05वी पास महिला सरपंच के सही निर्णय व नेतृत्व क्षमता से चैतमा स्मार्ट पंचायत की श्रेणी में, सही प्रतिनिधित्व और विकास में वृद्धि से बदली ग्राम की सूरत
कोरबा/पाली // अक्सर कम पढ़ी- लिखी महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और राजनीतिक दृष्टि से कम आंका जाता है। लेकिन यह भी सत्य है कि समग्र विकास में महिलाओं की समाज मे महत्त्वपूर्ण भागीदारी है। महिला जनप्रतिनिधि बनने से राजनीतिक एवं सामाजिक वातावरण सरल होता है और टकराव तथा अहम तुष्टि की भावना विकसित नही होती। इससे विकास कार्यों में बाधा नही आती एवं ग्रामीण विकास तेजी से होता है। ऐसे ही महज पांचवी पास सरपंच, जिन्होंने अपने स्तर से ऊपर उठकर अपनी पंचायत को संवारा है और ग्राम को स्मार्ट पंचायत की श्रेणी में ला खड़ा किया है। जिनके काम की चर्चा पूरे पंचायत सहित आसपास क्षेत्र में हो रही है।
जिले के पाली जनपद अंतर्गत नगरीय श्रेणी में आने वाली बड़ी ग्राम पंचायत चैतमा, जहां की जनसंख्या करीब 6500 व मतदाता 3900 है। 20 वार्ड वाले इस पंचायत की सरपंच विपति बाई ने दृढ़ निश्चय व सकारात्मक सोच और बुनियादी विकास कार्यों से ग्राम की सूरत बदलकर रख दी। जिनके कार्यो की गांव के ग्रामीणों के अलावा आसपास क्षेत्र के लोग भी खूब सराहना करते है। चैतमा पंचायत के ग्राम भरुआमुड़ा की रहने वाली विपति बाई पांचवी तक पढ़ी लिखी है, जिन्हें गत 2015- 16 के पंचायत चुनाव में ग्रामीणों ने सरपंच चुनाव लड़ने समर्थन दिया। विपति बाई चुनाव मैदान में उतरी और भारी मतों से जीत हासिल की, तब गाँव मे अनेकों बुनियादी जरूरतें थी। पद संभालने के बाद सरपंच ने अपनी लगन और मेहनत से सरकारी राशि का उचित इस्तेमाल करते हुए गांव में विकास कार्य प्रारंभ कराया और बीते पंचवर्षीय कार्यकाल में उन्होंने शासन से स्वीकृत करोड़ो के कार्यों को धरातल पर उतार जन सामान्य को लाभ दिलाया। सरपंच द्वारा कार्यों को अलग- अलग श्रेणी में रखकर सरकारी धन का सदुपयोग व शासन की योजनाओं के बखूबी संचालन को लेकर ग्रामीण जनता ने उन्हें 2020- 21 के चुनाव में दोबारा चुना। जहां इस ग्राम पंचायत के विकास को दुगुनी रफ्तार मिल गई और वर्तमान कार्यकाल के साढ़े चार साल में सरपंच विपति बाई ने विकास कार्यों से इस ग्राम को स्मार्ट पंचायत की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया है। इसे लेकर सरपंच विपति बाई का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रणाली में उन्हें जनप्रतिनिधि बनने का मौका मिला है, जहां गांव वालों ने उनसे विकास की उम्मीद जता 2 पंचवर्षीय अपना सरपंच चुना। वे पंचायत के विकास में ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित करती आ रही है और उनकी उम्मीद पर खरा उतरने हरसम्भव प्रयास कर रही है, जिसमे उपसरपंच, पंचो व रोजगार सहायक की भी अहम भूमिका है। यदि आने वाले पंचायत चुनाव में गांव की जनता उन्हें पुनः मौका देती है तो भविष्य में ग्राम विकास को लेकर अनेको योजनाएं बनाई जाएगी। चैतमा में वर्तमान के साढ़े चार साल में कराए गए विकास कार्यों को लेकर यहां के उपसरपंच सुकालूराम प्रजापति ने बताया कि ग्राम पंचायत के आश्रित व राजस्व ग्रामों में ग्रामीणों के शुद्ध पेयजल हेतु हेण्डपम्प में सबमर्सिबल पंप व सिन्टेक्स के माध्यम से पानी की व्यवस्था सुनिश्चित और शासकीय भवनों में रनिंग वाटर सिस्टम स्थापित की गई है। 10 मोहल्लों के कच्ची गलियों में सीसी रोड का निर्माण कराया गया है, जिससे बारिश में होने वाले कीचड़ से ग्रामीणों को निजात मिला और आवाजाही में उन्हें राहत मिली, 3 मोहल्लों में नाली निर्माण, ग्रामीणों के मांग अनुसार केंवट मोहल्ला, पुराना पंचायत भवन दुर्गा पंडाल के पास, खेल मैदान व हाईस्कूल में मंच निर्माण और कुम्हार मोहल्ला, खेल मैदान, धनुहार समाज के लिए सामाजिक आयोजनो हेतु सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया है। भरुआमुड़ा से बहरापारा व रैनपुर मुख्यमार्ग के नालों में 2 पुलिया निर्माण, 5 तालाबों में पचरी तथा तीन प्राथमिक शाला, खेल मैदान, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अहाता निर्माण का कार्य कराया गया है। ग्राम के चौंक- चौराहों पर 10 हाईमास्क व सभी गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट लगाई गई है, जिससे रात के समय सभी ओर जगमग रहता है। इसके अतिरिक्त मूलभूत जरूरतों के अन्य कार्य भी कराए गए है। उन्होंने आगे कहा कि सांसद कोष, विधायक कोष, जिला परिषद, पंचायत समिति आदि के सहयोग और ग्राम विकास की कई योजनाओं के तहत उनके पंचायत में कार्य संभव हो पाए है। मनरेगा कार्य को लेकर रोजगार सहायक ललित कैवर्त ने बताया कि इस वर्ष 46 लाख की लागत वाले 4 नया तालाब, 20 लाख से 3 तालाब गहरीकरण कार्य व 8 किसानों की भूमि का 3.20 लाख की लागत से समतलीकरण कार्य कराया गया है। वहीं गत वर्षों में भी मनरेगा योजना के तहत करोड़ो के कार्य हुए, जिनका ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है।
सरपंच व ग्रामीणों की मांग, शासन- प्रशासन से अपेक्षा
सरपंच श्रीमती विपति बाई ने बताया कि वैसे तो उनके ग्राम पंचायत में विकास के भरपूर काम हुए और ग्रामीण जनता को जरूरत के हिसाब से बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई है। लेकिन ग्राम में स्वयं का पंचायत भवन नही है और पंचायत कार्यालय का संचालन भारत भवन में किया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों की मांग के अनुसार एक कन्या हाईस्कूल व महाविद्यालय की आवश्यकता महसूस की जा रही है, क्योंकि आसपास अनेको ग्राम के दर्जनों छात्र- छात्राएं इस हेतु 15 किलोमीटर दूर पाली अथवा कटघोरा पर निर्भर है। इसके अलावा चारपारा से घुनघुट्टीपारा व चारपारा से जंगलपारा तक पहुँचमार्ग की जरूरत है, ताकि उनकी राह आसान हो सके। शासन- प्रशासन से यदि इन कार्यों की स्वीकृति मिल जाए तो उनका पंचायत मॉडल ग्राम पंचायत की श्रेणी में आ जाएगा। इसे लेकर सरपंच व ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से अपेक्षा जताई है।