-: सफलता के आयाम :-   -----------------◆------------------  ???? शिक्षा, स्वास्थ्य, अध्यात्म,अनुशासन कठोर मेहनत और दृढ़ संकल्पित होना जरूरी है। जिससे आप अच्छी सफलताओं की ऊंचाइयों तक पहोच  सकते है। :- रवि शंकर पांडे (निरीक्षक) बालोद  ???? पढ़े पूरी खबर विस्तार से जो सफलता के आयाम के लिये जरूरी है ये  सफलता के मंत्र महत्वपूर्ण बाते।

 -: सफलता के आयाम :-    -----------------◆------------------   ???? शिक्षा, स्वास्थ्य, अध्यात्म,अनुशासन कठोर मेहनत और दृढ़ संकल्पित होना जरूरी है। जिससे आप अच्छी सफलताओं की ऊंचाइयों तक पहोच  सकते है। :- रवि शंकर पांडे (निरीक्षक) बालोद   ???? पढ़े पूरी खबर विस्तार से जो सफलता के आयाम के लिये जरूरी है ये  सफलता के मंत्र महत्वपूर्ण बाते।
 -: सफलता के आयाम :-    -----------------◆------------------   ???? शिक्षा, स्वास्थ्य, अध्यात्म,अनुशासन कठोर मेहनत और दृढ़ संकल्पित होना जरूरी है। जिससे आप अच्छी सफलताओं की ऊंचाइयों तक पहोच  सकते है। :- रवि शंकर पांडे (निरीक्षक) बालोद   ???? पढ़े पूरी खबर विस्तार से जो सफलता के आयाम के लिये जरूरी है ये  सफलता के मंत्र महत्वपूर्ण बाते।

 

       ✍️ -: सफलता के आयाम :-

शिक्षा, स्वास्थ्य, अध्यात्म,अनुशासन कठोर मेहनत और दृढ़ संकल्पित होना जरूरी है। जिससे आप अच्छी सफलताओं की ऊंचाइयों तक पहोच  सकते है। :- रवि शंकर पांडे (निरीक्षक) बालोद

 पढ़े पूरी खबर विस्तार से जो सफलता के आयाम के लिये जरूरी है ये  सफलता के मंत्र महत्वपूर्ण बाते।

 

 बालोद :- इस संसार में भिन्न-भिन्न प्रकृति वाले लोग रहते है, सबके लिए सफलता के मायने अलग-अलग होते हैं,कोई ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाकर सफल होना चाहता है तो कोई ख्याति प्राप्त करके समाज में अपनी अहम भूमिका प्रस्तुत कर लोगों के बीच अपना वर्चस्व स्थापित करने को सफलता मानते हैं।

 

    एक छोटे बच्चों के लिए नर्सरी क्लास में ABCD याद कर लेना सफलता है। तो वही युवा वर्ग में प्रतियोगी परीक्षा IAS ,PCS ,SSC जैसे को पास करने को सफलता मानते हैं।

 वहीं कुछ लोग राजनीति में अपना सफर तय करके ऊंचे पदों पर रहने को सफलता मानते हैं तो कुछ युवा लोग खेल के प्रति अपना जीवन समर्पित करके देश का मान सम्मान बढ़ाते हैं।

  खेल के माध्यम से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने प्रतिभा दिखाकर देश को गौरवान्वित महसूस करवाते हैं।

   जीवन में चाहे आप स्कूली पढ़ाई करते हैं या फिर किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं आपको जीवन में साधारण सा बदलाव लाने की जरूरत होती है जिंससे सफलता पाने में मदद मिलती है। 

अपने आप को शिक्षा के माध्यम से इतना सुसज्जित करना चाहिए जिससे आप हमेशा ज्ञान के बल पर अपने लक्ष्य पर फोकस कर पाए और समाज के बीच एक मिसाल पेश कर पाए।

 जीवन में लोग अक्सर छोटी खुशी पाने के चक्कर में अपने लक्ष्य पर ध्यान नहीं देते हैं। जिससे उन्हें सफलता नहीं मिल पाता। अपने जीवन में लक्ष्य को महाभारत के अर्जुन की तरह साधना चाहिए जिससे सफलता मिलना तय रहे।

  ✍️  पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य में प्रति सजग रहना चाहिए।

बचपन में शिक्षा के साथ-साथ विद्यालयों में खेल-कूद में भी ध्यान दिया जाता था। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग और विचार निवास करते हैं। 

