ओबीसी और ओबीसी की महिलाएं कहां है इस विधेयक में? -ओबीसी महासभा

ओबीसी और ओबीसी की महिलाएं कहां है इस विधेयक में? -ओबीसी महासभा
ओबीसी और ओबीसी की महिलाएं कहां है इस विधेयक में? -ओबीसी महासभा

ओबीसी और ओबीसी की महिलाएं कहां है इस विधेयक में? -ओबीसी महासभा

खैरागढ़ : ओबीसी महासभा दुर्ग संभाग के अध्यक्ष विप्लव साहू ने केंद्र सरकार द्वारा ले गए महिला आरक्षण बिल को देश की आधी आबादी के साथ भेदभाव बताया और इस विषय पर उन्होंने भारत के महामहिम राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर द्वारा ज्ञापन सौंपा है। किशोर निषाद, मनोज जंघेल, एड अमर यादव, एड राजू चंदेल, धनुष साहू, गोलू साहू आदि ओबीसी के साथी ज्ञापन में शामिल रहे। उन्होंने बताया कि महिला आरक्षण बिल तो 50% यानी कि देश की आधी आबादी का होना चाहिए, हम सिर्फ 33% क्यों दे रहे हैं।

आखिर हमने आजादी के 75 साल तक क्या किया है! इस रिजर्वेशन में हमारे गांव-खेत जाने वाली कितनी महिलाएं कितनी मजदूर शामिल हो सकती हैं! हमारी ओबीसी महिलाओं को क्या संरक्षण मिलेगा? आज जितनी भी उच्च स्तर से लेकर टीवी में समीक्षक और बड़े-बड़े पदों पर महिलाएं और राजनीति में पद पाने वाली महिलाएं सभी सामान्य वर्ग की हैं। ओबीसी महिलाएं, आगे बढ़ चुकी सामान्य वर्ग की महिलाओं का मुकाबला कैसे कर पाएंगे? महिला आरक्षण देश की 90% आबादी गरीब आबादी के साथ बहुत बड़ा धोखा है, सरकार के प्रभाव और यशोगान में मदहोश होकर हम यह मत भूल जाएँ कि यह आपकी घर को बुनियाद को अधिकार को तोड़ने वाला विधेयक है।

प्रधानमंत्री जब सबको लेकर साथ चलना चाहते हैं, और जाति इस देश की सच्चाई है तो वे ओबीसी वर्ग की गिनती क्यों नहीं करते हैं? क्या प्रधानमंत्री जी नहीं जानते कि ओबीसी वर्ग में एक जाति उच्च है, तो दूसरी जाति निचले स्थान पर है। उसी तरीके से महिलाओं के भी स्थिति है कि सभी महिला एक जैसी नहीं है, कोई महिला उच्च स्थान पर है तो कोई महिलाएं अभी खेत में धान काटने को दलदल में डूबने को मजबूर है।

ओबीसी महासभा ने कहा है कि इस अधूरे विधेयक को पास किया गया तो ओबीसी महासभा हर जगह धरना और आंदोलन करेगी।