शहर व आस पास के विभिन्न पैथॉलाजी एवं मेडिकल जांच सेंटरों में जाँच के नाम पर मरीजो से मनमाने दाम वसूल करने की लिखित शिकायत नगर पालिका अध्यक्ष् विकास चोपड़ा ने कलेक्टर से की हैं।नगर पालिका अध्यक्ष् विकास चोपड़ा ने बताया कि बालोद नगर व आस-पास के विभिन्न पैथॉलाजी लैब व मेडिकल जांच सेंटरों कि लगातार शिकायत मिल रही है।
शहर व आस पास के विभिन्न पैथॉलाजी एवं मेडिकल जांच सेंटरों में जाँच के नाम पर मरीजो से मनमाने दाम वसूल करने की लिखित शिकायत नगर पालिका अध्यक्ष् विकास चोपड़ा ने कलेक्टर से की हैं।नगर पालिका अध्यक्ष् विकास चोपड़ा ने बताया कि बालोद नगर व आस-पास के विभिन्न पैथॉलाजी लैब व मेडिकल जांच सेंटरों कि लगातार शिकायत मिल रही है।
बालोद// शहर व आस पास के विभिन्न पैथॉलाजी एवं मेडिकल जांच सेंटरों में जाँच के नाम पर मरीजो से मनमाने दाम वसूल करने की लिखित शिकायत नगर पालिका अध्यक्ष् विकास चोपड़ा ने कलेक्टर से की हैं।नगर पालिका अध्यक्ष् विकास चोपड़ा ने बताया कि बालोद नगर व आस-पास के विभिन्न पैथॉलाजी लैब व मेडिकल जांच सेंटरों कि लगातार शिकायत मिल रही है ।
जहा संबंधित सेंटरों में विभिन्न प्रकार के मेडिकल जांच के लिये, लिए जाने वाली राशि में एक रूपता नहीं हैं, अलग-अलग व्यक्तियों से अलग-अलग राशि की मांग की जाती हैं। ऐसे भी उदाहरण मौजूद हैं जहां गरीबो से टेस्टों के लिए बड़ी राशि की मांग की जाती हैं ।ऐसे विभिन्न पैथॉलाजी एवं मेडिकल सेंटरों पर कठोर कार्यवाही करने की लिखित शिकायत कलेक्टर से किया हैं।
जिले में 50 से अधिक पैथोलॉजी लैब बिना पंजीयन से हो रहे संचालित जिले में 50 से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं। इसमें लगभग 3 पैथालॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन हैं, शेष लैब बिना पंजीयन के संचालित हो रही हैं। लेकिन इनका संचालन रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। इन पैथालॉजी लैब का स्वास्थ्य विभाग में पंजीयन भी नहीं है। जबकि नर्सिंग होम एक्ट के तहत विभाग में लैब का पंजीयन होना जरूरी है। लेकिन अवैध तरीके चल रहे पैथोलॉजी सेंटर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं ब्लड कलेक्शन की आड़ में इन पैथाेलॉजी में सभी प्रकार की जांचें की जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जाने से लैब सेंटर मालिकों के हौंसले बुलंद हैं। अकेले बालोद क्षेत्र में भी आधे दर्जन से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं। बिना रजिस्ट्रेशन संचालित इन पैथोलॉजी लैब में सालों से डेंगू, मलेरिया,खून और यूरिन की जांच की जा रहीं हैं। कई बार इन पैथोलॉजी लैब की जांच गलत आने पर स्वास्थ्य विभाग में शिकायत भी की गई है। जिस पर किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है। खास बात तो यह है कि इन पैथोलॉजी लैब रिपोर्ट पर किसी पैथोलॉजिस्ट का नाम तक नहीं हैं। बावजूद इसके ये पैथोलॉजी लैब संचालक धड़ल्ले से बिना कार्रवाई के डर के अपनी पैथोलॉजी लैब संचालित करते नजर आ रहे हैं। बता दे कि हाईकोर्ट और प्रदेश शासन के आदेश के तहत माह में एक बार पैथोलॉजी की जांच करना अनिवार्य है, लेकिन इसके बाद भी विभाग द्वारा आज तक जिलेभर की पैथोलॉजी लैब पर जाकर जांच नहीं की जा रही है।