक्ष दस्तावेजों सहित कमेटी को प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने बताया कि ई एवं टी संवर्ग में प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने का पक्ष रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्राचार्य पदोन्नति आदेश ई- संवर्ग में 5/11/2014, 18/6/2015 एवं 25/6/2016 तथा टी-संवर्ग में 3/4/1999, 8/11/2007 एवं 5/6/2013 (परिभ्रमण) को जारी हुआ था। कभी आरक्षण पर न्यायालय आदेश के बहाने,तो कभी न्यायालयीन प्रकरण,तो कभी भर्ती पदोन्नति नियम 2019 में पात्रता के बहाने पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो रहा है। पात्रताधारी वरिष्ठ शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं, विभागीय अधिकारी केवल कागजी रेल चला रहे हैं।इस मुद्दे के पक्ष को पिंगुआ कमिटी के समक्ष रखा गया है।उन्होंने बताया कि 14 % बकाया महँगाई भत्ता, सातवे वेतन पर गृह भाड़ा भत्ता, सातवे वेतन का बकाया 3 क़िस्त एरियर्स का भुगतान तथा चार स्तरीय वेतनमान का पक्ष रखा गया है।उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने विस्तृत पक्ष दस्तावेजों सहित प्रस्तुत किया है। कमेटी के अध्यक्ष प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, वित्त सचिव अलरमेलगंगई डी एवं सचिव स्कूल शिक्षा/सामान्य प्रशासन विभाग डॉ कमलप्रीत सिंह को सभी मुद्दों का दस्तावेज प्रांताध्यक्ष ने प्रत्यक्ष सौंपा है।