क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध के बाद माफिया अब मुरूम का अवैध खनन तेजी से करने लगे हैं

क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध के बाद माफिया अब मुरूम का अवैध खनन तेजी से करने लगे हैं
क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध के बाद माफिया अब मुरूम का अवैध खनन तेजी से करने लगे हैं

क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध के बाद माफिया अब मुरूम का अवैध खनन तेजी से करने लगे हैं

बालोद- क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध के बाद माफिया अब मुरूम का अवैध खनन तेजी से करने लगे हैं। शनिवार को गुंडरदेही ब्लाक के ग्राम पेंड्री में तहसीलदार ने ऐसे ही एक हाईवा व चैन माउंटेन को अवैध रेत खनन व परिवहन करते जब्त किया है।शनिवार को दोपहर गुंडरदेही तहसीलदार विनोद कुमार साहू ने ग्राम पेंड्री में अचानक दबिश दी। इस दौरान सड़क निर्माण के लिए मुरूम खनन व परिवहन में चैन माउंटेन और हाईवा लगे थे। मौका स्थल पर पहुंचकर तहसीलदार ने जांच की और किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं होने के कारण जब्ती की कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान क्षेत्र के पटवारी व कोटवार भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि जिस समय तहसीलदार जांच को पहुंचे उससे पहले वहां आधा दर्जन हाईवा खड़े थे, लेकिन कुछ ही देर में हाईवा वहां से गायब हो गए। इसे लेकर क्षेत्र में चर्चा है कि तहसीलदार के पहुंचने के पहले ही संभवत खनन में लगे लोगों को जानकारी मिल गई थी।

सप्ताह भर से हो रही खुदाई

 सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर शनिवार को तहसीलदार ने जब्ती की कार्रवाई की वहां पर लगभग सप्ताह भर से मुरूम की अवैध खुदाई की जा रही थी। यह मुरूम गुरुर क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क के लिए की जा रही थी। इस कार्रवाई से क्षेत्र के मुरूम खनन माफिया में हड़कंप है बताया जाता है कि क्षेत्र में मुरूम माफिया इस कदर सक्रिय हैं कि दिन में तो खनन करते ही हैं रात में चैन माउंटेन की रोशनी में भी खनन करते हैं। क्षेत्र में इस तरह अनेक हाईवा रात में भी दौड़ते हुए नजर आ जाएंगे।

 ओवरलोड परिवहन भी करते हैं

अवैध परिवहन में लगी गाड़ियों में ओवरलोड परिवहन भी किया जाता है। यही नहीं ये गाडियां तेज गति से भी चलती है। यहां तक गांवों में भी इनकी रफ्तार कम नहीं होती।