शारीरिक दक्षता भी सफलता की सूची में एक महत्वपूर्ण योगदान अदा करती है। शरीर की गतिविधियां आपके किसी भी काम या लक्ष्य प्राप्त करने में बहुत ही सफल कारगर साबित होता है अगर आपका शरीर स्वस्थ है तो सकारात्मक व मानसिक रूप से किसी भी विषय पर निर्णय लेने और उसको लोगों के बीच में समझने में आप अपने को सक्षम महसूस करेंगे।

 हमें अपनी शारीरिक ,मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि हम खुश ,सकारात्मक और सुरक्षित जीवन जी सकें है।

✍️ हमारे जीवन में सफलता के सीढ़ियों में अध्यात्म का भी बहुत योगदान रहता है अध्यात्म सफल जीवन निर्माण का मूल सूत्र होता है।

   जीवन का शुरुआत संस्कारों से होता है संस्कार हमें अध्यात्म से मिलती है,अध्यात्म के बिना जीवन अधूरा सा है। व्यक्ति चाहे कैसा भी जीवन जी रहा हो मन अशांत , व्याकुल और अस्थिर है, तो वह जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाता।

   इसके लिए हमें अपने जीवन में अध्यात्म सदग्रंथ का सहारा लेना पड़ता है जिससे हमें जीवन में अपने आप को संयम व नियमित रूप रख सके जिस व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म हो और आदर्श महापुरुषों का प्रेरक जीवन चरित्र व संघर्ष की कहानी उनके त्याग सांस पराक्रम अध्ययन करने से हमें एक सकारात्मक सोच व ऊर्जा बल प्राप्त होता है।

   अध्यात्म के बहुत सारे अंग होते हैं, योग, प्राणायाम, ध्यान आदि के माध्यम से व्यक्ति जीवन में कैसे भी परिस्थिति में हो उसे आसानी पूर्वक समाधान निकाल कर उसे पर सफलता प्राप्त कर सकता है।

मानवीय जीवन में अनुशासन एक मूल तत्व होता है व्यक्ति स्वयं को नियंत्रित करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुशासित होना पड़ता है। अनुशासन से एक अच्छा जीवन शैली निर्मित होता है।

 अनुशासन जीवन में सफलता पाने में एक महत्वपूर्ण अंग होता है।

  विद्यार्थी जीवन में अनुशासन होना बहुत जरूरी है। स्टूडेंट लाइफ हो या सामाजिक जीवन हर जगह अनुशासन का पालन करना चाहिए।

  पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन का भी पालन करना चाहिए तभी हमें शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास प्राप्ति होती है।

 अनुशासन से हमें आगे बढ़ाने की दिशा मिलती है नई चीजों को सीखने व कम समय में अधिक अनुभव प्राप्त करने में जैसे बहुत सारे अवसर प्राप्त होते हैं। हम सभी को अपने जीवन में अनुशासन का कड़ाई से पालन करना चाहिए।

 सफलता की कहानियों में दृढ़ संकल्प व दृढ़ता भी एक अंग है।

 किसी भी प्रकार के सफलता को अर्जित करने के लिए दृढ़ संकल्प व निश्चय का होना बहुत जरूरी है। यह आपकी मानसिकता को परिभाषित करता है जीवन में अपनी गलतियों से सीखने और उसका विश्लेषण करके उसका बेहतर परिणाम और समाधान निकाला जा सकता है।

  असफलता को असफलता के रूप में देखना यह बहुत आसान है लेकिन उसकी सफलता का मूल भाव को जानने की कोशिश नहीं किया जाता।

 असफलता तभी होती है जब आप उसे कार्य के प्रति हार मान लेते हैं और कोशिश करना बंद कर देते हैं। यदि आप में दृढ़ता और दृढ़ संकल्प नहीं है तो कोई भी शिक्षा आपके प्रतिभा इसका भरपाई नहीं कर सकता। जीवन में ऐसी मानसिकता बनाने की जरूरत है जो अनेक अनेकों चुनौतियां के बावजूद भी आपको उसे पर सफलता पाने से रोक ना सके।

   हमें अपने जीवन में सफल होने के लिए व सफल जीवन बनाने के लिए इन सभी बातों का ज्ञान होना जरूरी है।

धन्यवाद।।

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद

मो नम्बर :- 94255 72406