आज के वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की बड़ी भूमिका,मातृभाषा हिंदी को भी बढ़ावा दे:-चन्द्रशेखर वर्मा

आज के वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की बड़ी भूमिका,मातृभाषा हिंदी को भी बढ़ावा दे:-चन्द्रशेखर वर्मा
आज के वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की बड़ी भूमिका,मातृभाषा हिंदी को भी बढ़ावा दे:-चन्द्रशेखर वर्मा

 

आज के वर्तमान परिवेश में शिक्षकों की बड़ी भूमिका,मातृभाषा हिंदी को भी बढ़ावा दे:-चन्द्रशेखर वर्मा

बालोद :- छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ जिला बालोद के द्वारा ग्राम हथौद के सरस्वती शिशु मंदिर मुक्ताश्रम में दुर्ग शिक्षा संभाग स्तरीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया ।

  इस चिंतन शिविर में प्रदेश के अनेक मूर्धन्य चिंतक शिक्षाविद,व विभागीय प्रशासनिक अधिकारियों ने विभिन्न विषयों पर विचार किया वही वर्तमान परिवेश व शिक्षा पर मंथन किया ।

   इस चिंतन शिविर का शुभारंभ मां भारती व छत्तीसगढ़ महतारी के तेलचित्रो पर माल्यापर्ण व दिप प्रज्वलन कर विश्व हिंदू परिषद छत्तीसगढ़ के कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर वर्मा के हाथों शुभारंभ हुआ।

   संभाग स्तरीय इस कार्यक्रम में बालोद जिला व अन्य दूसरे जिला से भी शिक्षक इस आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे।

  चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यवक्ता चन्द्रशेखर वर्मा ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में राष्ट्रहित व छात्रहित को सर्वोपरि मानकर देश मे शिक्षा का अलख जगाने वाले आप सभी गुरुजन व मातृशक्ति को में नमन करता हूं ।

   आज इस संभागीय चितन शिविर में पहुंचे अन्य वरिष्ठजनों के द्वारा शिक्षा जैसे महत्त्वपूर्ण विषय व शिक्षा व शिक्षक की भूमिका पर चर्चा होगा जिसमें शिक्षकहित,संगठन का विस्तार, जैसे विषय सामने रखे जाएंगे। वर्तमान समय मे हमसबको हमारी मातृभाषा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

   मैकाले की शिक्षा पद्धत्ति ने देश में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा दिया है। वही हमारे संस्कार,हमारी संस्कृति पर भी हमला किया है।

  आज देश प्रदेश में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है।लेकिन हम सब को अपने परिवार में बच्चो के बीच हमारी मातृभाषा हिंदी को लेकर बच्चों को जागरूक करना होगा।हमारे जीवन शैली में बोलचाल में हिंदी भाषा को अंग्रेजी की जगह शामिल करना होगा।

  आज हर पालक चाहता है कि उसका बेटा या बेटी अफसर बने नौकरी करे याने सही मायने में आज हम नौकर बनने को उत्सुक है। आज छात्रों से पूछो तो कोई भी छात्र किसान नही बनना चाहता,अपने मेहनत व दिमागीय गुणों की ताकत का इस्तेमाल कर आज छात्र नई ऊंचाई को प्राप्त कर सकता है।

   अंग्रेजी के ऊपर भी अपनी मातृभाषा हिंदी को ले जा सकता है। उन्होंने एक दो धार्मिक कथाओं का उदाहरण देते हुए मातृशक्तियो से कहा कि आपमे वो ताकत है कि आप सृजनकर्ता है।

  बच्चें के पेट मे रहते ही आप उनको संस्कारवान बना सकते है। आप जो बच्चो को संस्कार व शिक्षा देगी वो महत्त्वपूर्ण होगा,आज धर्मांतरण व लव जिहाद हमारे बहन बेटियों को धर्म से वही परिवार से अलग कर रहा है।

   गौमाता की तस्करी हो रहा ,हत्या हो रहा आज आप शिक्षा के साथ ऐसे विषयों पर भी जागरण करे ताकि बेहतर समाज की स्थापना हो । कार्यक्रम के अंत मे इस चिंतन शिविर में मध्यप्रदेश शिक्षक संघ व छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के आधार स्तंभ वाई के दिल्लीवार व्याख्याता शासकीय बालक उच्चतर विद्यालय डौंडीलोहारा का प्रदेश व जिला के शिक्षकों के द्वारा सम्मान किया गया ।

  इस चिंतन शिविर में चंद्रशेखर वर्मा,हरि शर्मा,यशवंत वर्मा,संजय सिंह,दानिराम वर्मा,हरिराम जायसवाल,डॉ बी रघु,नीलकंठ शार्दूल,आर एन मिश्रा,टिकेश ठाकुर,रविकांत यदु,राजेन्द्र देशलहरे सहित संभाग व जिला से आये शिक्षक व शिक्षिकायें उपस्थित रहे।

रिपोर्ट खास :-अरुण उपाध्याय बालोद मो नम्बर :- 94255 72406