किसान खरीफ फसल की नर्सरी लगाने में तेजी से जुटे हुए है । बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अपने खेतों में रोपाई के लिए नर्सरी लगा रहे

किसान खरीफ फसल की नर्सरी लगाने में तेजी से जुटे हुए है । बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अपने खेतों में रोपाई के लिए नर्सरी लगा रहे
किसान खरीफ फसल की नर्सरी लगाने में तेजी से जुटे हुए है । बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अपने खेतों में रोपाई के लिए नर्सरी लगा रहे

किसान खरीफ फसल की नर्सरी लगाने में तेजी से जुटे हुए है । बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अपने खेतों में रोपाई के लिए नर्सरी लगा रहे 

 

बालोद- इन दिनों जिले भर के किसान खरीफ फसल की नर्सरी लगाने में तेजी से जुटे हुए है । बोर सिंचाई सुविधा वाले किसान अपने खेतों में रोपाई के लिए नर्सरी लगा रहे हैं, ताकि समय पर धान का उत्पादन कर बेहतर दामों में बेच सके। वहीं मानसून पर निर्भर किसानों को अब बारिश होने का इंतजार है। खरीफ सीजन की तैयारी में अंचल के किसान जुट गए है। इन दिनों किसान व मजदूर खेतों की सफाई कर रहे हैं। वहीं मेड़बंधान का कार्य जारी है। रबी सीजन में धान फसल लेने वाले किसान पराली को एकत्र कर रहे हैं। दूसरी ओर सिंचाई सुविधा संपन्न किसान अपने खेतों में खरीफ फसल की रोपाई के लिए नर्सरी लगा रहे हैं। खेतों में पानी की सिंचाई कर जल्द ही बीज का छिड़काव करेंगे। वहीं ज्यादातर किसान खाद का स्टाक खरीद कर रहे हैं, ताकि खरीफ सीजन के मुख्य समय में किसानों को खाद की किल्ल्त से जूझना न पड़े। 

मिट्टी परीक्षण से कम लागत मे मिलती है अधिक उत्पादन

 जिले मे किसान अब धान की रोपाई करने अब खेतों मे अधिकतर किसान अपनी किसानी कार्यों मे जुटे हुए है । खेती किसानी कि साफ सफाई करने खेतों मे अब पूरी तरह से तैयारी कर चुके है । वही ग्राम भोइनापार के किसान देवनरायण ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए बताया कि एक माह पूर्व अपने खेत की मिट्टी परीक्षण करवाकर अब खरीफ फसल के लिए खेत मे धान की नर्सरी लगा रहे है 

महंगाई से किसानों कि बढ़ी परेशानी 

किसानी कार्यों मे रोपाई करने किसानों कि जेब ढीली पड़ने लगी है, अधिकतर किसान बोता पध्हति को अपनाकर एवं अधिक उत्पादन कि आस मे आर्थिक स्तिथि अच्छी होने कि उम्मीद से धान कि रोपाई करते है।वही ग्राम भोइनापार के किसान भगत राम साहू ने बताया कि बड़ी मश-त् के बाद समितियों से खाद कि कमी से परेशानी होने के बाद समितियो कि चक्कर लगाने के बाद बीज मिल पाई। जिसमें कामन धान कि रोपाई एवं हाइब्रिद् धान कि नर्सरी तैयार किये है।प्रति एकड़ 5000 से 5500 तक रोपाई के लिए मजदूरों को ठेका दे चुके है । धान लगाने अब किसानों की जेब मे ढीली पड़ने लगी है, किसान अब अच्छी बारिश कि आस मे आसमान कि ओर उल्लेखनीय है कि अगले वर्ष कि तुलना मे इस वर्ष भी सूरज ने अपनी तेवर दिखानी शुरू कर दी है , ऐसे मे बढ़ते तापमान से खेती किसानी मे खेतों मे व्यस्त नर आ रहे है । 

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