किसान विरोधी भूपेश सरकार किसान हो रहे हैं डिफाल्टर :- जिला भाजपा उपाध्यक्ष रमेश हिड़ामे मोहला मानपुर अ चौकी जिला,

किसान विरोधी भूपेश सरकार किसान हो रहे हैं डिफाल्टर :- जिला भाजपा उपाध्यक्ष रमेश हिड़ामे मोहला मानपुर अ चौकी जिला,
किसान विरोधी भूपेश सरकार किसान हो रहे हैं डिफाल्टर :- जिला भाजपा उपाध्यक्ष रमेश हिड़ामे मोहला मानपुर अ चौकी जिला,

 

 

किसान विरोधी भूपेश सरकार किसान हो रहे हैं डिफाल्टर :- जिला भाजपा उपाध्यक्ष रमेश हिड़ामे मोहला मानपुर अ चौकी जिला,

 

 

   मोहला :- जिला भाजपा उपाध्यक्ष मोहला मानपूर अं चौकी रमेश हिड़ामे ने प्रेस जारी कर कहा है कि २०१८विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी जनता से झूठा छत्तीस जन घोषणा वादा करके सत्ता में पहुंची जिसमें दो साल के बेचे धान का बोनस व रु २५००/-प्रति क्विंटल धान की कीमत देना भी प्रमुख है

   उन्होने एम एस पी मिलाकर रु२५००/- नहीं कहा है आज साड़े चार साल होने को है लेकिन ना धान का बोनस मिला, ना ही घोषित रु २५००/- प्रति क्विंटल धान का कीमत मिला रहा है आज रु २०६०/-प्रतिक्विंटल एम एस पी है और राज्य सरकार का घोषणा रु२५००/-, एम एस पी व घोषणा मिलाकर रु ४५६०/- होता है ।

   वह भी नहीं दे पा रही है और ना ही एम एस पी मिलाकर रु २५००/- भी ठीक से नहीं दे पा रही है,किसानों से मिलो तो पता ये भी चलता है कि अपने बारदाना में बेचे हुये बहुत से किसानों को बारदाने की राशि भी नहीं मिली है ।

  १५ क्विटल के हिसाब नहीं कर पा रहा है और २०क्विंटल की बात कर रहा है फिर सरकार किस हिसाब से किसान हितैसी है? बहुत से छोटे मध्यम किसान रु २५००/- प्रतिक्विटल के हिसाब से कर्ज पर लिंकिंग में धान देते हैं पर एम एस पी ही मिलता है।

  जो लिकिंग में जाता है, शेष सरकार के पास उधारी रहता है जो चार किस्त में डलता है सरकार के पास उधारी के चक्कर में छोटे मध्यम किसानों को डिफाल्टर होना होता है,३१मार्च के बाद पटाने से ब्याज लगता है नगद नहीं पटाने पर नगद खाद बीज के लिये डिफाल्टर होना ही है ।

   मोहला सोसायटी द्वारा जारी लिस्ट से पता चला कि २९५ किसानों का रु२२४०८८९.५३ कर्ज है,पूरे प्रदेश का देखें तो हजारों किसानों का अरबों रुपये का कर्ज होगा, जिनको भारी परेशानी से गुजरना होता होगा, यह आकड़ा तो सिर्फ मोहला के एक सोसायटी का है वे यदि ३१मार्च तक नहीं पटाते हैं तो १अप्रेल से ब्याज सहित पटाना होगा।

  ,किसान का पैसा सरकार के पास होने के बावजूद नगद ब्याज सहित पटाना पड़ता है नहीं पटाने पर डिफाल्टर, फिर किस हिसाब से सरकार किसान हितैसी की बात करती है?

   किसान हितैसी तो तब झलकती जब चार किस्त में डालने वाली राशि को कर्ज की भुगतान में तबदील करती या एम एस पी राशि के डलने के बाद चार किस्त के बजाय तुरंत एकमुस्त डालती, तब कहीं किसानों को डिफाल्टर होने या नगद ब्याज सहित पटाने का राहत मिलती।

   सरकार से मांग करते हैं कि कर्ज को चार किस्त में डलने वाली राशि से काटें या एम एस पी डलने के तुरंत बाद चार किश्त को एक मुस्त डालकर किसानों को डिफाल्टर व कर्ज के बोझ से दबने से बचायें व शेष बचे किसानों की बारदाने की राशि शीघ्र दें।

 

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय 

मो नम्बर :-  94255 72406