मानसून 2024 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत के निर्देश

Dhruv jaiswal

मानसून 2024 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत के निर्देश

मानसून 2024 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत के निर्देश

 

 

एमसीबी/ सर्व राजस्व अधिकारी, सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजन, सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को जिले में स्थापित समस्त वर्षामापक यंत्रों का उचित संधारण कर वर्षा एवं वर्षा से हुई क्षति की जानकारी तथा नवगठित तहसीलों में वर्षामायक यंत्र स्थापित करने के निर्देश प्राप्त हुये हैं। जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष क्रमांक 14 में स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष क्रमांक 07771-299055 है। उक्त नियंत्रण कक्ष 24 घंटा कार्य करेगा। इसके अतिरिक्त आपात

 

 

स्थिति में इन दूरभाष नंबरों के अतिरिक्त प्रभारी अधिकारी श्री प्रितेश राजपूत, डिप्टी कलेक्टर मोबाइल नंबर 9770615471, जिला सेनानी एवं प्रभारी फायर बिग्रेड अधिकारी श्री संजय गुप्ता मोबाइल नंबर 8319140403, पुलिस नियंत्रण 100 अथवा 112 जिला चिकित्सालय कार्यालय के सीमेंद्र गण्डल मोबाइन नंबर 7000272749 पर त्वरित सूचना प्रेषित किये जायैं इसके अतिरिक्त आपके कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष

 

 

स्थापित कर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाये तथा पालन प्रतिवेदन इस कार्यालय को तीन दिवस में प्रेषित करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खाद्य अधिकारी, कार्यपालन अभियन्ता लो.स्वा.या. तथा सर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां बाढ़ की स्थिति में पहुंचना संभव नहीं होगा, वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसीन, जीवन रक्षक दवाईयां आदि नियमानुसार संग्रहित करें। बाढ़ प्रभावित एवं पहुंच विहिन क्षेत्रों हेतु डॉक्टरों की क्वीक रेस्पोंस टीम का गठन कर इस कार्यालय के राजस्व लेखा शाखा को अवगत कराये साथ ही समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में मानसून के दौरान सर्प एवं अन्य जीव जन्तु द्वारा काटने से मृत्यु होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए एन्टी स्नैक वेनम वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

 

इसी प्रकार पेयजल की शुद्धता एवं स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुये कुंओं, हैण्डपंप आदि में ब्लीचिंग पाऊडर का छिड़काव आदि की व्यवस्था की जाये ताकि शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। सर्व अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश है, जहाँ प्रतिवर्ष बाढ़ की संभावना रहती है। इन

 

 

क्षेत्रों के ग्रामों में सतत् निगरानी रखी जाये, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शीघ्रता से पहुंचाने एवं ठहराने की व्यवस्था की जा सके। अस्थाई कैम्प हेतु सुरक्षित शासकीय, अशासकीय भवनों, धर्मशालाओं, गोदामो, स्कूलों

 

आदि को चिन्हांकन करने के निर्देश है। आयुक्त नगर निगम, सर्व नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत को नगरीय क्षेत्रों में बाढ कि स्थिति निर्मित न हो इसके लिए यह सुनिश्चित करें कि नगरीय क्षेत्रों के सभी नाले व नालियों की सफाई निरंतर किया जाये। शहरों के भीतर बाढ़ वाले

 

क्षेत्रों में पोर्टेबल डायविंग पंपों की व्यवस्था की जाये। असुरक्षित पड़ों की कटाई करना और सूचना पट्ट होर्डिंग हटाना, सुरक्षित करना सुनिश्चित किया जाये। जिला सेनानी को बाढ़ से बचाव संबंधी जो भी उपकरण जिले में उपलब्ध है उनकी दुरुसती कर तैयार करने तथा जिले में बाढ़ बचाव और राहत गतिविधियों

 

 

एसडीआरएफ, फायर सर्विस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस, आपदा मित्र पर में सम्मिलित कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के साथ ही शारीरिक-सामाजिक दूरी बनाए रखने के कारण बाढ़ राहत शिविरों की क्षमता की कमी हो सकती है। इसलिए बाढ़ आश्रयों की क्षमता को समायोजित करने एवं अतिरिक्त आश्रयों राहत शिविरों की चिन्हांकन सुनिश्चित करें। राहत

 

शिविरों में बीमारियों के प्रकोप की रोकथाम के लिए अतिरिक्त शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। राहत शिविरों में चिकित्सा जांच जैसे- (बुखार, उल्टी-दस्त, मलेरिया आदि) लक्षणों वाले लोगों को अलग कर उनका उपचार किया जा सके। राहत शिविरों में नियमित कीटाणु शोधन (सेनेटाइजेशन) की अतिरिक्त व्यवस्था की जानी चाहिए। *स