ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया

ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
ब्रह्माकुमारीज बघेरा में रक्षाबंधन पर्व को महापर्व के रूप में मनाया गया
  • परमात्मा "शिव" ने पवित्रता का रक्षा का सूत्र बांधकर नई दुनिया का सूत्रपात किया- ब्रह्माकुमारी रीटा
  • जो काम हम अपनी पूरी  सामर्थ्य लगाकर भी नहीं कर पाते हैं वह हमारी परमात्मा के प्रति गहरी आस्था और विश्वास से संभव हो जाता है-विजय पाण्डे (एस.एस.पी.एस.टी.एफ. बघेरा)

दुर्ग (छत्तीसगढ़) // प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बघेरा स्थित आनंद सरोवर में रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में दुर्ग शहर के गणमान्य नागरिकों का स्नेह मिलन का कार्यक्रम रखा गया। ब्रह्माकुमारीज दुर्ग की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी रीटा बहन  ने  संसार की विभिन्न प्रकार के बंधनों के विषय बताया कि मैं-पन का बंधन भी बहुत दुःख देने वाला होता है। आदमी कोई भी सफलता के लिए स्वयं को श्रेय देता है जिसके कारण उसके अंदर अहंकार आ जाता है जो औरों के लिए कष्टदायक होता है। दूसरा बंधन है स्वार्थ का बंधन। स्वार्थ का बंधन भी बहुत ही दुःख देने वाला होता होता है हम अपने किए हुए कार्यों के बदले मे किसी से कुछ ना कुछ अपेक्षा रखते हैं। जो की हमारे दुःखों के लिए निमित्त बन जाता है। तीसरा बंधन है कुसंग का बंधन हम गलत लोगों का संग करते हैं तो वह भी हमें कई प्रकार का के बंधनों में बांध देता है। कुसंग के कारण ही अनेक प्रकार के व्यसनों के, बुरी आदतों के हम सब शिकार हो जाते हैं। चौथा बंधन है आलस्य का बंधन। आलस्य भी बहुत बड़ा बंधन है जो मनुष्य को आगे बढ़ने से रोक देता है। हम कोई भी जरूरी कामों को कल पर टालते रहते हैं जिसके कारण कई बार हमें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ संबंधों में भी कड़वाहक पैदा हो जाती है। पांचवा बंधन है भय का बंधन। आज मनुष्य अनेक प्रकार के भय में जी रहा है । भय भी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सबसे बड़ा भय मृत्यु का होता है। परन्तु इन सब बंधनों से छुड़ाने वाला एक बंधन है, जो बहुत मीठा है। सुखदाई है। जिस बंधन में हम सब बंधना चाहते हैं वो है रक्षाबंधन। आजकल रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहनों तक ही सीमित हो गया है जबकि इस रक्षाबंधन की शुरुआत स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा "शिव" ने पवित्रता का रक्षा का सूत्र बांधकर नई दुनिया का सूत्रपात किया ।


           छत्तीसगढ़  स्पेशल टास्क फोर्स के एस. एस. पी. विजय पांडे ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि जो काम हम अपनी पूरी  सामर्थ्य लगाकर भी नहीं कर पाते हैं वह हमारी परमात्मा के प्रति गहरी आस्था और विश्वास से संभव हो जाता है। आपने ब्रह्मकुमारी बहनों के साथ आत्मिय संबंध का भी जिक्र किया और यहां आकर प्राप्त होने वाली गहन मानसिक शांति और खुशी के बारे में भी जिक्र किया।


         रक्षाबंधन का पर्व ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा विगत एक सप्ताह पूर्व से भिन्न-भिन्न स्थानों में जाकर सभी को रक्षा सूत्र बांधने व परमात्म संदेश देने का पुनीत कार्य ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा किया जा रहा था जिसमें विधायक गजेन्द्र यादव, पूर्व विधायक अरुण वोरा , महापौर धीरज बाकलीवाल , संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर , जिलाधीश ऋचा प्रकाश चौधरी , पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला , सीएसपी चिराग जैन , केंद्रीय जेल दुर्ग में जेल अधीक्षक एवं जेलर  दूरसंचार विभाग के जी.एम. पत्रकार बंधुओं को, होमगार्ड के जिला कमांडर नागेंद्र कुमार सिंग , स्टेशन अधीक्षक लखी सिंग मुंघेरा ,सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी विजय यादव मोहन नगर थाना के थाना प्रभारी मोनिका पांडे ,रेलवे सुरक्षा बल दुर्ग , वृद्धाश्रम बाल संप्रेक्षण गृह पोस्ट ऑफिस दुर्ग ,एसटीएफ बघेरा ,विज्ञान विकास केंद्र रक्षित आरक्षी केन्द्र दुर्ग ,केंद्रीय जेल में कैदियों को , रेलवे स्टेशन में कुलियों को राखी बांधी गयी । 


   रक्षाबंधन के दिन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग में प्रातः 8:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक दिन भर रक्षाबंधन का कार्यक्रम चलता रहा जिसमें ब्रह्माकुमारी संस्थान में आने वाले भाई बहनों के अलावा शहर के गणमान्य में नागरिक दिन भर आते रहे जिन्हें ब्रह्मकुमारी बहनों ने राखी बांधी व परमात्मा संदेश दिया।