*शिवसेना से घबरा रही सत्ता सरकार और राजनीति पार्टियां, खैरागढ़ उपचुनाव में कहीं जीत न जाए इसलिए निर्वाचन अधिकारियों से मिलीभगत कर एबी फॉर्म को कराया रिजेक्ट, फिर भी हम नहीं मानेंगे हार, चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो पर प्रत्याशी शिवसेना का ही रहेगा...*

*शिवसेना से घबरा रही सत्ता सरकार और राजनीति पार्टियां, खैरागढ़ उपचुनाव में कहीं जीत न जाए इसलिए निर्वाचन अधिकारियों से मिलीभगत कर एबी फॉर्म को कराया रिजेक्ट, फिर भी हम नहीं मानेंगे हार, चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो पर प्रत्याशी शिवसेना का ही रहेगा...*
*शिवसेना से घबरा रही सत्ता सरकार और राजनीति पार्टियां, खैरागढ़ उपचुनाव में कहीं जीत न जाए इसलिए निर्वाचन अधिकारियों से मिलीभगत कर एबी फॉर्म को कराया रिजेक्ट, फिर भी हम नहीं मानेंगे हार, चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो पर प्रत्याशी शिवसेना का ही रहेगा...*
*शिवसेना से घबरा रही सत्ता सरकार और राजनीति पार्टियां, खैरागढ़ उपचुनाव में कहीं जीत न जाए इसलिए निर्वाचन अधिकारियों से मिलीभगत कर एबी फॉर्म को कराया रिजेक्ट, फिर भी हम नहीं मानेंगे हार, चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो पर प्रत्याशी शिवसेना का ही रहेगा...*

*शिवसेना से घबरा रही सत्ता सरकार और राजनीति पार्टियां, खैरागढ़ उपचुनाव में कहीं जीत न जाए इसलिए निर्वाचन अधिकारियों से मिलीभगत कर एबी फॉर्म को कराया रिजेक्ट, फिर भी हम नहीं मानेंगे हार, चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो पर प्रत्याशी शिवसेना का ही रहेगा...

 समय बीतने के बाद एबी फॉर्म को रिजेक्ट करने के मामले को लेकर शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष धनंजय परिहार ने सरकार और चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप*

 *राजनांदगांव।* समय बीतने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा एबी फॉर्म रिजेक्ट करने के मामले को लेकर शिवसेना ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। शिवसेना छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष धनंजय सिंह परिहार ने इस मामले में सत्ता सरकार और चुनाव आयोग को आड़े हाथ लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। श्री परिहार ने कहा कि सत्ता सरकार और दूसरी राष्ट्रीय राजनीति पार्टियां शिवसेना से घबरा रही है। खैरागढ़ उपचुनाव में कहीं शिवसेना को भारी मतों से जीत न मिल जाए इसलिए षड्यंत्र रचा गया। ताकि शिवसेना का प्रत्याशी मैदान में उतर ही न पाए। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 24 मार्च को शिवसेना प्रत्याशी नितिन कुमार भांडेकर ने पर्चा भरा, यह पर्चा दोपहर करीब 1 बजे के आसपास भरा गया। उस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर ने सभी जरूरी दस्तावेजों की तसल्ली पूर्ण जांच की थी और नामांकन दाखिल किया था। समय निकले के बाद उसी शाम करीब 7:00 बजे रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर से प्रत्याशी को कॉल किया जाता है और बताया जाता है कि पार्टी का एबी फॉर्म स्कैन कॉपी है जिसे अमान्य किया जा रहा है। यहां पर सवाल यह उठता है कि जब नामांकन दाखिल किया जा रहा था उस दौरान दस्तावेज जांच में यह बात क्यों नहीं बताई गई। कार्यालय समय पर भी इसकी जानकारी नहीं दी गई जोकि न्याय संगत नहीं है यदि समय पर इसकी जानकारी दी जाती तो सही दस्तावेज जमा कर दिया जाता। लेकिन ऐसा किया नहीं गया। अधिकारियों का यह कार्य षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है। निर्वाचन अधिकारियों के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह इसलिए भी है, क्योंकि दस्तावेजों की जांच में लापरवाही उन्होंने बरती और खामियाजा हमारे प्रत्याशी को भुगतना पड़ा। पुनः एबी फॉर्म जमा करने के लिए अतिरिक्त मोहलत भी नहीं दी गई। सवाल यह भी है कि क्या चुनाव आयोग के पास जरूरी दस्तावेजों के बेहतर और बारीकी से जांच के लिए संसाधनों की कमी है? या फिर निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव संबंधी प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया? शिवसेना इस मामले का पुरजोर विरोध करती है।

*चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो प्रत्याशी शिवसेना का* श्री परिहार ने कहा कि जिस तरह षड्यंत्र पूर्वक शिवसेना प्रत्याशी को खैरागढ़ उपचुनाव में उतरने से रोका गया, यह दर्शाता है कि अबकी बार खैरागढ़ में शिवसेना का परचम लहरायेगा। षड्यंत्र के चलते प्रत्याशी नितिन कुमार भांडेकर को चुनाव चिन्ह जो भी मिले हम अपनी दावेदारी मजबूती से पेश करेंगे। यहां पर विरोधियों को हम बताना चाहेंगे कि चुनाव चिन्ह चाहे जो भी हो प्रत्याशी शिवसेना का ही है। खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना पूरे जोर शोर से प्रचार करेगी और अपने प्रत्याशी नितिन कुमार भांडेकर को जीत दिला कर ही रहेगी।

*शिवसेना से पहले भी किया गया है इस तरह का छल*

 मीडिया से चर्चा के दौरान शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष धनंजय सिंह परिहार ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब-जब उप चुनाव हुए उस दौरान शिवसेना से इसी तरह का छल किया गया है। उन्होंने बताया कि उप चुनाव में सत्ता सरकार वोट कटने के भय से किसी भी विरोधी पार्टी को खड़े नहीं होने देती है। खैरागढ़ उप चुनाव के हालात सबके सामने हैं, कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार कमजोर है, वैसे भी राष्ट्रीय पार्टियों की स्वार्थपूर्ण राजनीति को खैरागढ़ विधानसभा की जनता समझ चुकी है। दूसरी ओर शिवसेना शुरुआत से ही जमीनी स्तर पर लोगों के लिए काम करते आ रही है। किसानों व बेरोजगारों के साथ ही आम छत्तीसगढ़ियों की समस्याओं को लेकर विशाल मोर्चा निकाला जाता रहा है। हमें कोई भी चुनाव चिन्ह दें इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। खैरागढ़ उप चुनाव सिर्फ शिवसेना प्रत्याशी ही नहीं बल्कि शिवसेना के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता का चुनाव है। लोकतंत्र के दायरे में रहकर शिवसेना इस चुनाव को दमदारी से लड़ेगी।