आज अधिकारी कर्मचारियों का हड़ताल दूसरा दिन ,, मौलिक अधिकारों के लिए हमें संघर्ष करना पड़ रहा है, जो देश प्रदेश के लिए शर्मनाक : - कर्मचारी संघ

आज अधिकारी कर्मचारियों का हड़ताल दूसरा दिन ,, मौलिक अधिकारों के लिए हमें संघर्ष करना पड़ रहा है, जो देश प्रदेश के लिए शर्मनाक : - कर्मचारी संघ
आज अधिकारी कर्मचारियों का हड़ताल दूसरा दिन ,, मौलिक अधिकारों के लिए हमें संघर्ष करना पड़ रहा है, जो देश प्रदेश के लिए शर्मनाक : - कर्मचारी संघ

आज अधिकारी कर्मचारियों का हड़ताल दूसरा दिन ,, मौलिक अधिकारों के लिए हमें संघर्ष करना पड़ रहा है, जो देश प्रदेश के लिए शर्मनाक : - कर्मचारी संघ

बालोद :-- सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षको ने सोमवार से 5 दिवसीय हड़ताल में चले जाने से कई सरकारी कार्यालयों के ताले नहीं खुले वहीं कई स्कूलों के भी ताले नहीं खुले। स्कूलों के ताले नहीं खुलने पर बच्चे घर लौट गए वहीं सरकारी दफ्तरों में काम करवाने के लिए पहुंचने वाली आमजनता को भी बिना काम हुए बैरंग वापिस लौटना पड़ा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर डीए व 7 वें वेतनमान के अनुसार एचआरए की मांग को लेकर 25 जुलाई से 29 जुलाई तक जिलेभर के सभी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व शिक्षक हड़ताल पर है। हड़ताल पर बैठे अधिकारी व कर्मचारियों का कहना है कि 22 प्रतिशत महगांई भत्ता दिया जा रहा है, जबकि केन्द्र व अन्य राज्य की सरकार के द्वारा 34 प्रतिशत भत्ता दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत कम महगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है तथा गृह भाड़ा भत्ता को 7 वें वेतनमान के अनुसार पुनरीक्षित नहीं किया गया है। देय तिथि से लंबित मंहगाई भत्ता व देय तिथि से 7 वें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित करने की मांग किया है। सरकार अगर मांग को पूरी नही करती, तो आगे अनिश्चितकालिन हड़ताल किया जाएगा जिसका जिम्मेदार सरकार स्वंय होगी।

● अधिकतम स्कूलो में लटका मिला ताला ●

अधिकारी व कर्मचारियों के साथ शिक्षकों के हड़ताल में जाने से जिले के अधिकतम स्कूलो में ताला लटका मिला वही बच्चे स्कूल तो पहुंचे, परंतु स्कूलों में ताला लगे होने से वह वापिस हो गए। बच्चों को यह नहीं पता कि अब स्कूल कब खुलेगा। बच्चो का कहना है कि स्कूल बंद होने से और शिक्षको के नही होने से उनकी पढ़ाई काफी ज्यादा प्रभावित हो जाएगी।

● सरकारी दफ्तार बंद होने से लोग हो रहे परेशान ●

अधिकारी कर्मचारियो के 5 दिवसीय हड़ताल में जाने से सरकारी दफ्तरों में भी ताला जड़े हुए थे, वही लोगो को इस बात की जानकारी नही होने के कारण लोग सुबह सरकारी दफ्तर तो पहुंचे. परंतु दफ्तर बंद होने के कारण वापिस बिना काम कराए बैरंग लौटना पड़ा।

● दैवेभो व परिवीक्षाधीन कर्मियों के भरोसे रहे सरकारी दफ्तर ●

आंदोलन के चलते जिले भर के तकरीबन 9000 कर्मचारियों ने अवकाश लेकर दूसरे दिन स्थानीय नए बस स्टैंड में धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में दैनिक वेतन भोगियों और परिविक्षाधीन कर्मचारियों से प्रशासन द्वारा कार्य लिया गया। जिला कार्यालय तो खुला लेकिन, यहां नियमित कर्मचारियों की सीटें खाली रही।

● पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल हुआ बस स्टैंड का बड़ा हिस्सा ●

जिला मुख्यालय के शहीद वीरनारायण सिंह बस स्टैंड में बैठे आंदोलनरत अधिकारी-कर्मचारी ने धरनास्थल के पास ही बस स्टैंड के एक बड़े हिस्से को पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया। जिसके चलते बस स्टैंड आने-जाने वाले वाहनों को समस्या हुई। दरअसल वाहनों की पार्किंग के लिए जिस जगह का उपयोग किया गया वही से राजनांदगांव और धमतरी की बसें आवागमन करती है।

● ज्यादातर आंदोलनकारी घूमते फिरते नजर आए ●

सरकार द्वारा डीए और एचआरए जैसे अपने मौलिक अधिकार का हनन किये जाने के विरोध में 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद हड़ताल जारी है। कलम बंद काम बंद प्रदर्शन में शामिल होने दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी आए लेकिन प्रदर्शन स्थल पर जिस तरह की भीड़ इकट्ठी होनी चाहिए थी वह नहीं थी। मतलब यह कि ज्यादातर आंदोलनकारी घूमते फिरते नजर आए। अपनी मागों को लेकर मंच से इधर संघ के नेता सरकार को कोसते रहे तो उधर बड़ी संख्या में कर्मचारी होटल पान ठेलो में गप सड़ाके लगाते रहे।

रिपोर्ट :- अरुण उपाध्याय बालोद