पूर्व के प्रभारी डीईओ बसंत बाघ की लापरवाही का दंश झेल रहे रसोईया संघ, मध्यान भोजन अंतर्गत सर्वर में बचत 3 करोड़ 79 लाख रुपये की राशि भेजी वापस शासन को-
पूर्व के प्रभारी डीईओ बसंत बाघ की लापरवाही का दंश झेल रहे रसोईया संघ, मध्यान भोजन अंतर्गत सर्वर में बचत 3 करोड़ 79 लाख रुपये की राशि भेजी वापस शासन को-
बालोद- 5 माह से लंबित राशि की मांग को लेकर रसोईया संघ द्वारा लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जिला शिक्षा कार्यालय में जमकर हंगामा किया गया। जिले के पूर्व प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बसंत बाघ की लापरवाही के कारण रसोईया संघ को पिछले 5 माह से उनकी मानदेय राशि नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि तीन करोड़ 79 लाख रुपए की राशि को पूर्व में प्रभारी रहे जिला शिक्षा अधिकारी बसंत बाघ ने शासन को वापस भेज दी। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी बसंत बाघ ने फोन के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि 14 अगस्त 2021 को उन्हे प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया था, और 6 सितंबर को उन्हें शासन से पत्र प्राप्त हुआ था कि जो पीएफएमएस राशि है। उसे वापस भेजा जाए। जिसके बाद पूर्व प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बसंत बाघ द्वारा सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर मध्यान भोजन अंतर्गत सर्वर में बचत राशि का समर्पण करने पत्र जारी किया गया। जिसके बाद राशि को शासन को वापस भेजा गया हैं। अगर शासन से प्राप्त आदेश के पूर्व ही मध्यान भोजन संचालकों को 1-2 माह की राशि डाल दी जाती, तो आज संचालकों को धरना प्रदर्शन करने की नौबत नही आन पड़ती। इसकी वजह जिले के सभी मध्यान भोजन संचालक कर्जदार बन गए हैं। इस लापरवाही के कारण आज 5 महीने से रसोईया संघ काफी परेशान हैं। जिसकी वजह से पिछले 3 दिनों से जिला शिक्षा कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हो चुके है। दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में बालोद ब्लाक के शिक्षा अधिकारी बसन्त बाघ को 14 अगस्त को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया था। लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान कई लापरवाही की गई। जहां इतनी बड़ी लापरवाही की रसोइया संघ के 5 माह का वेतन नहीं मिला और सरकार को वापस भेज दिया गया। जहां अब रसोइया संघ इस पूरे मामले को लेकर काफी आक्रोश हैं। बहरहाल मध्यान भोजन संचालकों में बालोद एसडीएम रामसिंह ठाकुर को राशि जल्द दिलाने और राशि नही मिलने तक मध्यान भोजन का संचालन बन्द करने ज्ञापन सौपा है। तो इधर मामले को गंभीरता से लेते हुए संजारी बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने तत्काल पूरे मामले को लेकर शिक्षा मंत्री से बात की और अगले सप्ताह 2 करोड की राशि रसोईया संघ के लिए देने की बात भी कही गई है। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जवाब दे- मध्यान भोजन प्रभारी चंचल सरकार ने बताया कि अब तक किसी भी राशि की जानकारी नहीं है, हमें जब तक लिखित रूप से एक राशि का सबूत नहीं मिल पता तब तक की हमारी राशि कितनी थी और क्यों गई है और किनके कार्यकाल में गई है। श्री बाघ जी के कार्यकाल में वो राशि वापस गई है। जब स्वसहायता समूह और मध्यान भोजन की राशि थी तो उस राशि के वापस होने का कोई औचित्य नहीं था। तो जवाब दें उस समय के अधिकारी जो उस समय थे वो जवाब दें की हमारी राशि क्यों गई है। आज हम कर्ज की स्थिति में नहीं डूबते और आंदोलन करने को बाध्य नहीं होते। हम इसका जिम्मेदार उसी अधिकारी को मानते हैं। जिनके समय में मध्यान भोजन की राशि गई है। वापस वो आये और इसका जवाब दें तभी ये आंदोलन बंद होगा। जिला संघ अध्यक्ष श्रीमती लोमेश्वरी साहू ने कहा कि हम 3 दिन से आ रहे है। पिछले हफ्ते भी आये थे कि हमारी जिला अधिकारी से मुलाक़ात हो जाये। बात हो जाये। लेकिन अभी तक मुलाक़ात नहीं हो सकी है। आज भी हमें टाइम दिया गया था 11 बजे का लेकिन वो अभी तक नहीं आई हैं। हमें पता चला है की अगस्त से अक्टूबर तक का हमारा जो पैसा था वो वापस हो गया है। जो उस समय के जिला शिक्षा अधिकारी थे श्रीमान बाघ सर वो हमें बताये कि किस वजह से पैसा वापस गया है। उस पैसे कि हमें पूरी जानकारी चाहिए। अगर वो राशि रहती तो हम लोगों को ये आंदोलन नहीं करना पड़ता और हम यहां खड़े ही नहीं रहते। कर्ज की वजह से हमारा जेवरात तक गिरवी पड़ा हैं।