*सिर्फ नाम का ही रह गया है मेडिकल कॉलेज जिम्मेदारियों से क्यों परहेज*

*सिर्फ नाम का ही रह गया है मेडिकल कॉलेज जिम्मेदारियों से क्यों परहेज*
*सिर्फ नाम का ही रह गया है मेडिकल कॉलेज जिम्मेदारियों से क्यों परहेज*

*सिर्फ नाम का ही रह गया है मेडिकल कॉलेज जिम्मेदारियों से क्यों परहेज* 

राजनांदगांव// मोहला मानपुर चौकी जिले से अपेंडिस के मरीज गगन कंवर ग्राम मिरचे निवासी को दोपहर जिला अस्पताल राजनांदगांव में एडमिट किया और वहीं डॉक्टर के सलाह से ईलाज एवं जांच प्रक्रिया शुरू हुई जब एक्सरे एवं सोनोग्राफी रिपोर्ट आया तो डॉक्टर सलाह बताते हुए 24 घंटे में ऑपरेशन करना जरूरी बताते हुए मेडिकल कॉलेज पेंड्री रिफर किए। रिफर पश्चात मरीज को भर्ती कराया गया भर्ती के पश्चात् डिजिटल एक्सरे हुआ रिपोर्ट देख डॉक्टर बोले ऑपरेशन आवश्यक है कल सुबह ही प्रक्रिया शुरू होगी क्योंकि कई टेस्ट जो बाहर लैब से कराना होगा।

जब सुबह हुआ बाहर का टेस्ट और हॉस्पिटल का टेस्ट करवा कर मुंह ताकते गगन के परिजन देखते रहे, कि कब होगा ऑपरेशन । जब परिजन, मित्र गगन को देखने पहुंचे तो न कोई ईलाज न कोई डॉक्टर। परिजन घबराते रहे कि क्या होगा क्या नही क्योंकि गगन के पिता ओमकार कंवर पहले ही एक बच्ची को चुका है इसी डर से परिजन अपने डर और दर्द को आंसू से बहाते देख खिलेश निर्मलकर अपने परिचित संगीता गजभिए प्रदेश उपाध्यक्ष असंगठित कामगार कांग्रेस से बात किए। तब गजभिए भी अपने स्तर पर सीएमएचओ को डॉक्टर बैज को फोन से एसएमएस से संपर्क करती रही अच्छे ईलाज के लिए गुहार लगाती रही। डॉक्टर बैज भी हां हां करके बात बनाते रहे तब स्वयं संगीता गजभिए भी हॉस्पिटल पहुंची। पहुंचते ही देखे कि वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थे तत्काल स्वास्थ्य मंत्री टी एस बाबा को फोन कर जानकारी दिए कि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा भी 5 साल के बच्चे गगन का ईलाज नहीं हो पा रहा है। पश्चात् मीडिया के टीम भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहां राजू सोनी पंचायत नियोजन को देख डॉक्टर को बुलाया गया, मीडिया टीम व प्रदेश उपाध्यक्ष संगीता गजभिए को देख ड्यूटी डॉक्टर टाल मटोल करते हुए दिखाए कि ईलाज बड़ी जिम्मेदारी से की जा रही है। और जब जवाब मांगा गया तो मरीज की स्थिति नॉर्मल बताने लगे।

दुख की बात ये है कि जब परिजन ऑपरेशन ही नहीं करना है तो सीटी स्कैन के लिए बाहर क्यों भेजा गया। एक गरीबी स्थिति में जीवन यापन करने वाले कहां से 7,500 रुपए लाए, साथियों के मदद से कैसे भी करके 7500 रुपए की व्यवस्था कर सीटी स्कैन कराया गया। रिपोर्ट तत्काल नहीं मिलने के वजह से ऑपरेशन फिर रुक गया। अगर मरीज नॉर्मल था तो परिजन को बता कर सीटी स्कैन सोमवार को जिला चिकित्सालय में कराते तो उन गरीब का पैसा बच जाता। 

सबसे बड़ी बात स्वास्थ्य विभाग में कई दलाल घूम रहे हैं फ्री का सलाह बताते हैं कि इस प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाओ जल्द ही इलाज होगा। तो मिलने आए गगन पिता ओमकार के परिजनों का कहना है कि सरकारी हॉस्पिटल ही बंद कर देना चाहिए, ताकि कोई गरीब मुफ्त इलाज की कोई उम्मीद ही न रहे। वहां मौजूद थे संगीता गजभिए प्रदेश उपाध्यक्ष असंगठित कामगार कांग्रेस, महेश्वर दास साहू, डॉक्टर रोशन साहू, खिलेश निर्मलकर, राजू सोनी पंचायत नियोजन,आर के देवांगन CGNEWSPLUS24 की टीम मौके पर उपस्थित रहे और डॉक्टर से जल्द ही उचित इलाज के लिए निवेदन किए। 

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