भू माफिया की दबंगई पर्यावरण से खिलवाड़ से लेकर कृषि भूमि को भी कर रहे कब्जा जिम्मेदार कौन
भू माफिया की दबंगई पर्यावरण से खिलवाड़ से लेकर कृषि भूमि को भी कर रहे कब्जा जिम्मेदार कौन
बालोद। जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों अवैध प्लाटिंग का कारोबार बेखौफ हो रहा है। शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर खेत खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी बिक्री हो रही है। हालात यह है कि शहर के आसपास इलाकों में रोज कहीं ना कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। नगर पालिका बालोद सहित अन्य नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी बड़े स्तर पर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। भू माफिया रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेच रहे है। अवैध निर्माण की वजह से शहर का सुनियोजित विकास नहीं हो पा रहा है। गांव का नक्शा भी बिगड़ रहा है, तो साथ ही लोग भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। अवैध तरीके से कालोनी बसाने वाले भू-माफियाओं ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं। नियमों को ताक में रख खुलेआम लोगों के साथ ठगी कर उनकी आंखों में धूल झोंकने में लगे हैं। सारी सुविधाएं मुहैया कराने का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को फांसने वाले इन जमीन दलालो को खुली छूट व प्रशासन की चुप्प्पी अनेक सवाल खड़ा कर रही है।
खेत खलिहान में बन रहे मकान
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■ नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी फार्मलिटी पूरी करने के बाद जमीन की खरीदी बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनी डेवलप हो रहे हैं बल्कि खेत खलिहान का आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है।
यहां है अवैध प्लाटिंग का जोर
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■ नगर में पाररास, रेलवे कालोनी,नयापारा दशेला तालाब पार,कुन्दरूपारा,बूढ़ा तालाब,सिवनी, बालोद-दुर्ग मुख्य मार्ग, झलमला से दुर्ग मुख्य मार्ग, घोटिया चौक व उमरादाह पारागांव मुख्यमार्ग आदि स्थानों पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। मामला संज्ञान में होने के बाद भी अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस स्थान पर धड़ल्ले से जमीन खरीदने वालों को ठगा भी जा रहा है।
कटते पेड़, जड़ से उखड़ता पर्यावरण —————————————————————–
■ पर्यावरण से पृथ्वी का गहरा नाता है। इस रिश्ते की डोर को सबसे मजबूती से जिसने बांधे रखा है वे पेड़ हैं। लेकिन जमीन दलाल प्लाटिंग के अवैध खेल में अपने मुनाफ़े के लिए दरख्तों की बेहिसाब कटाई से भी नही हिचक रहे है। बेवजह पेड़ काटने और कटवाने वालों पर सख्त कार्रवाई के सरकारी आदेश रद्दी की टोकरी में डाल दिए गए है।
जमीन दलाल सक्रिय
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■ जानकारी हो कि शहर के चारों हिस्सों में इन दिनों अवैध रूप से प्लाट काटकर बेचने का कारोबार बेखौफ किया जा रहा है। मुनाफा कमाने के फेर में खरीदार को लोकेशन का सब्जबाग दिखा कर बगैर परमिशन व डायवर्सन जमीन की खरीदी-बिक्री की जा रही है। वहीं एक ही जमीन के कई-कई दलाल सक्रिय रहते हैं, जो अपने-अपने तरीके से ग्राहक को फंसाने की फेर में लगे रहते हैं।
बिना ले-आउट बड़े रकबें का आवासीय डायवर्सन ————————————————————-
■ अवैध प्लाटिंग में लगे जमीन दलाल व सरकारी अमले की मिली भगत से बड़ी मात्रा में बड़े रकबे का डायवर्सन हो रहा है। तथा बिना ले आउट अनुमोदन कराये व्यपवर्तित भूमि को छोटे-छोटे टुकडो मे बेचा जा रहा है, जिसके कारण अवैध प्लाटिंग एवं भूमि विवाद बढ़ रहा है। भविष्य मे ऐसे भूमि के खरीददारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। नकल को लेकर कई बार हो चुकी विवाद की स्थिति निर्मित अवैध प्लाटिंग के कारोबार में नकल का सबसे बड़ा खेल है जानकारी के मुताबिक अवैध प्लाटिंग के लिप्त भूमाफिया व राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के सांठगांठ से किसी एक खसरा पर नकल जारी 3-4 नकल जारी किया जाता है जिसके बाद उक्त खसरा में रजिस्ट्री के बाद उस खसरा में कुछ दिनों तक नकल नही दिया जाता ऐसे ही मामलों पर हाल ही में भूमाफियाओं के बीच ही आपसी द्वंद की स्थिति निर्मित होने के बाद मामले विवाद गहराने के बाद नकल पर रोक लगा दी गई वही जानकारी के अनुसार फिर एक बार नकल को लेकर माफियाओं और जिम्मेदारों के बीच बैठकों का दौर जारी है।
आर के देवांगन/अरुण उपाध्याय मो-7089094826/9425572406