हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में कई समस्याएं विद्यमान है। यहां बाउंड्रीवाल को अधूरा छोड़ देने का खामियाजा

हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में कई समस्याएं विद्यमान है। यहां बाउंड्रीवाल को अधूरा छोड़ देने का खामियाजा
हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में कई समस्याएं विद्यमान है। यहां बाउंड्रीवाल को अधूरा छोड़ देने का खामियाजा

हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में कई समस्याएं विद्यमान है। यहां बाउंड्रीवाल को अधूरा छोड़ देने का खामियाजा

बालोद- हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में कई समस्याएं विद्यमान है। यहां बाउंड्रीवाल को अधूरा छोड़ देने का खामियाजा छात्र-छात्राएं व शिक्षक भुगत रहे हैं। शाम होते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। शराबी यहां बैठ कर आराम से शराब पीते हैं। इसके अलावा मुख्य मार्ग से स्कूल तक जाने कोई सुगम रास्ता भी नहीं है।बारिश के दिनों में खासी परेशानी से जूझना पड़ता है।स्कूल भवन में पर्याप्त कमरे नहीं होने से बच्चों को ठूंस ठूंस कर बिठाना शिक्षकों की मजबूरी बन जाती है। वही यहां प्यून के पद तो स्वीकृत है लेकिन एक भी की पोस्टिंग नहीं की गई है।जिले के हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल इन दिनों कई समस्याओं से जूझ रहा है। यहां स्कूल के लिए भवन तैयार कर बाउंड्रीवाल बनाया गया है, जो पिछले पांच साल से अधूरा है। यही वजह है कि स्कूल का परिसर सुरक्षित नहीं है। जैसे ही स्कूल से छुट्टी होती है तो शाम को यहां शराबियों का मजमा लग जाता है। शराबी यहां बैठकर ना केवल आराम से शराब पीते हैं, बल्कि ईटों से चूह्ला बना कर अपना चखना भी तैयार करते हैं।यही नहीं जाते समय शराब की बोतलों को फोड़ देते हैं। पानी पाउच डिस्पोजल को परिसर में छोड़कर चले जाते हैं। शराबी शराब की बोतलों को तोड़कर मैदान में इधर-उधर फेंक देते हैं। इसके अलावा कई समस्याओं से स्कूल सामना कर रहा है। बाउंड्रीवाल नहीं होने से स्कूल के अंदर पौधे भी नहीं लगाए जा पा रहे हैं। वही स्कूल की दीवारों में सीलन होने के कारण दीवारें साफ-सुथरी नजर नहीं आती। सीलन के कारण ही स्कूल की दीवारों तक में दीमक पहुंच चुका है। हालत यह है कि स्कूल में बने लकड़ी के प्लेटफार्म को भी दीमक चट कर रहे हैं।

 प्यून के चार पद स्वीकृत पर पोस्टिंग एक भी नहीं

 हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में शासन द्वारा चार पद प्यून की स्वीकृति दी गई है, लेकिन यहां एक ही पद पर पोस्टिंग नहीं की गई है। इसके चलते फाइलों को लाने ले जाने का काम शिक्षकों को स्वयं करना पड़ रहा है। इसके अलावा यहां पर सहायक ग्रेड 3 की भी कमी है।

 पर्याप्त कमरों का अभाव

 210 छात्र-छात्राओं की संख्या वाले इस स्कूल में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं लगती है।यहां मैथ्स, बायो, आर्ट्‌स सभी की कक्षाएं है। इनके लिए पर्याप्त कमरे नहीं है।यही वजह है कि बधाों को बिठाने शिक्षकों को काफी परेशानी होती है।

 स्कूल तक पहुंचने में होती है परेशानी

 इस स्कूल का निर्माण 2016 में किया गया है। इससे पहले हायर सेकेंडरी स्कूल की कक्षाएं बस्ती में लगती थी। नया भवन गांव से बाहर बनाया गया है। इस स्कूल तक मुख्य मार्ग से पहुंचने बड़ी मश-त करनी पड़ती है। लगभग आधा किलोमीटर तक कोई रास्ता ही नहीं है।गर्मी के दिनों में खेतों से व भांठा के रास्ते से होकर यहां पहुंचा जा सकता है। वहीं बारिश के दिनों में कई बार साइकिल और मोटरसाइकिल को सड़क किनारे छोड़कर ही स्कूल जाना पड़ता है।

 बाउंड्रीवाल की आवश्यकता

 03 बाउंड्रीवाल नही होने से मवेशियों के कारण पौधे नही बढ़ पा रहे है।हायर सेकेंडरी स्कूल चौरेल में बच्चों की संख्या को देखते हुए चार अतिरिक्त कमरों की सख्त आवश्यकता है। इसके अलावा यहां पर सभी बच्चों को एक साथ बिठाकर कोई कार्यक्रम आयोजित करने के लिए हाल भी नहीं है। इसलिए एक हाल की भी जरूरत महसूस की जा रही है। स्कूल भवन में मात्र एक लैब है जबकि यहां फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो के लेब की भी आवश्यकता है।इस तरह देखा जाए तो दो लेब की भी यहां पर सख्त आवश्यकता है। इसके अलावा बाउंड्री वाल को भी पूरा किए जाने की जरूरत है, ताकि स्कूल का भवन सुरक्षित रहें और स्कूल के अंदर पौधों को रोपित कर हरा-भरा बनाया जा सके।