मामला रफा दफा करने की बात कह वसूल लिए दो लाख रुपये की रकम .......

मामला रफा दफा करने की बात कह वसूल लिए दो लाख रुपये की रकम .......
मामला रफा दफा करने की बात कह वसूल लिए दो लाख रुपये की रकम .......

धमतरी/ धमतरी जिला में इन दिनों खाद्य विभाग द्वारा खाद्य दुकान संचालकों और राइस मिलों से अवैध वसूली बदस्तूर जारी है।

आपको बताते चलें कि पूरा मामला जिला धमतरी के खाद्य विभाग का है जहां पर लम्बे समय से पदस्थ फूड इंस्पेक्टर द्वारा ( जो की वर्तमान में बालोद जिला ट्रांसफर हो चुका है।) अभी भी घूम घूम कर वसूली जारी है।उक्त फूड इंस्पेक्टर द्वारा शहर में स्थित सरकारी खाद्यान वितरण दुकानों और निजी चावल क्रेता दुकानों में नियम कानून बताकर मोती रकम वसूली करते हैं वहीं वसूली हेतू स्वयं न जाकर अपने परिचित किसी अन्य व्यक्ति के हाथो चढ़ावा लाने भेजते है ताकि पकड़ में न आएं।


विदित हो कि पीड़ित पक्ष ने बताया कि धमतरी शहर के एक सरकारी राशन वितरण दुकान में अनियमितताएं पाई गई जिसके चलते फूड इंस्पेक्टर द्वारा सम्बन्धित वितरण दुकान में बार बार आकार मशीन और स्टॉक को चेक कर छेड़ छाड़ करना और दूसरे दुकानों का राशन के साथ राशन स्टॉक को बराबर करवाने की बात कह कर उक्त फूड इंस्पेक्टर द्वारा दो लाख रुपए लेकर मामले को सेटलमेंट किए।


लेकिन अगले ही दिन कलेक्टर कार्यालय द्वारा दुकान संचालक के नाम नोटिस भेजा जाता है जिसमें सरकारी राशन वितरण दुकान में लंबे समय से अनियमितता के चलते दुकान का निलंबन कलेक्टर की अनुशंसा पर किया गया है जिसके जांच में चांवल 195.25 क्वि. कमी पाई गई खाद्यान्न की इकोनॉमी दर अनुसार कुल राशि 717945.96 रु. , शक्कर 0.74 क्वि.2815.51 रु. नमक 10.17 क्वि. राशि 10528.49 रु. , कुल राशि 731289.96 रु. अक्षरी सात लाख इक्कतीस हजार दो सौ नवासी रुपए छियानवे पैसे.  जिसे पत्र जारी दिनांक 14/06/2024 से पत्र प्राप्ति के  10 दिनों के भीतर राशि  छग राज्य सिविल  सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड में डीडी के माध्यम से जमा कर कलेक्टर कार्यालय को सूचित करने हेतू पत्र जारी किया गया है , तथा नियत समय में राशि जमा नहीं करने की स्थिती में आवश्यक कार्यवाही की जाने की चेतवानी कलेक्टर कार्यालय खाद्य शाखा के द्वारा ज़ारी किया गया है।


इस मामले में खाद्य अधिकारी का कहना है कि मामले में दुकान संचालक को नोटिस जारी किया गया है, वसुली की कार्यवाही किया जाएगा और यदि मामले में फूड इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो आवश्यक कार्यवाही किया  जाएगा । जिले में हल्ला तो यह भी है की उक्त फूड इंस्पेक्टर और जिला के खाद्य अधिकारी द्वारा अपनी व्यक्तिगत लालसाओं की पूर्ति हेतू राइस मिलर्स द्वारा शराब, शबाब,परियों की तक व्यवस्थाएं की जाती है ताकि इनके राइस मिलों में छपा न पड़े मतलब यह है कि उक्त अधिकारी अपनी व्यक्तिगत अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए साम दाम दण्ड भेद के साथ , शराब शबाब और कबाब तक के शौकीन के लिए जानें जाते हैं।


इस मामले को लेकर दुकान संचालक और अन्य सहयोगियों के माध्यम से,मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्रालय में भी शिकायत की तैयारी है । बहरहाल देखना होगा कि ऐसे अवैध वसूलीबाज इंस्पेक्टर पर क्या कार्यवाही किया जाता है ..?

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