भाजपा में नियुक्तियों का दौर चल रहा है गहमा गहमी आखिर क्यों कैसे जानिये सब पढ़कर
भाजपा में नियुक्तियों का दौर चल रहा है गहमा गहमी आखिर क्यों कैसे जानिये सब पढ़कर
बालोद। भाजपा में नियुक्तियों का दौर चल रहा है। संगठन के साफ निर्देश हैं कि जल्द से जल्द सारे पदों पर कार्यकर्ताओं को काबिज किया जाए। जिसके चलते शनिवार को पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, किसान मोर्चा और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला कार्यकारिणी का गठन और मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां हुईं, जिसके बाद पार्टी के अंदर खाने में बवाल मचा हुआ है। विवाद की स्थिति मोर्चा के मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर है। पार्टी के सूत्र बता रहे कि मोर्चा के मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति भाजपा के संविधान और नियमों के खिलाफ है। सूत्रों का कहना है कि नियुक्ति में भाजपा के मंडल अध्यक्षों के अधिकारों को छीना गया है। भाजपा के जिला कार्यालय में शनिवार के दिन की गई मोर्चा के जिला कार्यकारिणी और मंडल अध्यक्ष की घोषणा में भाजपा के मंडल अध्यक्षों को पूछा तक नही गया। नाम न छापने की शर्त पर संगठन की कार्यपद्धति और नियमों का हवाला देते हुए मंडल अध्यक्षों का कहना है कि पार्टी संविधान में नियम है कि मोर्चा के मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति भाजपा के मंडल अध्यक्ष द्वारा की जाती है। लेकिन कुछ मोर्चा के जिलाध्यक्षों ने पार्टी संविधान और नियमों को खूंटे में टांगकर जिला कार्यकारिणी के साथ मोर्चा के मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियां की है। नियुक्तियों के बाद ज़िलें के भाजपा संगठन में पदाधिकारियों के बीच आपसी खींचतान सामने आ रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोर्चा के जिलाध्यक्षों द्वारा बनाई गई मंडल अध्यक्षों की सूची भाजपा जिलाध्यक्ष के अनुमोदन से जारी किया गया है। जिसको लेकर एक बार फिर उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे है।
● क्या कहता है पार्टी का संविधान और नियम ●
पिछड़ा वर्ग मोर्चा की कार्यकारिणी में बड़े समाज हुए दरकिनार
भाजपा जिला कार्यालय में पार्टी जिलाध्यक्ष, महामंत्री की ओर से पिछड़ा वर्ग कार्यकारिणी की घोषणा होते ही विवाद खड़ा हो गया है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कार्यकारिणी के गठन में पूरी तरह से मनमानी की गई है। कुछ बड़े समाज की पूरी तरह से अनदेखी की गई है, जिस तरह से पिछड़ा वर्ग की जिला कार्यकारिणी गठित की गई है उससे कुछ बड़े समाज मे रोष देखा जा रहा है। भाजपा की राजनीति में सक्रीय कुछ ऐसे बड़े समाज के लोगो का कहना है कि ज़िलें के तीनो विधानसभा क्षेत्रो पर वो निर्णायक स्थिति में है, लेकिन उन्हें तरजीह न देने से आने वाले समय मे पार्टी नुकसान के लिए तैयार रहे।
अरुण उपाध्याय
मो-9425572460