सहायक शिक्षकों के वरिष्ठता सूची त्रुटिपूर्ण-विकासखण्ड डौंडी क्या होगा

सहायक शिक्षकों के वरिष्ठता सूची त्रुटिपूर्ण-विकासखण्ड डौंडी क्या होगा
सहायक शिक्षकों के वरिष्ठता सूची त्रुटिपूर्ण-विकासखण्ड डौंडी क्या होगा

सहायक शिक्षकों के वरिष्ठता सूची त्रुटिपूर्ण-विकासखण्ड डौंडी क्या होगा

बालोद// जिले के इकलौते आदिवासी विकासखण्ड -डौंडी में शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शालाओ में पदस्थ सहायक शिक्षकों की पदोन्नति प्रधानपाठक एवम शिक्षक पद पर होनी है। इस विषय पर विगत दिनों लोकशिक्षण संचालनालय से विभाग को सहायक शिक्षकों के पदोन्नति के विषय मे निर्देश प्राप्त हुए थे जिसमें 31 जनवरी तक पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश है और पदोन्नति हेतु जुलाई 2018 में संविलियन प्राप्त सहायक शिक्षकों को पात्र माना गया है।

इसी विषय पर सभी शिक्षको को बीते दिनों विगत तीन वर्ष के गोपनीय चरित्रावली व अचल संपत्ति विवरण मंगाया गया। शिक्षकों ने पूरे उत्साह से नियत समय में उक्त प्रतिवेदन जमा किये लेकिन जिन सहायक शिक्षकों का पदोन्नति होना है उनकी वरिष्ठता सूची बीते दिनों जिले से प्रकाशित की गई जिसमे बहुत सारी त्रुटिया आलाअधिकारियों व सम्बंधित लिपिक की उदासीनता व लापरवाही को उजागर कर रही है। विकास खण्ड डौंडी के सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों व समस्त सहायक शिक्षकों ने बताया कि वरिष्ठता सूची वर्षों पुराने है जिसमें मृत व अन्य स्थान्तरित शिक्षकों के नाम आज भी विद्यमान है। कई शिक्षकों की योग्यता आज तक जोड़ी नही गई है।

इसके साथ साथ वरिष्ठता क्रम में भी भारी विसंगति है। और इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी त्रुटि यह की जारी वरिष्ठता सूची में आवश्यक सुधार व दावा आपत्ति के लिए शिक्षकों को जरा भी समय नही दिया गया है। इस विसंगति पूर्ण पदोन्नति से समस्त सहायक शिक्षक आक्रोशित व निराश है। संगठन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र हरमुख, उपाध्यक्ष अलेन्द्र यादव सचिव अश्वनी सिन्हा ब्लाक अध्यक्ष डौंडी प्रहलाद कौसमार्य उपाध्यक्ष बसन्तमणी साहू सचिव अनिल देवांगन,नकुल अलेन्द्र,बिसरू राम यादव सहित विकासखण्ड डौंडी के समस्त सहायक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है की जारी वरीष्ठता सूची में दावा आपत्ति के लिए पर्याप्त समय दिया जाय व त्रुटिपूर्ण सूची को तत्काल सुधार कराई जाए। व सबसे अहम यह की इस पदोन्नति प्रक्रिया के लिए निश्चित समय सारणी जारी कर पदोन्नति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाय जिससे समस्त पात्र शिक्षको को लाभ व सन्तुष्टि मिल सके।