छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद

छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद
छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद
छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद
छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद
छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद

छत्तीसगढ़ के बोरे बासी, आऊ अमसुरहा कढ़ही। गजब मिठाथे संगी बाई बोली भाखा छत्तीशगढ़ी... परम्परा संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद

बालोद- मजदूरों के आहार का पर्याय बन चुके बोरे बासी, मजदूर दिवस पर एक अभियान के रूप में मनाया जा रहा है। एक मई को श्रमिक दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने खान पान की परंपराओं के सम्मान के लिए सभी से बोरे बासी खाने का आग्रह किया हैं। इस क्रम में रविवार को संसदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद अपने कार्यकर्ताओं के साथ अपने अर्जुन्दा स्थित निवास में बैठकर बोरे बासी खाये।इस अवसर पर नगर पंचायत अर्जुन्दा द्वारा शीलता मन्दिर प्रागण में बोरे बासी का आयोजन किया गया जिसमें ससदीय सचिव कुँवर निषाद शामिल हुए।ससदीय सचिव कुँवर सिंह निषाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ बहुत ही मेहनतकश लोगों का प्रदेश है। उन्होंने इसे राज्य की संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हुए कहा कि जब हम कहते हैं बटकी मा बासी अऊ चुटकी मा नून, तो यह आहार हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता हैं। गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है। त्वचा को कोमल बनाये रखता है। वजन संतुलित करने में भी यह राम बाण है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व में मौजूद होते हैं। उन्होंने ने कहा कि हर छत्तीसगढ़िया के आहार में बोरे बासी की बात करें।ससदीय सचिव ने कहा कि हमें हमारी युवा पीढ़ी को अपने आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का अहसास कराना बहुत जरूरी है।

क्रमशः