*कल बालोद जिले में युक्तियुक्तकरण का होगा पूर्णतः बहिष्कार*

आर के देवांगन

*कल बालोद जिले में युक्तियुक्तकरण का होगा पूर्णतः बहिष्कार*
*कल बालोद जिले में युक्तियुक्तकरण का होगा पूर्णतः बहिष्कार*

*कल बालोद जिले में युक्तियुक्तकरण का होगा पूर्णतः बहिष्कार*

 छत्तीसगढ़:बालोद।एक ओर जहां छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही विवादों में थी वहीं इस बीच जिला बालोद से बडी खबर यह है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया 4 जून तक पूरी करने की शासन के आदेश के बावजूद अभी तक न ही शिक्षकों को युक्तियुक्तकरण का लिस्ट ही प्राप्त हो सका है और न ही रिक्त पदों की सूची ही मिल सकी है।

      इसी तारतम्य में जिला संचालक देवेन्द्र हरमुख व रामकिशोर खरांशु के नेतृत्व में आज बालोद जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने सरदार पटेल मैदान बालोद में एकत्रित होकर सरकार के इस अव्यवहारिक रुप से किए जा रहे युक्तियुक्तकरण का पूर्णतः बहिष्कार किया गया।पांचो विकासखंडों से आए शिक्षकों ने एक स्वर में काउंसलिंग का पूर्णतः बहिष्कार करने का ऐलान किया।

      जिला संचालक देवेन्द्र हरमुख ने बताया कि यह युक्तियुक्तकरण पूर्णतः अव्यवहारिक है 2 शिक्षक 5 कक्षा कैसे पढ़ायेंगे, क्या सरकार इसी तरह शिक्षा में गुणवत्ता लायेगी। सरकार 2008 के सेटअप का पालन कराएं, क्योंकि युक्तियुक्तकरण के वर्तमान नियम में प्रत्येक शाला में एक शिक्षक पद घटाया जा रहा है इससे प्राथमिक शाला में दो ही शिक्षक रह जाएंगे तथा 18 कालखंड दो शिक्षक कैसे पढ़ा पाएंगे। वर्तमान शिक्षा का अधिकार कानून में बालवाड़ी को भी प्राथमिक शाला में शामिल किया गया है जिसके लिए एक अलग से शिक्षक की आवश्यकता पड़ती है इस ओर सरकार का ध्यान तनिक भी नहीं है युक्तियुक्तकरण लागू हो जाने से बालवाड़ी पूरी तरह से ठप्प हो जाएगी। युक्तियुक्तकरण की वर्तमान नीति में प्राथमिक, मिडिल व कामर्स के एक एक शिक्षकों की संख्या सभी स्कूलों में समाप्त की गई है।कम शिक्षक अथवा दो ही शिक्षक होने से कक्षा संचालन भी संभव नहीं है क्योंकि समय समय पर संकुल मीटिंग, ब्लाक मीटिंग, बीआरसी मीटिंग,एफएलएन प्रशिक्षण में भी शिक्षकों को जाना होता है तथा जनगणना, चुनाव ड्यूटी,व अन्य कई प्रकार के शासकीय कार्य हेतु प्राथमिक शिक्षकों की ही ड्यूटी लगाई जाती है इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। सरकार युक्तियुक्तकरण की नीति को एकतरफा लागू कर रही है लेकिन इससे निकट भविष्य में प्राथमिक शिक्षा में होने वाली समस्याओं पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नीति के संबंध में विभाग द्वारा 2008 के सेटअप का पूरी तरह से पालन हो तथा युक्तियुक्तकरण के दोषपूर्ण व विसंगति पूर्ण बिंदुओं को शिक्षा विभाग अलग करें। इसके बाद शिक्षकों के व्यवस्थापन के विषय में सोचें।

     एक तरफ जहां शिक्षक साझा मंच युक्तियुक्तकरण का पुरजोर तरीके से विरोध कर ही रहा है वहीं बालोद जिले में संकुल समन्वयक संघ भी इस युक्तियुक्तकरण के विरोध में उतर आया है सभी विकासखंडों में संकुल समन्वयकों ने एक स्वर में यह कहा है कि हम युक्तियुक्तकरण का विरोध करते हैं और शासन के किसी भी आदेश का प्रसारण हमारे द्वारा नहीं किया जाएगा, बालोद संकुल समन्वयक अध्यक्ष संदीप दुबे ने बताया कि हम सभी संकुल समन्वयक द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इस युक्तियुक्तकरण जो पूरी तरह अव्यवहारिक है इसका विरोध किया जाएगा तथा शासन के किसी भी आदेश को शिक्षकों तक नहीं पहुंचाया जाएगा।

आज युक्तियुक्तकरण का विरोध करने वालों में जिला संचालक देवेन्द्र हरमुख के साथ साथ, रामकिशोर खरांशु, एलेन्द्र यादव, अश्वनी सिन्हा,खिलानंद साहू, संदीप दुबे, छबिलाल साहू, अनिल दिल्लीवार,उमेश साहू,मदन लाल साहू,हेमंत देशमुख, संभव देवांगन,शिव कुमार चौरके, श्रीमती धनमत साहू, श्रीमती विमला रानी गंगबेर,टोमन नागवंशी, ओमप्रकाश साहू, नेतराम पटेल, विनेश्वर ठाकुर, रोहित उइके,नवीन बंधुदास, नारायण सिंह सुर्यवंशी, जितेन्द्र ठाकुर, शिव कुमार शांडिल्य,पवन कुंभकार, लोकेश साहू खेमंत साहू सुरेश सिन्हा,साकेस साहू, लोमश साहू योगेश ठाकुर,टोमन लाल मालेकर, ठाकुर राम रावते,यशपाल नेताम, श्रीमती सुनीता साहू, श्रीमती वीणा ठाकुर,फलेश देवांगन,हिलेश्वर देवांगन,तोमन भुआर्य आदि उपस्थित थे।

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