*लंबित राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की पृथक से जनगणना एवं लंबित 27% आरक्षण सहित चार बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपकर किया शंखनाद*
*लंबित राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की पृथक से जनगणना एवं लंबित 27% आरक्षण सहित चार बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपकर किया शंखनाद*
*ओबीसी अधिकार आंदोलन के दौरान मृतक आसकरण पटेल को शहीद का दर्जा प्रदान करें छत्तीसगढ़ सरकार*
रायपुर//बालोद//ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के मार्गदर्शन में प्रदेश भर के अधिकांश जिलों में चार सूत्रीय मांगों पर महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर /एसडीएम/ तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें
*पहला मुद्दा*
लंबित राष्ट्रीय जनगणना 2021 की जनगणना शीघ्रातिशीघ्र कराई जाए एवं जनगणना प्रपत्र में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर निर्धारित हो तथा आंकड़े प्रकाशित किए जाने का अनुरोध किया गया है
*दूसरा मुद्दा*
महामहिम राष्ट्रपति महोदय को प्रस्तुत की गई जी. रोहिणी कमीशन के अनुशंसाओं को लोकसभा सदन के विशेष सत्र के पटल पर न रखी जाए क्योंकि पूर्व से ही लागू ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर की असंवैधानिक शर्तों के कारण ओबीसी समुदाय को दो भागों में विभाजित किया जा चुका है जो कि परिवार एवं समाज के लिए विघटनकारी है । रोहिणी कमीशन की अनुशंसा में ओबीसी के बांटवारे के लिए जो तरीका ,आधार और मापदंड तय किया जा रहा है उसमें संभवत ओबीसी को तीन या चार भागों में बांटने का प्रयास किया गया है, जो कि ओबीसी को सामाजिक न्याय मिलने में अवरोध बन सकता है । रोहिणी कमीशन से यह सिद्ध होता है कि मंडल कमीशन की अनुशंसाएं अभी देश में पूर्णत: लागू नहीं हुई है और जो दो बिंदु लागू की गई है वह अनेक विसंगतियां के साथ लागू हुई है, जिससे इस वर्ग का समुचित विकास नहीं हो पाया है।रोहिणी कमीशन के अनुशंसाओं से यह कहावत चरितार्थ होता है कि
*हमारी जमीन अभी गिरवी में रखी हुई है और बंटवारे की बात हो रही है*
अतः रोहिणी कमीशन की अनुशंसाएं लागू नहीं किए जाने का अनुरोध किया गया है।
*तीसरा मुद्दा*
27% ओबीसी आरक्षण को देश के सभी राज्यों में समान रूप से लागू किया जाए तथा इस हेतु भारत सरकार द्वारा अध्यादेश पारित कर ओबीसी आरक्षण को संविधान के नवमी अनुसूची में शामिल किए जाने का अनुरोध ,
*चौथा मुद्दा*
13 सितंबर 2023 को राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर बालोद जिला के राजाराव पठार के समीप ओबीसी समुदाय के 11 सूत्रीय मांगों को लेकर की गई आंदोलन के दौरान ओबीसी समाज के 48 वर्षीय आसकरण पटेल की तबीयत बिगड़ने पर धमतरी अस्पताल ले जाते समय आकस्मिक निधन हो गया, जिससे प्रदेश भर के ओबीसी समाज में शोक व्याप्त है ।
पिछड़ा समाज के धरना आंदोलन के दौरान मौत होने के कारण आसकरण पटेल को शाहिद का दर्जा प्रदान की जाए, उनके परिवार को 50 लाख रुपए की सहयोग राशि एवं परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा प्रदान किए जाने ,साथ ही धरना स्थल पर शहीद स्मारक निर्मित किए जाने की मांग छत्तीसगढ़ सरकार से किया गया है। बालोद जिला मुख्यालय में ज्ञापन देने हेतु प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम, जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा भगवती सोनकर, प्रदेश कार्यालय प्रभारी प्रीतम देशमुख, विष्णु साहू, आस्था चंद्राकर, देवेंद्र साहू, रोहित सिन्हा, पवन साहू ,विवेक चंद्राकर ,यूरेका साहू, रवि यादव ,राधा साहू ,चंद्र कुमार साहू, सुरेश कुमार ,कोमल प्रसाद ,ओम प्रकाश साहू एवं गुरुर तहसीलदार हनुमंत श्याम जी को ज्ञापन सौंपने हेतु गुरुर ब्लॉक अध्यक्ष ओम प्रकाश साहू, संरक्षक संपत कलिहारी ,ब्लॉक उपाध्यक्ष राजेश कुमार साहू ,सामरथ सिन्हा, लोकेश्वर गंजीर, झम्मन हिरवानी, एडवोकेट विनेश गजेंद्र ,पियूष कुमार, वर्षा संजय साहू अध्यक्ष महिला मोर्चा गुरुर, देवलसिंह साहू ,मानसिंह ढीमर, ओंकार महमल्ला ,जीवन साहू तथा डौण्डी लोहारा एसडीएम प्रतिमा ठाकरे को ज्ञापन देने प्रदेश कोषाध्यक्ष महावीर कलिहारी, प्रदेश सहसचिव पुनेश्वर देवांगन ,रुपेश सिन्हा, अशोक यादव अर्जुदा तहसील में ओबीसी आर के देवांगन प्रदेश मीडिया प्रभारी ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ , कृष्णा साहू सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी शामिल हुए।