Law point news - मन में जहर ले कर ससुराल जाने वाली महिलाएं, प्यार की माहौल कैसे पैदा करेगी...
संपादक आर के देवांगन
कुटुंब न्यायालय में ऐसे अनेकों केस देखने को मिलता है,..ये हमारे समाज के लिए चिंता का विषय है
ऐसा ही एक मामले में गुरुर ब्लाक की आवेदिका/पत्नी का विवाह उतई ब्लाक अनावेदक/पति के साथ हुआ था, विवाह के बाद से ही बार बार मायके चले जाती थी, पति को सगी बहन से गलत संबंधों का आरोप लगाती थी, ससुर द्वारा छेड़छाड़ करने और पेट्रोल डाल कर जलाने का आरोप लगाती थी, फिनाइल और आयरन की गोली खा कर मर जाने की दिखवा कोशिश करती थी, पति बेचारा उनके उक्त बुरे आचरण की शिकायत उनके मायके परिवार में करके समझाइश देने का निवेदन करने के परिणाम स्वरूप आवेदिका लगभग 3 वर्ष तक अनमने मन से ससुराल में रही और एक प्यारी बेबी को जन्म दी, परंतु पत्नी के मन में कुछ और चल रहा था, इस कारण से अपने 6 माह की बेबी को ससुराल में छोड़ कर किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ मायके आ गई और दहेज की मांग कर मारपीट करने का झूठी शिकायत करते हुए भरण पोषण का आवेदन परिवार न्यायालय बालोद में पेश को थी, उक्त आरोपों का बचाव पति की ओर से अधिवक्ता भेष कुमार साहू के द्वारा विधिसम्मत करने पर विद्वान कुटुंब न्यायालय के द्वारा आवेदिका, अपने पति से बिना पर्याप्त कारण के पृथक निवास करना प्रमाणित मानते हुए उनके आवेदन को खारिज करने का आदेश पारित किया है, .....उक्त आदेश से पत्नी पीड़ित लोगों के द्वारा सत्य और न्याय की जीत कहते हुए अधिवक्ता साहू को बधाई, शुभ कामनाएं दी, तथा शासन से पुरुष आयोग गठित करने की मांग करने की बात कही...