देश की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए लोहारा में 2018 से हो रहा है गरबा का आयोजन, परंपरा ना टूटे इसलिए इस बार भी होगा आयोजन

देश की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए लोहारा में 2018 से हो रहा है गरबा का आयोजन, परंपरा ना टूटे इसलिए इस बार भी होगा आयोजन
देश की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए लोहारा में 2018 से हो रहा है गरबा का आयोजन, परंपरा ना टूटे इसलिए इस बार भी होगा आयोजन
देश की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए लोहारा में 2018 से हो रहा है गरबा का आयोजन, परंपरा ना टूटे इसलिए इस बार भी होगा आयोजन

देश की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए लोहारा में 2018 से हो रहा है गरबा का आयोजन, परंपरा ना टूटे इसलिए इस बार भी होगा आयोजन

 बालोद। डौण्डीलोहारा में हर साल की तरह इस साल भी गरबा महोत्सव का आयोजन गरबा ग्रुप डौण्डी लोहारा द्वारा किया जा रहा है। 8 अक्टूबर से 10 अक्टूबर को डौण्डी लोहारा के पुराना जनपद कार्यालय प्रांगण में 3 दिवसीय गरबा आयोजन किया जाएगा। जिसमें परिवार से सिर्फ महिला सदस्य शामिल हो सकते हैं।

 कहां से हुई शुरुआत 

सबसे पहले श्रीमती विद्या गौर और श्रीमती हर्षा देवांगन ने आपस में विचार मंथन किया कि गरबा नृत्य हमारे भारत देश की संस्कृति है , लोक परंपरा है जिसमें जगत जननी मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा आराधना गरबा कलश स्थापित कर कलश के चारों ओर परिक्रमा लगाकर माता भक्ति की जाती है, क्यों ना हम भी अपने नगर में गरबा नृत्य का आयोजन करें क्योंकि भारत देश के अलग-अलग राज्यों के लोक नृत्य और लोक संस्कृति होती है। प्राचीन लोक संस्कृति का परिचय कराना तथा जीवंत बनाए रखना उनका मुख्य उद्देश्य था। 10 अक्टूबर2018 से लोहारा नगर में इसकी शुरुआत हुई । इस परंपरा को कायम रखने कोरोना काल में भी ऑनलाइन गरबा का आयोजन किया गया था। ताकि परम्परा को सुचारू रूप से किया जा सके। माया जयेश ठाकुर और जुली भन्साली ने बताया कि गरबा नृत्य में सर्व समाज के लोग हिस्सा लेते हैं। खासतौर पर वह व्यक्ति जो भारत की संस्कृति में शामिल गरबा नृत्य को देखने नहीं जा सकते या गरबा नृत्य में शामिल नहीं हो सकते, उनके लिए यह गरबा का आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है। डौण्डी लोहारा ग्रामीण क्षेत्र के अन्तर्गत आता है और यहां हमने मिलकर गरबा की परम्परा को जागृत करने की कोशिश की है। गरबा का हमारी भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। श्रीमती विद्या गौर ,हर्षा राजेंद्र देवांगन, माया जयेश ठाकुर,जूली भंशाली,नीता भंसाली, सोनम भंसाली,ममता साहसी, रंजना राजपूत, बिंदु देशमुख शीतल कुलदीप, माधुरी निषाद, ममता गौर, प्रिया ठाकुर सहित अन्य महिलाएं इस परंपरा को सहेजने में जुटी हैं। गरबा सीखने के लिए राशि देवांगन और वर्षा जायसवाल का सहयोग मिल रहा है। कोरोना के समय में ऑनलाईन क्लास लगाकर निःशुल्क गरबा सिखाया जाता है। जिसमे कोई भी भाग ले सकता है। श्रीमती हर्षा देवांगन ने बताया कि इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन भी होता है। जिसमें फेंसी ड्रेस, गरबा क्वीन, इत्यादि का आयोजन होना है और विगत 2019 के गरबा आयोजन में विभिन्न महिला समूहों को सम्मानित किया गया। जो उत्कृष्ट या महिला उत्थान का कार्य या देश सेवा राष्ट्र सेवा कर रहे है, इस वर्ष भी उसी भांति उनका सम्मान होना है।