कुछ समाचार पत्रों में नीलगाय की मौत को वनविभाग को ठहराया गया था जिम्मेदार  बालोद वनविभाग ने खंडन जारी कर बताया की यह प्राकृतिक मौत है इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ जो कि गेस्ट्रोएनट्रेटीस होने से हुआ परकोलेशन टैंक बनाने का उद्देश्य भू-जल संग्रहण से पौधों एवं जानवरो को पानी मिल सके , आखिर क्या है ये गेस्ट्रोएनट्रेटीस पढ़े पूरी खबर

कुछ समाचार पत्रों में नीलगाय की मौत को वनविभाग को ठहराया गया था जिम्मेदार   बालोद वनविभाग ने खंडन जारी कर बताया की यह प्राकृतिक मौत है इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ जो कि गेस्ट्रोएनट्रेटीस होने से हुआ  परकोलेशन टैंक बनाने का उद्देश्य भू-जल संग्रहण से पौधों एवं जानवरो को पानी मिल सके , आखिर क्या है ये गेस्ट्रोएनट्रेटीस पढ़े पूरी खबर
कुछ समाचार पत्रों में नीलगाय की मौत को वनविभाग को ठहराया गया था जिम्मेदार   बालोद वनविभाग ने खंडन जारी कर बताया की यह प्राकृतिक मौत है इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ जो कि गेस्ट्रोएनट्रेटीस होने से हुआ  परकोलेशन टैंक बनाने का उद्देश्य भू-जल संग्रहण से पौधों एवं जानवरो को पानी मिल सके , आखिर क्या है ये गेस्ट्रोएनट्रेटीस पढ़े पूरी खबर

 

कुछ समाचार पत्रों में नीलगाय की मौत को वनविभाग को ठहराया गया था जिम्मेदार

 बालोद वनविभाग ने खंडन जारी कर बताया की यह प्राकृतिक मौत है इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ जो कि गेस्ट्रोएनट्रेटीस होने से हुआ

परकोलेशन टैंक बनाने का उद्देश्य भू-जल संग्रहण से पौधों एवं जानवरो को पानी मिल सके , आखिर क्या है ये गेस्ट्रोएनट्रेटीस पढ़े पूरी खबर

 

 

  बालोद :- दिनांक 28.05.2024 को कुछ समाचार पत्रों द्वारा नीलगाय की मौत उसके शरीर में पानी की कमी एवं जंगल में पानी न होने के कारण बताते हुए वन विभाग को जिम्मेदार बताया गया।

    जबकि दिनांक 23.05.2024 को लगभग सुबह 5-6 बजे नीलगाय की मौत की खबर मिलने पर तत्काल वन अमला द्वारा मौका स्थल पर पहुँच कर पंचनामा बनाया गया,

 

 

  जिसमें घटना स्थल पानी के स्त्रोत से लगभग 250 मी. में होना पाया गया, शरीर में किसी प्रकार का चोट नही था, दोपहर 2.00 बजे पशु चिकित्सक डॉ. अभिषेक मिश्रा द्वारा मृत नीलगाय का पोस्टमार्टम किया गया।

  जिसकी रिपोर्ट दिनांक 27.05.2024 को शाम को वन अमला द्वारा प्राप्त किया गया जिसमें नीलगाय की मृत्यु का कारण पत्ता चला जो इस प्रकार है:-

◆◆ नीलगाय के शरीर में किसी भी प्रकार का चोट नहीं था। पोस्टमार्टम में मृत्यु का मुख्य कारण गेस्ट्रोएनट्रेटीस (Gastroenteritis) से ग्रसित होना बताया गया।

◆◆◆ क्या है ये गेस्ट्रोएनट्रेटीस ? ◆◆◆

  गेस्ट्रोएनट्रेटीस एक ऐसी स्थिति है जो गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (पेट और आंतों) की सूजन है। ये बैक्टिरिया, वाइरस, परजीवी दवाओं एवं नए खाद्य पदार्थों के संक्रमण के कारण हो सकता है। इसके कारण उल्टी-दस्त, आंतों में दर्द एवं अन्य (Clinical sign) भी दिखते है।

■■ नीलगाय गेस्ट्रोएनट्रेटीस बीमारी से जुझ रहा था जिसके कारण उसे बार-बार उल्टी एवं दस्त हो रहा था, जिससे उसके शरीर में पानी की कमी हुई एवं साथ ही पशु चिकित्सक डॉ. अभिषेक मिश्रा अनुसार बताया गया की ऐसी स्थिति में कई बार जानवर खाना एवं पानी पीना भी छोड़ देता है।

 

  चूंकि नीलगाय की मृत्यु जहां हुई वहां से पानी की दूरी महज 246 मी. था। जहां अन्य वन्य पशुओं द्वारा भी पेयजल हेतु जाया जाता है। इससे यह साफ स्पष्ट होता है कि नीलगाय की मृत्यु प्राकृतिक मौत थी. साथ ही  जो परकोलेशन टैंक की फोटो दिखाई गई है वह माह फरवरी 2024 में बिगड़े वनो के सुधार हेतु बनाया गया है जिसे कैम्पा मद से नही बनाया गया है।

  ■■ परकोलेशन टैंक बनाने का उद्देश्य भू-जल संग्रहण पुर्नभरण (Ground Water Recharge) करना है। इसमें पानी नही रूकता सीधे भूमि से नीचे रिस (Percolate) जाता है।

  ■■ वन विभाग द्वारा वन्यप्राणी को पानी की कमी न हो इस हेतु बालोद परिक्षेत्र एवं गुरूर परिक्षेत्र में बिगड़े वनों के सुधार अंतर्गत माह मार्च में झिरिया निर्माण किया गया था ताकि गर्मी के दिनों में भी वन्यप्राणियों को पेयजल की सुविधा मिल सके।

  इस प्रकार विभाग से पूर्ण जानकारी लिये बिना समाचार प्रकाशित कर वन विभाग की छवि को धूमिल किया गया है, पूर्व में भी उक्त समाचार पत्रों द्वारा बिना जानकारी लिये भ्रामक एवं गलत समाचार प्रकाशित किया जाता रहा है।

    उपरोक्त तथ्यों के आधार पर समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार का खण्डन किया जाता है।

 वनमण्डलाधिकारी,

बालोद वनमण्डल, बालोद

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद

मो नम्बर :- 94255 72406