प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विकास के लिए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान ने मांगा 250 करोड़ का बजट आदित्य टंडन

प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विकास के लिए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान ने मांगा 250 करोड़ का बजट आदित्य टंडन
प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विकास के लिए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान ने मांगा 250 करोड़ का बजट आदित्य टंडन

प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विकास के लिए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान ने मांगा 250 करोड़ का बजट आदित्य टंडन

रायपुर - छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान छत्तीसगढ़ राज निर्माण योग प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मेघराज साहू ने यह बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का सपना था प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग गांव गांव, घर- घर पहुंचे और लोग इसका लाभ लेकर अपने चिकित्सक स्वयं बने गांधी जी का यह भी कहना था कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग एक सस्ती सरल एवं सुलभ चिकित्सा पद्धति है इसका उपयोग कर लोग रोग रहित हो सकते। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के सपनों को साकार करने निरंतर संस्थान कार्यरत है। भारत के अलावा अन्य देशों में साथ ही अन्य राज्यों में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को सहयोग किया जाता है राज्य सरकार को चाहिए कि इस पर कुछ पहल करें। गांधी जी ने वर्ष 1994 के बाद उनके पुणे आगमन पर लगभग 156 दिन तक निवास किया उन्होंने यहां पर प्राकृतिक चिकित्सा के अनेकों प्रयोग स्वयं पर एवं मरीजों पर किए पहले इस जगह को प्राकृतिक चिकित्सा क्लीनिक एवं आरोग्य सदन के नाम से जाना जाता था जिसको स्वर्गीय डॉ. दीनानाथ महत्ता चलाते थे इस सदन में भी ऑल इंडिया नेचर केयर फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना हुई एवं महात्मा गांधी जी इसके आजीवन अध्यक्ष बने महात्मा गांधी जी ने इस संस्था में बहुत सी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों को संचालन किया गांधीजी हमेशा हम सब के लिए आदर्श रहेंगे तथा यह संस्थान पूरे भारत के लिए पवित्र विरासत है आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस जगह को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान की स्थापना 22 दिसंबर 1986 से अस्तित्व में आया इस संस्थान का संचालन शासी निकाय द्वारा किया जाता है जिसके अध्यक्ष माननीय केंद्रीय आयुष मंत्री हैं गांधी जी ने कुछ समय छत्तीसगढ़ में बिताया है साथ ही छत्तीसगढ़ के संत महापुरुषों ने आदिम समय से प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग को अपनाएं है इस दिशा में राज्य सरकार को ध्यान देते हुए विकास के लिए बेहतर करना चाहिए पुणे के उरली कांचन में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग चिकित्सालय, महाविद्यालय 400 करोड़ की बजट से 250 बेट का बन रहा है साथ ही गोवा, हरियाणा, राजस्थान,केरल एवं पश्चिम बंगाल कि सरकार कार्य प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के विकास हेतु कार्य कर रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ में भी राज्य सरकार को प्रयास करना चाहिए केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ccryn) नई दिल्ली द्वारा लेटर लिखकर राज्य सरकार से प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के विकास हेतु जमीन आवंटित मांगा गया था जगह का चयन आयुर्वेद महाविद्यालय रायपुर में किया गया है साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने माननीय स्वर्गीय श्री केयर भूषण जी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद नई दिल्ली के कार्यक्रम में नया रायपुर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के विकास के लिए 100 एकड़ जमीन की घोषणा प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग चिकित्सालय महाविद्यालय किया था। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऐम्स रायपुर में भी नेचुरोपैथी विभाग है वहां एक ही डॉक्टर नियुक्त है वहां संपूर्ण स्टाफ की व्यवस्था किया जाना चाहिए। 5 से 6 वर्ष बीत जाने पर भी अभी तक प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के विकास पर कोई भी कार्य नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ के 2 करोड़ 80 लाख जनता के साथ छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण योग प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ राज्य सरकार से यह मांग करता है की प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के विकास हेतु इस वर्ष बजट में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग को विशेष महत्व दिया जाए और इनके विकास हेतु 250 करोड़ का बजट पेश किया जाए ताकि गड़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का सपना साकार हो पाए।

आर के देवांगन/अरूण उपाध्याय

मो-7089094826/9425572460