CSVTU की मान्यता खतरे में लग सकता है ताला छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई स्थापित करने हेतु नेवई स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की 250 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ शासन को हस्तांतरण हेतु MoU छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच दिनांक 10 जनवरी 2008 को किया गया,परन्तु भूमि अभी तक बीएसपी के नाम पर ही है

CSVTU की मान्यता खतरे में लग सकता है ताला छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई स्थापित करने हेतु नेवई स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की 250 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ शासन को हस्तांतरण हेतु MoU छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच दिनांक 10 जनवरी 2008 को किया गया,परन्तु भूमि अभी तक बीएसपी के नाम पर ही है
CSVTU की मान्यता खतरे में लग सकता है ताला छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई स्थापित करने हेतु नेवई स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की 250 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ शासन को हस्तांतरण हेतु MoU छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच दिनांक 10 जनवरी 2008 को किया गया,परन्तु भूमि अभी तक बीएसपी के नाम पर ही है

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई स्थापित करने हेतु नेवई स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की 250 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ शासन को हस्तांतरण हेतु MoU छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच दिनांक 10 जनवरी 2008 को किया गया,परन्तु भूमि अभी तक बीएसपी के नाम पर ही है।

CSVTU की मान्यता खतरे में लग सकता है ताला

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई स्थापित करने हेतु नेवई स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की 250 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ शासन को हस्तांतरण हेतु MoU छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के बीच दिनांक 10 जनवरी 2008 को किया गया,परन्तु भूमि अभी तक बीएसपी के नाम पर ही है भूमि सीएसव्हीटीयू के नाम नहीं की गई है इससे विश्वविद्यालय को एआईसीटीई व यूजीसी से मान्यता नहीं मिल पाई है शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान अंतर्गत विश्वविद्यालय को एआईसीटीई व यूजीसी से मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य है, विश्वविद्यालय को मान्यता देने की प्रथम शर्त ही विश्वविद्यालय के नाम पर भूमि होना है, बिना मान्यता प्राप्त सीएसव्हीटीयू से संबंधित संस्थाओं में पढ़ रहे युवाओं की भविष्य अधर में लटकी हुई है तथा नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में कभी भी ताला लगने के आसार हैं।MoU में बहुत से शर्तों के शामिल किया गया था जिसमें दो शर्त (08,14) इसप्रकार रखी गई थी कि - 8. "प्रदेश के सभी शासकीय ईंजींनियरिंग महाविद्यालयों में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में सेल/बीएसपी कर्मचारियों के बच्चों के लिए एक सीट आरक्षित रखा जावे" चूंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आरक्षण संबंधित फैसले व वैधानिक रूप से आरक्षण संबंधी दिशानिर्देश के परिपालन में किसी संस्था या व्यक्ति विशेष के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सीट आरक्षित नहीं किया जा सकता अतः उक्त शर्त का पालन नहीं किया जा सकता।छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार वैधानिक रूप से इस बिंदु का परीक्षण कर इसकी सूचना केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय व सेल प्रबंधन को दिया गया और निवेदन किया गया कि इस बिंदु को विलोपित या शिथिल करते हुए छात्रों व विश्वविद्यालय के हीत में भूमि सीएसव्हीटीयू भिलाई के नाम पर किए जाने की प्रक्रिया किया जावे। 14. MoU में एक शर्त यह भी रखा गया था कि "छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के कार्यपरिषद में दो सदस्य सेल/बीएसपी प्रबंधन से रखा जावे" जिसके लिए विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद (83वीं बैठक)द्वारा बीएसपी के सीईओ व बीएसपी के कार्यकारी निदेशक(पी & ए) को सीएसव्हीटीयू के कार्यपरिषद में स्थाई आमंत्रित सदस्य के रूप में रखे जाने हेतु छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के अधिनियम में संशोधन करने की अनुशंसा सहित प्रस्ताव छत्तीसगढ़ की माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति व सचिव छत्तीसगढ़ शासन तकनीकी शिक्षा विभाग को भेजी गई है जिसे आगामी विधानसभा सत्र में विधिवत अधिनियम में संशोधन हो सके।समस्या अब यह है कि बीएसपी प्रबंधन MoU के बिन्दु क्र. 08. "प्रदेश के सभी शासकीय ईंजींनियरिंग महाविद्यालयों में संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम में सेल/बीएसपी कर्मचारियों के बच्चों के लिए एक सीट आरक्षित रखा जावे" को वैधानिक समस्याओं के कारण से पूर्ण नहीं किया जाने की स्थिति में सेल प्रबंधन के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर की बैठक में रखकर विलोपित या शिथिल कर उक्त भूमि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के नाम पर करने के लिए तैयार ही नहीं है।