आखिर बेखौप क्यों किसका सर पर है हाथ या सिर्फ नाम का किया जा रहा दुरुपयोग पढ़िये पूरी खबर

आखिर बेखौप क्यों किसका  सर पर है हाथ या सिर्फ नाम का किया जा रहा दुरुपयोग पढ़िये पूरी खबर
आखिर बेखौप क्यों किसका  सर पर है हाथ या सिर्फ नाम का किया जा रहा दुरुपयोग पढ़िये पूरी खबर

आखिर बेखौप क्यों किसका सर पर है हाथ या सिर्फ नाम का किया जा रहा दुरुपयोग पढ़िये पूरी खबर

बालोद :- मुख्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों के निवास करने संबंधी शासन के आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है। यदि कुछ अधिकारी व कर्मचारियों को छोड़ कर देखा जाए तो अपने मुख्यालय में न तो अधिकारी रह रहे हैं और न ही कर्मचारी। शासन के आदेश की धज्जी उड़ाते हुए अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने मुख्यालय में नहीं रहकर कई किलोमीटर दूर घर से ही आना जाना कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला जिले के सेहत विभाग से आया है। जहां जिला सर्विलेंस अधिकारी सहित कई महत्वपूर्ण प्रभार में बैठे चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव ग्लैड मुख्यालय पर नहीं रहते हैं। वे रोजाना करीब 30 किलोमीटर दूर अर्जुन्दा अपने घर से आना-जाना करते हैं। इससे वे दफ्तर जहां देरी पहुंचते हैं। वहीं शाम को भी दफ्तर के समय के पहले ही निकल जाते हैं। इससे आम लोगों के कई जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मुख्यालय में रहना अनिवार्य है। मुख्यालय में न रहने पर आसपास के 8 किलोमीटर के एरिया में निवास कर सकते हैं। बावजूद इसके डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना, आपदा प्रबंधन, कोविड 19 संक्रमण, क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, संजीवनी, बाल श्रवण जैसे महत्वपूर्ण योजनाओ के प्रभार में बैठे चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव ग्लैड शासन के आदेश का पालन नहीं कर रहे। 

???? सरकारी वाहन व ईधन का गलत उपयोग कर उड़ा रहे नियमों की धज्जिया

???? बालोद जिले के सेहत विभाग में डॉ संजीव ग्लैड ऐसे अफसर हैं, जिनकी धमक, धौंस और रुतबे की चर्चा पूरे विभाग में हैं। डॉ ग्लैड सरकारी वाहन ईनोवा क्रमांक CG 07 BS 6003 से प्रतिदिन अपने घर 30 किलोमीटर दूर अर्जुन्दा से आना जाना करते है। शुक्रवार की शाम इसी सरकारी वाहन से अर्जुन्दा चले जाते हैं और सोमवार की सुबह में वे बालोद आते हैं। चिकित्सा अधिकारी डॉ ग्लैड द्वारा सरकारी वाहन व ईधन का गलत तरीके से उपयोग कर नियमों की धज्जी उड़ाई जा रही है साथ ही उनके द्वारा निजी कार्य में सरकारी ईधन का उपयोग कर सरकारी राशि का दुरुपयोग भी किया जा रहा है। वे इतने बखौफ हैं कि शासन के आदेश-निर्देश का उन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है।

???? इस अधिकारी से थरथर कांपते हैं जिले के आला अफसर

???? अनेको प्रभार से लैस इस चिकित्सा अधिकारी के आने का लोगों को सुबह से इंतजार करना पड़ता है। लोगों को एक काम के लिए कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। साथ ही इनके मुख्यालय पर नहीं रहने से संबंधित विभागों के कर्मचारी भी देरी से ही ऑफिस पहुंच रहे हैं। कई कर्मचारी भी मुख्यालय पर नहीं रहते हुए बाहर से ही आना जाना कर रहे हैं। स्वास्थ्य अमले के सूत्र बताते है कि उनके अधीन काम करने वालों का तो वैसे भी जीना-मुहाल हो चुका है, साथ ही साथ बड़े अफसर भी उनसे संबंधित फाइलों को छूने के नाम पर थरथर कांपते हैं, कार्रवाई करना तो दूर की बात है।

???? अटैचमेंट की आड़ में अंगद की तरह पैर जमाकर बैठा है अफसर

???? शासकीय विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों की पदस्थापना इसलिए किया जाता है कि शासन की योजनाओं का लाभ आमजन को आसानी से सुलभ हो सके। लेकिन जिले के अर्जुन्दा में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के तौर पदस्थ डॉ संजीव ग्लैड कई वर्षों से अटैचमेंट के रूप में कार्य कर रहे है, जिनकी पदस्थापना तो अर्जुन्दा की है किंतु अटैचमेंट की आड़ में लंबे समय से जिला मुख्यालय में अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे हैं।

रिपोर्ट :- अरुण उपाध्याय बालोद