* टीबी से जूझते हर व्यक्ति को हमारे साथ कि जरूरत है, भेदभाव की नही।*

* टीबी से जूझते हर व्यक्ति को हमारे साथ  कि जरूरत है, भेदभाव की नही।*
* टीबी से जूझते हर व्यक्ति को हमारे साथ  कि जरूरत है, भेदभाव की नही।*

* टीबी से जूझते हर व्यक्ति को हमारे साथ कि जरूरत है, भेदभाव की नही।*

विश्व टीबी दिवस के अवसर पर REACH संस्था के द्वारा 24 मार्च को बालोद में टीबी और कलंक के समन्ध में हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया इस हस्ताक्षर अभियान का सुभारम्भ डॉक्टर संजीव ग्लेड (डीटीओ बालोद) और डॉक्टर P.L. मेरिया (सीनियर मेडिकल ऑफिसर) के द्वारा किया गया इस सुभारम्भ के समय NTEP स्टाफ, टीबी चैंपियन, टीबी सर्वाइवर्स और मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी उपस्थित थे. उपस्थित सभी ने इस हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर हस्ताक्षर किये। हस्ताक्षर अभियान के सुभारम्भ के बाद टीबी चैंपियंस के द्वारा आस पास के लोग जो हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुए उन्हें टीबी और कलंक के बारे में जानकारी देकर उन्हें IEC दिया गया. इस हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से 230 लोगो तक पहुंच कर लोगो को टीबी और स्टिग्मा से जागरूक किया गया. डॉक्टर संजीव ग्लेड (डीटीओ बालोद) ने सभी को विश्व टीबी दिवस 2022 के थीम

( "टीबी को समाप्त करने के लिए निवेश करे। जीवन बचाए" )

को लेकर और बताया की टीबी एक सामान्य जीवाणु जनित बिमारी है जिसका इलाज संभव है यदि किसी व्यक्ति को दो हप्ते से अधिक की खांसी, बुखार, सीने में दर्द, भूख न लगना, वजन में कमि हो तो टीबी के संभावित लक्षण हो सकते है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है टीबी का इलाज संभव है और सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में टीबी का जांच और इलाज नि:शुल्क किया जाता है मुकेश कुमार (डिस्ट्रिक्ट स्ट्रैटिजिस्ट REACH) ने बताया की बालोद जिले में 14 टीबी चैंपियन, टीबी और स्टिग्मा में काम कर रहे है तथा 42 टीबी सर्वाइवर्स भी स्वैच्छित रूप से अपने ग्राम में टीबी को ख़त्म करने के लिए जुड़े है। आज बहुत से टीबी से ग्रसित व्यक्ति सेल्फ स्टिग्मा के शिकार है इसे हमें दूर करना है इसलिए "टीबी से जूझते हर व्यक्ति को हमारे साथ की जरुरत है. भेदभाव की नहीं" इस तरह 24 मार्च विश्व टीबी दिवस पर लोगो को टीबी और स्टिग्मा से जागरूक किया गया.

क्रमशः