छत्तीसगढ़ के विकास योद्धा कर्मचारी-अधिकारियों को भी मिलने लगा है न्याय-फेडरेशन

छत्तीसगढ़ के विकास योद्धा कर्मचारी-अधिकारियों को भी मिलने लगा है न्याय-फेडरेशन
छत्तीसगढ़ के विकास योद्धा कर्मचारी-अधिकारियों को भी मिलने लगा है न्याय-फेडरेशन

छत्तीसगढ़ के विकास योद्धा कर्मचारी-अधिकारियों को भी मिलने लगा है न्याय-फेडरेशन

रायपुर//सातवे वेतनमान के एरियर्स के तीसरे किश्त का भुगतान करने सरकार के निर्णय का छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2020 में राज्यव्यापी कलम रख मशाल उठा आंदोलन में कर्मचारी-अधिकारियों के अभूतपूर्व सहभागिता और भावनात्मक एकजुटता के मद्देनजर सरकार ने यह निर्णय लिया है। होली त्यौहार के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय, वर्तमान एवं तत्कालीन सेवारत कर्मचारी-अधिकारियों के लिए उत्साहवर्धक है। उन्होंने जानकारी दिया कि 1 जनवरी 2016 से लागू हुए सातवे वेतनमान को छत्तीसगढ़ शासन ने भी अपने कर्मचारी-अधिकारियों के लिए प्रभावशील किया था। उन्होंने बताया कि 1 जुलाई 2017 के वेतन से आर्थिक लाभ एवं 1जनवरी 2016 से 30 जून 2017 तक कुल 18 माह के बकाया वेतन के एरियर्स को 6 किश्तों में भुगतान करने का निर्णय सरकार ने लिया था। निर्णयानुसार प्रथम किश्त 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2016,दूसरा 1 अप्रैल 2016 से 30 जून 2016, तीसरा 1 जुलाई 2016 से 30 सितंबर 2016 , चौथा 1 अक्टूबर 2016 से 31 दिसम्बर 2016,पांचवा 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017 एवं छठवाँ 1 अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 तय हुआ था। उन्होंने जानकारी दिया कि सरकार ने फिलहाल तीसरा किश्त अथार्त 1 जुलाई 2016 से 30 सितंबर 2016 तक के बकाया वेतन के एरियर्स का भुगतान करने का निर्णय लिया है,जिसका आंकलन 360 करोड़ रुपये है।प्रथम किश्त 344 करोड़ रुपये 8/8/2018 एवं द्वितीय किश्त 356 करोड़ रुपये 4/10/2019 को किया गया था। उनका कहना है कि सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन के भाग को अब दे रही है। बकाया 3 किश्तों के भुगतान पर भी निर्णय सरकार को न्यायहित में लेना चाहिये। उनका कहना है कि कर्मचारियों के मासिक वेतन से जुड़े बकाया महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान अनुसार गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति जैसे मामलों पर सरकार को न्यायोचित निर्णय लेना चाहिये। जन-घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय वेतनमान कर्मचारियों के भावना से जुड़ा मुद्दा है,इस पर सरकार को निर्णय लेने में लाभ होगा।