रमजान: रोजेदार ईद की खरीदी में जुटे, रोजा, इबादत के साथ जकात दे रहे हैं मुस्लिम बंधु रमजान ईद से शहर में बढी रौनक
रमजान रोजेदार ईद की खरीदी में जुटे, रोजा, इबादत के साथ जकात दे रहे हैं मुस्लिम बंधु रमजान ईद से शहर में बढी रौनक
बालोद ★:- इस्लाम धर्म के चार फर्ज में शामिल रमजान माह में रोजे अदा कर इस्लाम के अनुयायी, मुस्लिम बंधु खुदा की इबात कर फर्ज की अदायगी करते हैं। इस वर्ष 2 मार्च से रमजान माह की शुरुआत होने के बाद इन दिनों पवित्र रमजान माह अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस पूरे महीने में मुस्लिम बंधु रोजा रखकर नमाज का पठन, कुरआन शरीफ की तिलावत दुआएं मांगने के साथ ही खुदा की इबादत में जुटे हुए हैं। इस दौरान फर्ज में शामिल जकात की अदायगी भी की जा रही है। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक हर इस्लामी माह चांद पर आधारित होने से चांद देखते ही रमजान की शुरुआत और चांद दिखने के बाद ईद मनायी जाएगी।
● बाजारों में देखी जा रही रौनक ●
बीते दो सालों से कोरोना महामारी के कारण इसकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकार और प्रशासन ने सभी धार्मिक त्योहारों में भीड़-भाड़ न हो इसके लिए कड़े नियम लागू किए थे। साथ ही लॉकडाऊन और कोरोना महामारी के कारण बिते 2 सालों से रमजान ईद ईद उल अदहा सभी मुसलमान नागरिकों ने प्रशासनिक सूचनाओं के बीच ईद की नमाज मस्जिदों में अदा कर सादगी से मनायी। इस वर्ष कोरोना गाइड लाइन पूरी तरह हटने से ईद के अवसर पर बाजारों में रौनक दिख रही है।
● ईद के दिन 6 नमाज करने की परंपरा ●
हाजी जाहिद अहमद ने बताया कि रमजान महीने में दिनभर में 5 बार नमाज अदा की जाती है। ईद के दिन 6 बार नमाज पढ़ने करने की परंपरा है। इसे ईद उल फित्र की नमाज कहते है रमजान का महीना समाप्त होने जा रहा है। ईद के लिए मुस्लिम नागरिकों की जोरों से तैयारी शुरू है। ईद के उपलक्ष्य में नये कपड़े एवं वस्तुओं की खरीदी की जाती है।
● शहर के सभी मुस्लिम बहुल इलाकों में नजर आ रही चहल-पहल ●
रमजान के अंतिम पड़ाव पर इन दिनों शहर के सभी मुस्लिम बहुल इलाकों में रोजादार और इबादतगुजारों की चहपहल से रौनक दिख रही है। शहर के मस्जिद मोहल्ला में सुखे मेवों की खरीदी के लिए ग्राहक दिख रहे है, जिससे अब शहर के बाजारों में रमजान ईद या ईद उल फित्र के लिए खरीददारों से की रौनक भी दिखाई दे रही है। बिते एक सप्ताह से शहर के कपडों, सुखा मेवा, अनाज, घरेलू साज- सज्जा की दूकानों पर रोजादार रोजा रखते हुए ईद की खरीदी में जुटे हुए है।
● मनेगी ईद, जरूरतमंदों को किया जाएगा फितरा अदा ●
सभी इस्लामी माह चांद पर आधारित होने से चांद दिखते ही दूसरे दिन ईद उल फित्र की नमाज अदा कर ईद की खुशिया मनाते हुए गरीब, जरूरतमंदों को फितरा अदा किया जाएगा। इस्लाम में चार अहम स्तंभ नमाज, रोजा, हज और जकात हर मुसलमान पर फर्ज है, इसके तहत हर मुसलमान को अपनी सालाना आय का ढाई फिसद गरीब, जरूरतमंदों को जकात के रूप में अदा करना अनिवार्य है। मुसलमान अपनी अपनी कुल वार्षिक आय में ढाई फिसद आय जकात अदा करते है।
रिपोर्ट :- अरुण उपाध्याय बालोद