*बाल दिवस पर जिला पंचायत अध्यक्ष रहित शैक्षणिक संस्थानों में बाल मेले में सम्मिलित*

*बाल दिवस पर जिला पंचायत अध्यक्ष रहित शैक्षणिक संस्थानों में बाल मेले में सम्मिलित*

बाल दिवस पर अविस्मरणीय उत्सव, बच्चों की मुस्कुराहटों से गुलजार हुए विद्यालय

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह बनीं प्रेरणा का स्रोत

मोहल

14 नवंबर को जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में बाल दिवस हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। इस दौरान बच्चों की प्रतिभा, ऊर्जा और उत्साह देखते ही बन रहा था। कार्यक्रमों की मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह रहीं, जिन्होंने मोहला के सेजेश, कौड़ीकसा हाईस्कूल, विचारपुर सेजेश तथा टाटेकसा हाईस्कूल पहुँचकर विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया।

विद्यालयों में उनके स्वागत के लिए विशेष तैयारियाँ की गईं। पारंपरिक वाद्ययंत्रों, ढोल-नगाड़ों के मनमोहक सुरों के बीच छात्र-छात्राओं ने आतिथ्य सत्कार की छटा बिखेरी। अनेक स्थानों पर स्वागत द्वार, पुष्प वर्षा और सांस्कृतिक रैलियों के माध्यम से बच्चों ने अपनी खुशी का इजहार किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पण कर किया गया। विद्यार्थियों ने बाल दिवस के महत्व पर भाषण, कविताएँ एवं नाटक प्रस्तुत किए।

अपने संबोधन में श्रीमती नम्रता सिंह ने कहा –

“बच्चे ही भारत का वास्तविक भविष्य हैं। उन्हें शिक्षा, संस्कार और अवसर प्रदान करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है।”

उन्होंने डिजिटल शिक्षा, खेलकूद, कौशल विकास और सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागिता बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए शिक्षकों और अभिभावकों से बच्चों के समग्र विकास हेतु प्रेरणादायी वातावरण प्रदान करने की अपील की

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देशभक्ति गीतों, छत्तीसगढ़ी नृत्य व लोककला की झलक ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय परिसर में चित्रकला, निबंध, समूहगान, खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं। विजयी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि के कर-कमलों से पुरस्कार वितरित किए गए।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपने सपने साझा करते हुए डॉक्टर, पुलिस अधिकारी, वैज्ञानिक, शिक्षक आदि बनने की आकांक्षा व्यक्त की। मुख्य अतिथि ने बच्चों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और भविष्य में उनके लिए उपलब्ध अवसरों व योजनाओं की जानकारी दी।

शिक्षकों ने बताया कि ऐसे आयोजन बच्चों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने और सामाजिक समरसता को बढ़ाने में अत्यंत सहायक होते हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी को बच्चों के अधिकार, संरक्षण और शिक्षा को प्राथमिकता देने का संकल्प दिलाया गया।

इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्राम प्रमुख, शिक्षण स्टाफ, पालकगण एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

बाल दिवस का यह आयोजन विद्यार्थियों की स्मृतियों में सदैव सजीव रहेगा और उन्हें शिक्षा के पथ पर आगे बढ़ने हेतु निरंतर प्रेरित करता रहेगा।