*विनय कुमार करकसे, सहायक अभियंता की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए करोड़ों रूपये भ्रष्टाचार के जांच की उठी मांग*
*विनय कुमार करकसे, सहायक अभियंता की प्रतिनियुक्ति समाप्त करते हुए करोड़ों रूपये भ्रष्टाचार के जांच की उठी मांग*
विनय कुमार करकसे मूलतः उप अभियंता लोक निर्माण विभाग, दुर्ग, जो कि प्रतिनियुक्ति में सहायक अभियंता के पद पर छग स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई में पदस्थ हैं। करकसे को प्रतिनियुक्ति पर सामान्य प्रशासन विभाग के स्थानातरण नीति वर्ष 2019 के कडिका 4(4.2) में निहित प्रावधान अनुसार CSVTU, भिलाई को सौंपी गई है। उक्त स्थानातरण नीति वर्ष 2019 के कंडिका 4 (4.2) में किसी विभाग के शासकीय सेवक (प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के मामलों को छोड़कर) की सेवाओं के अन्य विभाग / संस्था में प्रतिनियुक्ति या डिप्लायमेंट (एक्स कैडर पदस्थापना) पर सौंपा जाना, यदि दोनो विभाग इसके लिए सहमत हो उल्लेख है। जिसका उल्लंघन करते हुए बिना तकनीकी शिक्षा विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति के ही विनय कुमार करकसे का प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना CSVTU भिलाई को सौंपी गई है। पीडब्ल्यूडी विभाग के आदेश दिनांक 30/10/2019 एवं संशोधित आदेश दिनांक 22/11/2019 के आदेश में नियमानुसार प्रतिनियुक्ति अवधि का उल्लेख नहीं किया गया है। जबकि समान्यतः प्रतिनियुक्ति अवधि दो से तीन वर्ष की होती है जो कि अब पूर्ण हो चुकी है। करकसे द्वारा भंडार क्रय नियमों को ताक में रखकर सामाग्रियों की खरीदारी की जाती है जिसके अंतर्गत पूर्व में 50 हजार से अधिक की खरीदी पर करकसे ने टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाए है और ना ही एक से अधिक फर्मों से कोटेशन मंगाए है। वहीं दूसरी ओर एक ही कार्य को तुकड़ो में बांट कर खरीदी प्रक्रिया किया गया है जो कि वित्तीय अनियमितता है। सीएसवीटीयू में नवनिर्माणाधीन भवनों का टेंडर होने के बाद ड्रांइग डिजाइन को बदलकर स्टीमेट की राशि को करोड़ों रुपए बढ़ा कर भ्रष्टाचार किया गया है। सीएसवीटीयू में बन रहे भवनों के ठेकेदार भी करकसे ही है बस किसी अन्य व्यक्ति का नाम लेकर ठेका लिए है ताकि किसी को पता नहीं चले। करकसे के पिता बीएसपी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहे आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी की बीई कर पाते तो डिप्लोमा किया और संविदा पर पीडब्ल्यूडी में कार्य करते उप अभियंता के पद पर नियमित हो गए आज भ्रष्टाचार के धन से अंजोरा दुर्ग में पचास एकड़ भूमि के मालिक है संपत्ति के हिसाब को अवैध होने से बचाने के लिए ट्रस्ट का रूप दिए हैं और एमजे हैक्टर जैसे 30 लाख के निजी चारपहिया वाहन से चलते हैं जिसके पेट्रोल व वाहन की व्यवस्था नियमों को ताक में रखकर सीएसवीटीयू प्रशासन करता है।विश्वविद्यालय के धन को लूटने का नायाब तरीका अपना रहे विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी ड्रांइग डिजाइन व स्टीमेट को तैयार नहीं करवाया जाता सभी पीडब्ल्यूडी से करवाते हैं और कोई प्रश्न करें तो कहते है काम पीडब्ल्यूडी कर रहा है स्टीमेट पीडब्ल्यूडी का है हम क्या करें जबकि पूरे राज्य को तकनीकी ज्ञान सीएसवीटीयू दे रहा है । वहीं विश्वविद्यालय के 150 करोड़ के निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को सौंप दिए है जिससे कोई भी इनके द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को पुष्टि ना कर सके। करकसे द्वारा विश्वविद्यालय भवन शाखा से जुड़े सभी कार्य बाजार दर से चार गुणा अधिक दर पर कराया जाता है जबकि सीएसवीटीयू भिलाई के कुलपति भी स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ है विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग में एम प्लान और एमटेक स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के कोर्स चल रहे है जहां विशेषज्ञों की कमी नहीं और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ड्रांइग डिजाइन स्टीमेट हेतु सभी को कंसल्टेंसी देने का दावा भी किया जाता है पर स्वयं के निर्माण कार्यों पर वह पीडब्ल्यूडी पर निर्भर है। सीएसवीटीयू छात्रों से प्राप्त धन का सदुपयोग कर स्वयं ईमानदारी से सभी निर्माण कार्य करवाए तो 12 प्रतिशत पीडब्ल्यूडी को शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है उस 12 प्रतिशत राशि से छात्रों के हित में बहुत से कार्य हो सकते है पर करकसे के लिए भ्रष्टाचार भी जरूरी है । करकसे द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायतें भी तकनीकी शिक्षा विभाग में आज पर्यंत तक लंबित है।विनय कुमार करकसे सहायक अभियंता सीएसव्हीटीयू भिलाई की सेवाए अविलंब मूल विभाग को वापस किए जाने एवं भ्रष्टाचार की जांच कर कार्यवाही करने संबंधित पत्र आवेदक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के उपाध्यक्ष सागर तिवारी द्वारा तकनीकी शिक्षा ,पीडब्ल्यूडी सचिवालय, सहित एसीबी/ईओडब्ल्यू व आयकर विभाग को प्रेषित की गई है.