*सुरता खुमान के कार्यक्रम 09 जून को* *आयोजन की तैयारियों के लिए मितान की टीम जुटी*
*सुरता खुमान के कार्यक्रम 09 जून को* *आयोजन की तैयारियों के लिए मितान की टीम जुटी*
राजनांदगांव । छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध लोक संगीतकार स्व. श्री खुमान साव की पुण्यतिथि के अवसर पर आगामी 9 जून 2023 को संस्कारधानी राजनांदगांव में *सुरता खुमान के*कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।
स्थानीय पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर आडिटोरियम में शाम 4.00 बजे से शुरू होने वाले कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो गई है ।
मितान छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार कल्याण संघ राजनांदगांव के तत्वाधान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम
*सुरता खुमान के* में चंदैनी गोंदा से जुड़े नए और पुराने कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से श्री खुमान साव का स्मरण करेंगे ।
कार्यक्रम की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई है । मितान के अध्यक्ष राजेश मारू, गीतकार हर्षकुमार बिंदु, स्व. खुमान साव के साथ लंबे समय तक चंदैनी गोंदा में अपनी गायकी का जौहर दिखाने वाले गायक महादेव हिरवानी, श्री साव के सुपुत्र और वर्तमान में चंदैनी गोंदा के संचालक श्री दिपेश साव, लोक सांस्कृतिक मंच धरती के सिंगार के संचालक महेश्वर दास साहू, लोक सांस्कृतिक मंच स्वरधारा के संचालक विष्णु कश्यप, संस्कृतिकर्मी मुन्ना बाबू और वीरेंद्र बहादुर सिंह इस कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप देने जुटे हुए हैं ।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी गीतों के श्रोताओं को श्री खुमान साव द्वारा संगीतबद्ध किए गए लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी लोकगीत गीतों और लोकनृत्यों का रसास्वादन करने का अवसर प्राप्त होगा ।
कार्यक्रम में चंदैनी गोंदा के पुराने गायक प्रकाश देवांगन, कुलेश्वर ताम्रकार, गायिका शिवानी जंघेल, भगवती साहू, महादेव हिरवानी श्री साव द्वारा संगीतबद्ध गीतों की प्रस्तुति देंगे ।
इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोक सांस्कृतिक मंच धरोहर और चंदैनी गोंदा की पूरी टीम सहभागिता करेगी ।
कार्यक्रम में श्रोताओं को श्री साव द्वारा संगीतबद्ध या कुंदेंदु तुषार हार धवला और देवी बल्ले, तोर धरती तोर माटी, सावन आगे आगे संगी, बखरी के तुमा नार बरोबर मन झूमे, फिटिक अंजोरी निर्मल, पता लेजा गाड़ीवाला, मंगनी मांमाया नई मिले, चौरा मा गोंदा रसिया हमला घेरी बेर, मोर संग चलव .., ए जी ए जी बली राजा,भारत मा के रतन बेटा,कोइली के बोली मा, आंखीमा कजरा आंजे, माटी होगी तोर चोला, मन डोले re मांग फगुंवा,- छन्नर छन्नार पैरी बजे, मोर खेती खार रुन झूम,मया के मा, करमा सुने लॉ चले आबे,
नाच नचनी, कांटा खूंटी के, संगी के मया जुलम हो, हो re हो तोर सुंदर कायाऔर धनी बिना जग लागेसुन्ना... सुनने को मिलेगा ।