गणतंत्रता को बरकरार रखना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि राजतंत्र या परतंत्र होना...... : श्री एच. पी. जोशी

गणतंत्रता को बरकरार रखना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि राजतंत्र या परतंत्र होना...... : श्री एच. पी. जोशी
गणतंत्रता को बरकरार रखना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि राजतंत्र या परतंत्र होना...... : श्री एच. पी. जोशी

*गणतंत्रता को बरकरार रखना हमारे लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि राजतंत्र या परतंत्र होना...... : श्री एच. पी. जोशी* *लोकतंत्र राजतंत्र से लाख गुणा बेहतर...... संविधान लोकतंत्र की आत्मा है : श्री एच.पी. जोशी*

गणतंत्रता दिवस विशेषांक : देशवासियों को गणतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं....

लोकतंत्र का पावन पर्व, गणतंत्रता दिवस सारे पर्व से अद्वितीय और दूसरा सबसे बड़ा पर्व है। जिसप्रकार स्वतंत्रता के बिना गणतंत्रता की कल्पना व्यर्थ और अधूरा है ठीक उसी प्रकार स्वतंत्रता को बनाये रखने के लिए लोकतंत्र की आत्मा अर्थात संविधान अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम भारतीयों के लिए भारत का संविधान ही एक ऐसा ग्रंथ है जो देश के हर नागरिक को न्याय, समान अवसर तथा अधिकार प्रदान करता है। संविधान लागू होने के पूर्व घोर अमानवीय कृत्यों को ही कानून और सर्वोच्च सत्ता का नियम बताने का भ्रम फैलाया जाकर बहुसंख्य लोगों का शोषण किया जाता रहा। अंग्रेजी सरकार ही नहीं उसके पूर्व स्थापित राजतंत्र में भी राजाओं के इच्छा तक ही जनता को सुविधाओं और जीवन का अधिकार था, हालांकि राजतंत्र के दरबारी कवियों, साहित्यकारों और इतिहासकारों द्वारा अपने राजा को खुश करने के उद्देश्य से कपोल कल्पित रचना/लेख के माध्यम से उनकी तुलना ईश्वर से भी किया गया है। कुछ चाटुकारों ने तो अपने मालिकों के राज्य में न्याय और समानता की कोरी कल्पना को भी सत्य प्रमाणित कर दिया गया है। कुछ राजा वास्तव में कल्याणकारी भी रहे हैं उनके समानता और न्याय के व्यवस्था भी अच्छे रहे होंगे, मगर देश हजारों राजाओं के आधिपत्य में था जिसके कारण सबको न्याय, अवसर की समानता और आवश्यक मानव अधिकार मिले हों ऐसा कल्पना करना व्यर्थ बहकावा मात्र है। सबसे खास बात तो यह है कि राजतंत्र में कुछ विशेष लोगों को ही अधिकार प्राप्त रहता है जबकि लोकतंत्र में हर नागरिक को असीमित अधिकार प्राप्त होते हैं। अतएव हम सभी भारतीय नागरिकों का कर्तव्य है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए संविधान को सुरक्षा प्रदान करते हुए और अधिक बेहतर बनाने में अपना योगदान दें। हमें इस बात का भी पूरा ज्ञान होना चाहिए कि लोकतंत्र का नहीं होना अघोषित रूप से गुलाम होने का ही पर्याय है। मेरे प्यारे देशवासियों, संविधान भारत के हर नागरिकों को हजारों बेहतर और आवश्यक अधिकार देने के साथ साथ हमसे कुछ चंद कर्तव्य पालन का भी अपेक्षा करता है जिसका पालन कर हम अपने राष्ट्र को अधिक बेहतर बना सकते हैं। तो आइए संकल्प लें कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे......

क्योंकि हम भली भांति जानते हैं कि राजतंत्र या परतंत्र होना हमें पशु से भी बदतर जीवन को मजबूर करती है इतना ही नहीं हमारा जीवन भी उनके क्रूर इच्छाओं पर निर्भर रहती है।