बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के देवरी क्षेत्र के ग्राम किसना में बुधवार को दोपहर 2.30 बजे गाज (आकाशीय बिजली) की चपेट में आने से तीन महिलाओं की हुई मौत जिसमे से एक गर्भवती महिला भी शामिल गुंडरदेही क्षेत्रीय विधायक कुँवर सिंह निषाद घटना स्थल पर तत्काल जाकर परिजनों से की मुलाक़ात
बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के देवरी क्षेत्र के ग्राम किसना में बुधवार को दोपहर 2.30 बजे गाज (आकाशीय बिजली) की चपेट में आने से तीन महिलाओं की हुई मौत जिसमे से एक गर्भवती महिला भी शामिल
गुंडरदेही क्षेत्रीय विधायक कुँवर सिंह निषाद घटना स्थल पर तत्काल जाकर परिजनों से की मुलाक़ात
बालोद :- जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के देवरी क्षेत्र के ग्राम किसना में बुधवार को दोपहर 2.30 बजे गाज (आकाशीय बिजली) की चपेट में आने से चमेली बाई निषाद (43) व उनकी बहू कामिन बाई निषाद (26), मजदूरी करने गई बसंती बाई साहू (37) की मौत हो गई। तीनों महिलाएं खेत में धान का करगा निकालने व निंदाई करने गए थे।
दोपहर में हल्की बारिश के बीच बादल गरज रहे थे। तब खेत के मेढ़ में ये खाना खा रहे थे। तभी यह घटना हुई। घटना के 15 मिनट पहले ही खेत मालिक किसान व एक महिला खाना खाने के लिए घर चले गए थे, इसलिए दोनों बच गए।
**** जिले में यह पहली घटना है ****
जब गाज से एक साथ तीन लोगों की मौत हुई है। चमेली बसंती बाई घटना की जानकारी मिलने के बाद तीनों को निजी वाहन से ग्रामीण व परिजन सीएचसी देवरी ले गए।
जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। इसके पहले घटनास्थल पर परिजन रोते बिलखते रहें। डौंडी लोहारा सीएचसी में गुरुवार को तीनों शव का पीएम होगा।
घटना की जानकारी मिलने के बाद संसदीय सचिव व गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां परिजनों व ग्रामीणों से चर्चा कर घटना की जानकारी ली।
डॉक्टरों व पुलिस को पंचनामा व अन्य कार्यवाही जल्द करने कहा।ग्राम किसना के चंद्रेश साहू ने बताया कि जिस स्थान पर गाज गिरने की घटना हुई, वहां से गांव की दूरी लगभग 300 मीटर है।
सड़क से खेत लगा हुआ है। सड़क से गुजर रहे एक अज्ञात व्यक्ति ने तीनों को बेसुध पड़े हुए देखा, जिसके बाद गांव के चौक में आकर घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंचे तो तीनों की सांसें थम चुकी थी।
एक महिला व एक पुरुष खाना खाने घर गए थे, इसलिए जान बच गई। मृतकों के चेहरे व शरीर के अन्य हिस्से, कपड़े भी जल गए थे। जहां गाज गिरा है, वहां काले रंग के निशान पड़ गए थे।
तीनों खाना खाने बैठी थी। तभी गाज गिरने की घटना हुई है।गाज गिरने से बचने की संभावना बेहद कम होती है जिला अस्पताल के डॉ. अमित गौर ने बताया कि गाज गिरने के बाद व्यक्ति के बचने की संभावना कम रहती है अगर बच भी जाते है, तो पैरालिसिस या अन्य बीमारी से जूझते रहते है।
गाज यानी इलेक्ट्रिसिटी यानी बिजली ही है। बिजली में दो टर्मिनल पॉजिटिव और निगेटिव होता हैं। पॉजिटिव को धनात्मक और निगेटिव को ऋणात्मक टर्मिनल कहते हैं। बिजली की धारा हमेशा धनात्मक से ऋणात्मक की और बहती है।
और जब धारा मनुष्य के शरीर से होकर गुजरती है, तो बिजली का झटका लगता है यह इतना पॉवरफुल होता है, कि कुछ ही पल में व्यक्ति की मौत हो जाती हैं।
रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद मो नम्बर :- 94255 72406