● अवैध प्लाटिंग का हब बना बालोद जिला जमीन दलालों की नजर अब गाँव मे  ● बालोद समीपस्थ ग्राम जुगेंरा मुख्य मार्ग पर मालदारों द्वारा हो रही बड़े पैमाने पर  बेख़ौफ हो रही अवैध प्लाटिंग

● अवैध प्लाटिंग का हब बना बालोद जिला जमीन दलालों की नजर अब गाँव मे   ● बालोद समीपस्थ ग्राम जुगेंरा मुख्य मार्ग पर मालदारों द्वारा हो रही बड़े पैमाने पर  बेख़ौफ हो रही अवैध प्लाटिंग
● अवैध प्लाटिंग का हब बना बालोद जिला जमीन दलालों की नजर अब गाँव मे   ● बालोद समीपस्थ ग्राम जुगेंरा मुख्य मार्ग पर मालदारों द्वारा हो रही बड़े पैमाने पर  बेख़ौफ हो रही अवैध प्लाटिंग

 

● अवैध प्लाटिंग का हब बना बालोद जिला जमीन दलालों की नजर अब गाँव मे 

● बालोद समीपस्थ ग्राम जुगेंरा मुख्य मार्ग पर मालदारों द्वारा हो रही बड़े पैमाने पर  बेख़ौफ हो रही अवैध प्लाटिंग

 

   

  बालोद,:- जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों अवैध प्लाटिंग का कारोबार बेखौफ हो रहा है। शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर खेत खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है।

     हालात यह है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोज कहीं ना कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। धड़ल्ले से चल रही अवैध प्लाटिंग में पटवारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है।

   भू-माफियाओं को संरक्षण की शिकायत आ रही है। भू-माफिया रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेच रहे है। जबकि आवासीय नियमों के तहत किसी भी भूमि को उपखंड़ो में बेचने के लिए अनुमति लेना जरूरी है। मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में लोग खेतीहर जमीन खरीद रहे हैं, जिसके बाद उस जमीन में प्लाटिंग की जा रही है। फिर चाहें बाईपास हो या जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत जुंगेरा। यहां बड़े पैमाने पर प्लाट काटे जा रहे हैं।

● अवैध कालोनी का नक्शा बाजार में ●

 

भू-माफियाओं ने गांव जुंगेरा में करीब 77467.04 स्क्वेयर फिट याने 2.21 एकड़ भूमि को खरीद कर प्लाटिंग की है और बिचौलियों के माध्यम से नक्शा में बिक्री हेतु जारी किया है। जारी नक़्शे में टोटल प्लाट एरिया 96173.00 स्क्वेयर फिट, रोड एरिया 18705.96 स्क्वेयर फिट और प्लाटेड एरिया 77467.04 स्क्वेयर फिट बताया गया है। बिचौलिए 3 लाख रुपए डिसमिल का रेट बता रहे है और दावा कर रहे हैं कि 80 प्रतिशत तक प्लाट बिक गए है। पिछले दिनों उक्त अवैध प्लाटिंग वाले खसरे 201/2 रकबा 0.3320 हेक्टेयर में करीब 14 डिसमिल जमीन की टुकड़े में खरीदी-बिक्री हुई है। जिसमे तकरीबन 6 डिसमिल जमीन पर विक्रेता का नाम विलोपित कर क्रेता का नाम दर्ज किए जाने का आदेश पारित हुआ है। शेष करीब 8 डिसमिल जमीन पर दिसंबर माह में नामांतरण की कार्यवाही है। मामला संज्ञान में होने के बाद भी अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस स्थान पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने वालों को ठगा भी जा रहा है।

● भू-माफिया बोल रहे अधिकारी हमारा आदमी ●

इस मामले को लेकर जब हमने खोज शुरू की तो मामला चौकाने वाला निकला। तब पता चला की ये कारोबार तो तेजी से बढ़ रहा है। सूत्रों की माने तो जब भू-माफिया से इस मामले पर किसी ने पूछा तो उन्होंने धड़ल्ले से इस अवैध प्लाटिंग को प्रशासन के अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर अंजाम देने की बात कहते हुए अवैध प्लाटिंग का नक्शा भेजा और कहा कि जहां शिकायत कर सकते हो कर लो, अधिकारी हमारा आदमी है, कोई कार्यवाही नही होगी।

● खेत-खलिहान में बन रहे मकान ●

नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी औपचारिकता पूरा करने के बाद जमीन की खरीदी बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनी विकसित हो रहे हैं बल्कि खेत-खलिहान का आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है।

● नही हो पा रहा सुनियोजित विकास, बिगड़ रहा गांव का नक्शा ●

अवैध निर्माण की वजह से शहरी क्षेत्रों का सुनियोजित विकास नहीं हो पा रहा है तो वही गांव का नक्शा भी बिगड़ रहा है, तो साथ ही लोग भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। अवैध तरीके से कालोनी बसाने वाले भू-माफियाओं ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं। नियमों को ताक में रख खुलेआम लोगों के साथ ठगी कर उनकी आंखों में धूल झोंकने में लगे हैं। सारी सुविधाएं मुहैया कराने का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को फांसने वाले इन जमीन दलालो को खुली छूट व प्रशासन की चुप्प्पी अनेक सवाल खड़ा कर रहा है।

● बिना ले-आउट बड़े रकबें का छोटे-छोटे टुकडों मे बिक्री ●

 

अवैध प्लाटिंग में लगे जमीन दलाल व सरकारी अमले की मिली भगत से बड़ी मात्रा में बड़े रकबे का नामांतरण हो रहा है। तथा बिना ले आउट अनुमोदन कराए व्यपवर्तित भूमि को छोटे-छोटे टुकडों मे बेचा जा रहा है, जिसके कारण अवैध प्लाटिंग एवं भूमि विवाद बढ़ रहा है। भविष्य मे ऐसे भूमि के खरीददारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

लोगो को सारी सुविधाएं मुहैया कराने का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को फांसने वाले इन जमीन दलालो को खुली छूट व प्रशासन की चुप्पी अनेक सवाल खड़ा कर रहा है।

रिपोर्ट :- { CG.NEWS PLUS 24 }

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