भालू वाला मंदिर बागबाहरा मां चंडी मंदिर
भालू वाला मंदिर बागबाहरा मां चंडी मंदिर
नवरात्रि का आज दूसरा दिन मां के दर्शन के लिए दूरदराज से भक्त सर्म सर धनुजा पहुंच कर माता की आरती मैं शामिल अलका चंद्राकर जिला पंचायत सदस्य
माता के आस्था का पर्व नवरात्रि आज से प्रारंभ हो रहा है। इस पावन पर्व में देवी मंदिरों में नौ दिनों तक माता के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। माता के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है माता चंडी का मंदिर, जो महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लाॅक में घुंचापाली चंडी माता स्थित है। यहां पर रोज आरती के समय भालू आते हैं श्रद्धालु लोग अपने हाथों से भालू को प्रसाद खिलाते हैं।
नवरात्रि पर प्रदेश के ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर माता के दरबार में माथा टेकने पहुंचते हैं। मंदिर में प्राकृतिक रूप से बनी पत्थर की 23 फीट ऊंची दक्षिणमुखी स्वयंभू मूर्ति दुर्लभ और तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है।मंदिर के सेवक और जानकार छन्नूलाल बताते हैं कि कलयुग के प्रारंभ में पांचों पांडव गुप्त वनवास के दौरान इसी स्थान पर ठहरे हुए थे। उन्होंने ने ही पत्थर को माता चंडी का रूप दिया।
जहां माता की मूर्ति स्वयं-भू है। जो पहले आकार में छोटी थी लेकिन धीरे-धीरे बढ़ते हुए आज करीब 23 फीट ऊंची हो गई
रिपोर्टर
हेमसागर यादव
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