प्रजातंत्र को गुमराह करना, मोदी सरकार की गारंटी - कांग्रेस
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प्रजातंत्र को गुमराह करना, मोदी सरकार की गारंटी - कांग्रेस
चुनावी बांड के खिलाफ कांग्रेस ने किया धरना
प्रदर्शन दानकर्ताओं का नाम उजागर करने की मांग
गुण्डरदेही। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व राज्य कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर गुरुवार को नगर के मुख्यमार्ग के किनारे संचालित भारतीय स्टेट बैंक शाखा के सामने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से उपस्थित गुण्डरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में एसबीआई ने तथ्यों को छुपाते हुए भारतीय जनता पार्टी के साथ साठगांठ की है। इस बात से एसबीआई की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा है। विधायक ने कहा कि केन्द्र में विगत् 10 सालों से काबिज मोदी सरकार की गारंटी प्रजातंत्र को गुमराह की करना है। इसके कार्यकाल के सभी योजनाओं को जनाक्रोष का सामना करने के साथ ही बंद करना पड़ा। इसके साथ धरना में शामिल पूर्व नपं अध्यक्ष के.के. राजु चन्द्राकर, नुरूल्ला खान, ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भोजराज साहू आदि कांग्रेसियों ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा किसानों को गुमराह करने के लिए तीन कृषि विधेयक बिल पारित किया था जिसका लंबे समय तक विरोध करने पर रद्द किया, केन्द्र के मोदी सरकार ने महिलाओं को मुफ्त में रसोई गैस चुल्हा सिलेण्डर वितरण के साथ गैस रिफलिंग 14-1500 रूपये वसूली जिसका विरोध तक विस चुनाव के समय दो सौ रूपये कम करने का ऐलान करते हुए वाहवाही लूटा, छग विस चुनावी घोशणा पर समर्थन मुल्य की धान खरीदी में किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी के साथ प्रति क्विंटल का दाम 3100 रूपये रखा जिसमें सिर्फ प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी करते हुए किसानों को प्रति क्विं. 3100 रूपये भुगतान पर तारिख बढ़ाने के साथ मोदी सरकार द्वारा प्रति महिलाओं प्रति माह 1000 रूपये भुगतान करने के लिए महतारी वंदना योजना घोषित करने के साथ गांव-गाॅव घुम-घुमकर पात्र-अपात्र का खेल करते हुए 7 मार्च को पहला किस्त भुगतान करने वादा किया था। जिसे अब टालते हुए आगे बढ़ा रहा है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार की नियत क्या है ? केन्द्र एवं प्रदेश के भाजपा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल में किया जा रहे भ्रष्टाचारी वादा खिलाफी कार्य से अंदाजा लगाया जा सकता कि भाजपा की नीति-रीति प्रजातंत्र को गुमराह कर सत्ता भोगी बनें। धरना प्रदर्शन में कांग्रेसियों ने एसबीआई के सामने केन्द्र के मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए शाखा प्रबंधक को ज्ञापन सौपे। आपको बता दें, एसबीआई से इलेक्टोरल बॉन्ड के दानकर्ताओं का नाम उजागर करने की मांग की जा रही है। इस मामले पर कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड बैन किया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकतंत्र में किसने, किस पार्टी को, कितना पैसा दिया इस बारे में सब कुछ जनता को पता होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश दिया था कि, 6 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं, हालांकि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का वक्त मांगा है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसबीआई यह डाटा सार्वजनिक नहीं कर पा रहा है।
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