धान खरीदना ना पड़े इसलिए बारदाना का अभाव पैदा कर रही है भूपेश बघेल सरकार :बृजमोहन अग्रवाल

धान खरीदना ना पड़े इसलिए बारदाना का अभाव पैदा कर रही है भूपेश बघेल सरकार  :बृजमोहन अग्रवाल
धान खरीदना ना पड़े इसलिए बारदाना का अभाव पैदा कर रही है भूपेश बघेल सरकार  :बृजमोहन अग्रवाल

धान खरीदना ना पड़े इसलिए बारदाना का अभाव पैदा कर रही है भूपेश बघेल सरकार :

बृजमोहन अग्रवाल

बारदाना के नाम पर किसानों से 50 रुपए प्रति क्विंटल की बोरे के नाम से लूट धान खरीदी को लेकर सरकार पूरी तरह फैल पूरे प्रदेश में किसानों को लूटने के लिए सरकार ने बारदाना माफिया पैदा कर दिया है धान खरीदी 1 नवम्बर से 1 दिसंबर कैसे हुई, अब जनता के समझ मे आ रही है

 भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल सरकार को धान खरीदी के तैयारियों में पूरी तरह फेल होने का आरोप लगाते हुए कहा की सरकार सिर्फ जुबानी जमा खर्च में चल रही है। धान खरीदी की जमीनी हकीकत पूरी तरह बदहाल एवं बर्बाद है। कल 1 दिसम्बर से धान खरीदी होनी है और सरकार आज तक बारदाने की व्यवस्था भी नहीं कर पाई है।

 अग्रवाल ने कहा कि 1 दिसंबर से धान खरीदी करने की घोषणा करने वाली सरकार को यह भी मालूम नहीं है कि उन्हें कितने बारदना चाहिए? कितने बारदाना किन-किन माध्यमों से मिलेगा? कितना बारदाना नया लेना है, कितना पीडीएस से लेना है? कितना राइस मिलर्स से लेना है? क्या यह सरकार बारदाना के लिए सालभर से सो रही थी? सरकार पीडीएस व राइस मिलर्स का बारदाना क्यों समय पूर्व इकट्ठा नही कर पाई?

 अग्रवाल ने कहा कि जब सरकार को धान खरीदी के लिए 5 लाख गठान बारदाना की जरूरत थी? तब सरकार ने बारदाना के लिए साल भर में क्या किया? बारदाना का आर्डर कब-कब किस एजेंसियों के माध्यम से किया गया? कितना पैसा बारदाने के लिए भेजा गया? कब भेजा गया? यह भी स्पष्ठ सामने आना चाहिए। साल भर का समय मिला था, धान खरीदी का व बारदाना दोनों के लक्ष्य तय थे, फिर साल भर में बारदाना खरीद नही पाना किसके निकम्मेपन को प्रदर्शित करता है। क्यो साल भर में बारदाना की खरीदी नही हो पाई?

 अग्रवाल ने कहा कि खरीदी केंद्र में टोकन लेने वाले किसानों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि आप अपने बारदाने में धान लेकर आइए। किसान पुराना व नया बारदाना खरीदने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। सरकार से जुड़े बारदाना माफिया के पौ बारह है। किसान मजबूरी में पुराने बारदाना 40-40, 50 - 50 रुपए में खरीद रहे हैं। और सरकार सिर्फ बारदाना के 18 रुपए प्रति बारदाना के दर से भुगतान करेगी। इस प्रकार किसानों से प्रति 50 किलो धान पर किसानों की 22 रुपए से लेकर 32 रुपए की लूट हो रही है। किसानों को जो 44 रुपए से लेकर 64 रुपए तक की प्रति क्विंटल लूट हो रही है उसके लिए जवाबदार कौन है?

 अग्रवाल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार धान खरीदी के नाम पर किसानों को लूटने में लगी है। बारदाना खरीदी, धान खरीदी, किसानों को धान का पेमेंट करने, धान का ट्रांसपोर्टिंग करने एवं धान का मिलिंग कराने में ये सरकार पूरी तरह फैल है।

 अग्रवाल ने कहा कि अपनी असफलता को छुपाने के लिए ही यह सरकार कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के ऊपर आरोप लगाकर अपने जिम्मेदारियों से बचना चाहती हैं।