जागरूकता के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते लोगो की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है
जागरूकता के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते लोगो की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है
बालोद- जिले में बड़ी संख्या में लोग सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। यातायात पुलिस की उदासीनता व लोगों में जागरूकता के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते लोगो की जान सड़क दुर्घटना में जा रही है। जिले में इस वर्ष जनवरी से लेकर मई महीने के 151 दिन में 156 सड़क दुर्घटनाएं हुई है जिसमें 88 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस तरह औसत रोज एक व्यक्ति सड़क दुर्धटना का शिकार हो रहे है । बीते पांच माह में ही 156 सड़क दुर्घटनाओं में 88 लोगों ने जान गंवाई और 140 लोग घायल हुए हुए है। जिले की सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही है। तेज रफ्तार वाहनों के कहर से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
एसपी ने बालोद,कच्चे व भानुप्रतापपुर के ट्रक परिवहन और बस संचालको की बैठक ली
बता दे कि पुलिस अधीक्षक जितेंद कुमार यादव ने जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सोमवार को एसपी कार्यलय में ट्रक यूनियन बालोद, ट्रक यूनियन कच्चे व भानुप्रतापपुर परिवहन संघ के पदाधिकारी, बस संचालक एवं ऑटो रिक्षा चालक व संचालको की बैठक ली थी। पुलिस अधीक्षक ने जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं मे कमी लाने के लिए बैठक में उपस्थित समस्त चालक/संचालको को नियमित गति से वाहन चलाने, शराब सेवन कर वाहन नहीं चलाने, ओव्हरलोड़ माल भरकर परिवहन नहीं करने, वाहन में जीपीएस ट्रैकर लगाने, वाहन चालक एवं क्लीनर का चरित्र सत्यापन करने समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराने की हिदायत दी गई तथा यातायात नियमों की पालन करने की समझाईश दिया गया था।
घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे
इतनी घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे हैं। जिला पुलिस विभाग व यातायात विभाग द्वारा वर्ष में एक बार लोगों को जागरूक करने के लिए यातायात के नियम की जानकारी देने सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता हैं।सड़क सप्ताह के दौरान लोगो को नशे की हालत एवं तेज रफ्तार से वाहन न चलाने सहित और भी नियमों की जानकारी दिया जाता हैं। आखिरकार इन नियमों का पालन वाहन चालकों को ही करना है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण ही उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। इसी वजह से केवल पांच माह में जनवरी से मई तक 156 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 88 लोगों की मौत हो गई और 140 लोग घायल हो चुके हैं।
पांच माह में 140 हादसों में 88 लोगों ने गंवाई जान और 140 हुए घायल
आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब के नशे में हुई है जिनके कारण मौत भी हुई है। लगातार सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाने के कारण अपने परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। 2022 के पांच माह में ही 140 हादसे हुए। इसमें 88 की मौत हो गई और 140 लोग घायल हो गए। हादसों की एक वजह अंधा मोड़ में सावधानी नहीं बरतना भी सामने आया है।
ज्यादा मौत बिना हेलमेट और नशे में वाहन चलाने से
यातायात विभाग के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत शराब के नशे में और बिना हेलमेट वाहन चलाने से सिर में गंभीर चोट लगने से होती है। पुलिस जागरूकता अभियान में वाहन चालकों को हेलमेट का उपयोग करने एवं वाहन सामान्य गति से चलाने व शराब के नशे में वाहन नहीं चलाने की समझाइश देती है। इसके बाद भी वाहन चालक मनमानी व लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हैं।
जिले के ये क्षेत्र ब्लैक स्पॉट
पुलिस प्रशासन ने जिले में 12 ऐसी जगहों का चिंहित कर ब्लैक स्पॉट दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र माना है। यहां एक ब्लैक स्पॉट की एक ही जगह पर दुर्घटना में ही हर साल लोगों की मौत हुई हैं। जानकारी के मुताबिक राजाराव पठार,जगतरा,मरकाटोला, सिवनी मोड़, उमरादाह,पैरी,मानपुर चौक,गुदुम,बालोद-दल्ली मार्ग,भैसबोड,साकरा क, गुंडरदेही मार्ग शामिल है।जिन्हें ब्लैक स्पॉट धोषित किया गया हैं।इस क्षेत्र में सँभलकर वाहन चलाना चाहिए।
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